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क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस युवा पेशेवरों के लिए जरूरी

आमतौर पर युवा प्रोफेशनल नियमित हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में जानना नहीं चाहते। ज्यादातर युवा प्रोफेशनल तो क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस व नियमित हेल्थ इंश्योरेंस का अंतर भी नही बता पाते। ऐसे लोगों को क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस का महत्व तभी समझ में आता है, जब ये खुद या इनका कोइ

By Edited By: Published: Sun, 21 Sep 2014 11:24 PM (IST)Updated: Mon, 22 Sep 2014 05:20 AM (IST)
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस युवा पेशेवरों के लिए जरूरी

आमतौर पर युवा प्रोफेशनल नियमित हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में जानना नहीं चाहते। ज्यादातर युवा प्रोफेशनल तो क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस व नियमित हेल्थ इंश्योरेंस का अंतर भी नही बता पाते। ऐसे लोगों को क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस का महत्व तभी समझ में आता है, जब ये खुद या इनका कोई नजदीकी ऐसी परिस्थितियों में फंस जाता है। लेकिन आज के जमाने में यह जरूरी है कि युवा प्रोफेशनल भी इस तरह के उत्पादों को जानें और खुद को इनके जरिये सुरक्षित करें।

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आज के जमाने में किसी को ताज्जुब नहीं होगा जब तीस वर्ष के आसपास की उम्र का कोई युवा प्रोफेशनल जांच में किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त पाया जाए। ऐसे लोगों को विशेष प्रकार की देखभाल की आवश्यकता भी होती है। कार्डियक अटैक, बाईपास सर्जरी, स्ट्रोक और रेनल फेलियर जैसी गंभीर बीमारी की स्थिति में वित्तीय बोझ इतना ज्यादा होता है जिसे नियमित हेल्थ इंश्योरेंस से पूरा नहीं किया जा सकता।

किसी भी युवा प्रोफेशनल, जिसके ऊपर परिवार की भी जिम्मेदारी है गंभीर बीमारी की स्थिति में आने का मतलब है आमदनी का नुकसान, आंशिक या पूर्ण अक्षमता और जीवन स्तर में पूर्ण बदलाव। आमतौर पर नियमित हेल्थ इंश्योरेंस प्लान डाक्टर की फीस और अस्पताल में भर्ती होने के खर्चो तक ही सीमित होते हैं। वे इलाज पर आने वाले पूरे खर्च को कवर नहीं करते। साथ ही नियमित हेल्थ प्लान में महंगे खर्चो की भी सीमा होती है।

इसके बाद लोगों के पास अपनी जेब से खर्च करने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाता।

ऐसी स्थितियों से बचने के लिए क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत के बीच युवा प्रोफेशनल कर्मियों का पारिवारिक जीवन किसी गंभीर बीमारी की वजह से प्रभावित न हो इसके लिए जरूरी है कि क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान समय रहते चुन लिया जाए।

ज्यादातर क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान इस तरह डिजाइन किए जाते हैं जो युवा प्रोफेशनलों की ज्यादा से ज्यादा चिंता को कवरेज में समेट लेते हैं। आमतौर पर इस तरह के प्लान बीमारी की पहचान होने पर ही एकमुश्त रकम का भुगतान कर देते हैं। इस तरह के प्लानों की सबसे अच्छी बात यह है कि इनमें प्रीमियम बेहद कम रहता है। तीस वर्ष की आयु वाला एक युवा प्रोफेशनल पांच लाख रुपये का क्रिटिकल इलनेस प्लान केवल दो हजार रुपये सालाना के प्रीमियम पर ले सकता है। इसलिए युवा पेशेवरों के लिए करियर की शुरुआत में ही इसे खरीद लेना चाहिए।

मुकेश कुमार

एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर

एचडीएफसी एरगो जनरल इंश्योरेंस

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