बजट: जोड़-घटाव से आगे
छोटे और व्यक्तिगत निवेशकों के लिए बजट में ऐसे ढेरों उपाय किए गए हैं, जिनसे वे खुश हो सकते हैं। सबसे बड़ी सकारात्मक बात यह है कि इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड में टैक्स से छूट प्राप्त कुल निवेश की सीमा कई गुना बढ़ गई है। बहुत से लोग हैं, जिनका कहना है कि वित्त
छोटे और व्यक्तिगत निवेशकों के लिए बजट में ऐसे ढेरों उपाय किए गए हैं, जिनसे वे खुश हो सकते हैं। सबसे बड़ी सकारात्मक बात यह है कि इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड में टैक्स से छूट प्राप्त कुल निवेश की सीमा कई गुना बढ़ गई है।
बहुत से लोग हैं, जिनका कहना है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्हें निराश किया है, क्योंकि बजट में कोई भी बड़ा विचार नहीं है। मेरे लिए बजट में एक बड़ा विचार है-कई सरल व समझदारी भरे सकारात्मक उपाय मिलकर एक बड़ा विचार बनाते हैं। छोटे व व्यक्तिगत निवेशकों के लिए बजट में ऐसे ढेरों उपाय किए गए हैं, जिनसे वे खुश हो सकते हैं। सबसे बड़ा सकारात्मक विचार यह है कि इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड में टैक्स से छूट प्राप्त कुल निवेश की सीमा कई गुना बढ़ गई है। यह निवेशकों, म्यूचुअल फंड व पूरे शेयर बाजार के लिए फायदेमंद होगा। इस बड़े विचार को मैं क्रांतिकारी बदलाव करार दूंगा। इन बदलावों से एक नए जीव का सृजन हुआ है, जिसका नाम है म्यूचुअल फंड रिटायरमेंट प्लान। इसकी विस्तृत चर्चा मैं आगे करूंगा।
अब आप उन सभी श्रेणी की टैक्स छूट को जोड़िए, जो बजट में दी गई है। धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट प्राप्त निवेश की सीमा एक लाख से बढ़कर 1.5 लाख रुपये हो गई है। धारा 80 सी एकमात्र ऐसा विकल्प रही है, जिससे निवेशक इक्विटी निवेश कर सकते हैं और ऐसा करते समय टैक्स भी बचा सकते हैं। इसका मतलब है कि अब इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में निवेश किए जाने वाली राशि में बड़ी वृद्धि हो गई है।
दरअसल, 80 सी के तहत जब टैक्स छूट की सीमा एक लाख रुपये थी तो किसी भी करदाता के पास बीमा व दूसरी वैधानिक कटौतियों को छोड़कर ईएलएसएस में निवेश करने के लिए कोई विकल्प नहीं बचता था। इस धारा के तहत टैक्स छूट की सीमा में 50 प्रतिशत वृद्धि करने का मतलब है कि ईएलएसएस के तहत अब निवेशक दोगुना तक निवेश कर सकेंगे।
निवेश का एक और रास्ता खुला:
बजट में निवेश का एक और रास्ता खोला गया है, जिसे ज्यादातर लोगों ने नजरंदाज कर दिया है। इसका बजट भाषण में उल्लेख नहीं है। इसका छोटा सा जिक्र बजट दस्तावेजों के साथ आने वाले बजट सार में दिया है। इसमें कहा गया है कि पेंशन फंड व म्यूचुअल फंड लिंक्ड रिटायरमेंट प्लान के संबंध में समान टैक्स नीति। यहां पर पेंशन फंड का आशय है राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस)। इसका मतलब है कि म्यूचुअल फंड अब अपनी मौजूदा योजनाओं के रिटायरमेंट प्लान लांच कर सकते हैं। इन पर वैसे ही छूट प्राप्त होगी जैसे कि एनपीएस पर निवेश पर प्राप्त होती है।
दीर्घकालिक बचत में क्रांति:
हालांकि इसकी घोषणा होना अभी बाकी है। इसका मतलब है कि निवेशक अब इनमें अतिरिक्त एक लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं, जिस पर उन्हें धारा 80 सीसीडी के तहत छूट प्राप्त होगी। ये रिटायरमेंट बचत है। इसलिए यह रिटायरमेंट की उम्र होने तक लॉक इन रहेगी। इस तरह यह निवेशकों के लिए इक्विटी रिटर्न प्राप्त करने की खातिर दीर्घकालिक योजना का द्वार खोलती है। इस योजना का ब्योरा आने पर कुछ बातें ऊपर-नीचे हो सकती हैं, लेकिन इक्विटी बचत में निवेश की सीमा में यह बड़ी बढ़ोतरी करती है। अगर कोई व्यक्ति पहले अपनी 80 सी के तहत इक्विटी म्यूचुअल फंड की आधी सीमा का इस्तेमाल कर रहा था तो अब इसका योग बढ़कर दो लाख रुपये हो जाएगा। इस तरह दीर्घकालिक बचत में यह एक क्रांति है।
असर डालने वाले अन्य उपाय:
कई ऐसे उपाय भी हैं, जो म्यूचुअल फंड निवेश पर प्रभाव डालेंगे। उदाहरण के लिए सावधि योजनाएं अपना आकर्षण खो देंगी। इसी तरह बैंक की एफडी पर भी लोगों की रुचि कम हो जाएगी। बजट का मुख्य संदेश छोटे व व्यक्तिगत निवेशकों के लिए बड़ा समाचार है।
धीरेंद्र कुमार