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मध्यम वर्ग को बीमा के लिए बढ़ावा

किसी भी वित्त मंत्री का पहला पूर्ण बजट हमेशा महत्वपूर्ण होता है। कारण, इसमें सरकार की राजकोषीय नीति की झलक होती है। वित्त मंत्री ने विकासमूलक, प्रगतिशील बजट प्रस्तुत किया, जिसका मुख्य उद्देश्य राजकोषीय संतुलन के साथ विकास को रफ्तार देना है। बजट से जहां संघीय आर्थिक ढांचे को मजबूती

By Edited By: Published: Mon, 04 May 2015 01:57 AM (IST)Updated: Mon, 04 May 2015 02:13 AM (IST)
मध्यम वर्ग को बीमा के लिए बढ़ावा

किसी भी वित्त मंत्री का पहला पूर्ण बजट हमेशा महत्वपूर्ण होता है। कारण, इसमें सरकार की राजकोषीय नीति की झलक होती है। वित्त मंत्री ने विकासमूलक, प्रगतिशील बजट प्रस्तुत किया, जिसका मुख्य उद्देश्य राजकोषीय संतुलन के साथ विकास को रफ्तार देना है। बजट से जहां संघीय आर्थिक ढांचे को मजबूती मिलेगी, वहीं कॉरपोरेट सेक्टर को विकास के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्राप्त होगा। इसमें आम आदमी को भी बेहतर जीवन स्तर देने का प्रयास किया गया है।

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वंचित तबके पर ध्यान
बजट में सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था का प्रावधान है और यह प्रधानमंत्री जनधन योजना से प्रेरित है। यह एक त्रिस्तरीय सामाजिक प्रणाली है, जिससे खासकर वंचित तबके को लाभ होगा। एक तो इसमें प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना नाम से दुर्घटना बीमा की व्यवस्था है। इसके तहत दुर्घटना में मौत की स्थिति में बीमित व्यक्ति को दो लाख रुपये की राशि प्राप्त होगी।

दूसरा इसके लिए उससे महज 12 रुपये का सालाना प्रीमियम लिया जाएगा। इसके अलावा अटल पेंशन योजना नाम से एक पेंशन स्कीम शुरू की गई है, जबकि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत दो लाख रुपये की राशि प्राकृतिक या दुर्घटना में मौत की स्थिति में मिलेगी। इसका प्रीमियम भी महज 330 रुपये वार्षिक है। सरकार को उम्मीद है कि कम प्रीमियम की वजह से बड़ी संख्या में लोग इन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में आ जाएंगे। यही नहीं, वित्त मंत्री ने 2022 तक प्रत्येक परिवार के लिए 24 घंटे पानी-बिजली और रोजगार की व्यवस्था करने का वादा भी किया है।

मध्य वर्ग को बचत का संदेश
मध्य वर्ग के लोगों को बचत के लिए प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री ने उन्हें कई तरह की कर रियायतें प्रदान की हैं। सरकार चाहती है कि लोगों के पास रिटायरमेंट के बाद बचत का पैसा हो, ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ पहुंचे और लड़कियों को बढ़ावा मिले। इसके लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन की छूट 15000 रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी गई है। इसी तरह बुजुर्गों के इलाज पर 30 हजार रुपये तक के सालाना खर्च को कर मुक्त रखा गया है।

सुकन्या समृद्धि योजना अथवा बालिकाओं से संबंधित लघु बचत खाते को भी कर मुक्त कर दिया गया है। यह स्कीम इस साल की शुरुआत में प्रारंभ की गई थी। नई पेंशन स्कीम में निवेश पर टैक्स डिडक्शन सीमा को 50 हजार रुपये बढ़ाने का एलान भी वित्त मंत्री ने किया है।

परंतु बजट में सर्विस टैक्स की दर को 12.36 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद कर दिया गया है। इससे शहरों में रहने वाले लोगों के बाहर खाने, ऑनलाइन शॉपिंग, घूमने-फिरने, जिम जाने, बीमा, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने तथा यहां तक कि क्रेडिट व डेबिट कार्ड से लेन-देन करने पर भी ज्यादा टैक्स अदा करना होगा। परंतु अगले साल वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने के लिए इस साल ऐसा करना जरूरी था।

उद्यमिता व लघु-मध्यम उद्यमों को बढ़ावा
वित्त मंत्री ने भारत के युवाओं की कल्पना रोजगार अन्वेषक के बजाय रोजगार सर्जक के तौर पर की है। यही वजह है कि उन्होंने नया उद्यम शुरू करने के इच्छुक युवाओं को कर्ज की सुविधा प्रदान करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इसके अलावा युवा प्रतिभाओं को तराशने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण की विशिष्ट स्कीमों का एलान भी किया गया है।

लघु व मझोले उद्योग जो हमारे देश की रीढ़ हैं उन्हें भी बजट में प्रोत्साहन दिया गया है। इस क्षेत्र को कर्ज देने के लिए वित्त मंत्री ने माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी अथवा मुद्रा बैंक की स्थापना का एलान किया है। विभिन्न मंत्रालयों द्वारा अलग-अलग स्तर पर चलाए जा रहे विभिन्न दक्षता विकास कार्यक्रमों को एक में समाहित करने के लिए सरकार शीघ्र ही राष्ट्रीय दक्षता मिशन प्रारंभ करेगी।

दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना के लिए 1500 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। ये सारी चीजें ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का हिस्सा हैं जिसे देश में मैन्यूफैक्र्चंरग को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। इन कदमों से समाज के सभी वर्गों को लाभ होगा। वित्त मंत्री ने कॉरपोरेट टैक्स की सीमा को 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद कर दिया है।
वी विस्वानंद
सीओओ, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस

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