30 की उम्र से पहले क्यों खरीदना चाहिए मेडिकल इंश्योरेंस, जानिए पांच बड़े कारण
अधिकांश कंपनियों की ओर से 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर दिया जाता है। जाहिर है यह आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। कहा जाता है कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। ऐसे में स्वास्थ्य बीमा या चिकित्सा बीमा कवर हर व्यक्ति के जीवन में आवश्यक है। भारत में जहां ईलाज का खर्च महंगा है वहां स्वास्थ्य बीमा लेना किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत राहत वाली बात है। वित्तीय सलाहकार अक्सर लोगों को जीवन के शुरुआती उम्र में स्वास्थ्य बीमा खरीदने की राय देते हैं। इसलिए अगर आप 30 की उम्र से पहले स्वास्थ्य बीमा ले रहे हैं तो यह आपके लिए अच्छी बात होगी। हम यहां बता रहे हैं कि क्यों आपको 30 की उम्र से पहले स्वास्थ्य बीमा ले लेना चाहिए।
जल्द खरीददारी का फायदा: अगर आप शुरुआती उम्र स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम खरीदते हैं तो इससे आपको महीने में कम पैसे खर्च करने होंगे। फर्ज कीजिए आप 25 साल की उम्र में 5 लाख रुपये का मेडिकल इंश्योरेंस खरीदते हैं, तो इसके लिए आपको 5,000 रुपये महीना देना होगा। जब आप 35 की उम्र में पहुंचेंगे तो बीमा कवर की लागत बढ़कर प्रति माह 6,000 रुपये हो जाती है और जब आप 45 वर्ष की उम्र में जाएंगे तो यही लागत बढ़कर प्रति माह 8,000 रुपये हो जाती है। इसलिए वित्तीय सलाहकार लोगों को जीवन के शुरुआती समय में चिकित्सा बीमा कवर खरीदने की बात कहते हैं।
बेहतर वित्तीय नियोजन: अगर आप समय से स्वास्थ्य बीमा करा लेते हैं तो यह आपको किसी भी आपात चिकित्सा स्थिति के मामले में बचाता है। अगर आपके पास मेडिकल इंश्योरेंस नहीं है, तो आपात चिकित्सा की स्थिति में आपके सामने वित्तीय अस्थिरता आ सकती है। कई बार उपचार के लिए आपको लाखों रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो इससे आपके भविष्य के वित्तीय योजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिए सबसे बेहतर है कि आप 30 की उम्र से पहले स्वास्थ्य बीमा कवर खरीद लें।
शुरुआती खरीदारी के खर्च: स्वास्थ्य बीमा खरीदने के कई फायदे हैं। मान लीजिए आपको लगता है कि अभी इसकी जरूरत आपको नहीं है तो क्यों खरीदें। लेकिन इसका फायदा आपको बाद में मिलेगा। अगर ख़ुदा न ख़्वास्ता आपकी तबियत कभी ज्यादा खराब हो जाती है तब आपको इसकी अहमियत पता चलेगी। इसके अलावा 30 की उम्र से पहले बीमा खरीदने पर आपको बोनस का फायदा भी मिल सकता है।
कंपनी की ओर से मिलने वाले बीमा पर न रहें निर्भर: अधिकांश कंपनियों की ओर से 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर दिया जाता है। जाहिर है यह आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है। पिछले कुछ वर्षों देखा गया है कि स्वास्थ्य देखभाल की लागत भी बढ़ गई है। इसलिए चिकित्सा की आपात स्थिति के मामले में कंपनी से मिलने वाला बीमा कवरेज एक या दो बार ही काम आ सकता है। इसलिए भविष्य में किसी भी वित्तीय संकट से निपटने के लिए चिकित्सा बीमा कराकर रखें।
टोटल हेल्थ कवरेज: युवा अवस्था में चिकित्सा बीमा खरीदना सबसे बेहतर है। क्योंकि यह भविष्य में आने वाले किसी भी आपात चिकित्सा स्थिति से निपटने के लिए एक कम्पलीट सुरक्षा गार्ड है। मालूम हो कि चिकित्सा बीमा के अंतर्गत न केवल अस्पताल में भर्ती का खर्च आता है बल्कि इसमें ओपीडी का खर्च भी शामिल है। सभी प्रकार की बीमारियों को चिकित्सा बीमा के तहत कवर किया जाता है।