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इंश्योरेंस कंपनी रद्द कर सकती है आपका क्लेम, अगर आपने किया कुछ ऐसा

इंश्योरेंस प्लान के अंदर आतंकवादी हमलों को शामिल नहीं किया जाता है।

By Sakshi PandyaEdited By: Published: Sun, 15 Jul 2018 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 07:18 PM (IST)
इंश्योरेंस कंपनी रद्द कर सकती है आपका क्लेम, अगर आपने किया कुछ ऐसा

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अपने परिवार या चाहने वालों को किसी भी अप्रत्याशित हालात में आर्थिक मदद देने के लिए लाइफ इंश्योरेंस (जीवन बीमा) सबसे सुरक्षित रास्ता है। लेकिन कभी-कभी कुछ गलतियों या जानकारी नहीं होने की वजह से आपका इंश्योरेंस क्लेम (बीमा दावा) रद्द हो सकता है। इंश्योरेंस लेने से पहले यह जानना भी अहम हो जाता है कि ऐसे कौन से कारण हैं जिससे इंश्योरेंस क्लेम को बीमा कंपनी द्वारा नामंजूर किया जा सकता है। इससे पहले कि आप अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी को ओके कर दें, हम आपको बताते हैं ऐसी ही 9 वजहें जो आपके इंश्योरेंस क्लेम के लिए खतरा पैदा करती है।

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गलत सूचना उपलब्ध कराना: इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते वक्त अगर आप कुछ गलत सूचना जैसे मेडिकल हिस्ट्री के बारे में नहीं बताते तो ऐसे में आपके क्लेम के रद्द होने की संभावना बढ़ जाती है।

पॉलिसी खरीदने के बाद स्मोकिंग: सिगरेट नहीं पीने वालों की तुलना में सिगरेट पीने वालों का लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम अधिक होता है। जिस व्यक्ति का इंश्योरेंस है और उसने इंश्योरेंस खरीदने के बाद स्मोकिंग शुरू कर दी है तो पॉलिसी होल्डर के लिए यह जरूरी है कि वो इंश्योरेंस कंपनी को इसकी जानकारी दे। इसकी वजह से आपके प्रीमियम में इजाफा भी हो सकता है। अगर इंश्योरेंस के अंदर आने वाले व्यक्ति ने समय पर अपने बदलते स्वास्थ्य आदतों की जानकारी नहीं दी और किसी बीमारी की वजह से उसकी लाइफ को खतरा होता है तो कंपनी क्लेम राशि देने से मना कर सकती है।

नशे में ड्राइविंग करना (Drunk Driving): अगर इंश्योरेंस कंपनी को यह लगता है कि घायल व्यक्ति अल्कोहल या ड्रग्स लेने के बाद ड्राइविंग कर रहा था और इसी वजह से उसकी मौत हुई है। इस स्थिती में कंपनी के पास अधिकार है कि वो इंश्योरेंस क्लेम को रद्द कर दे।

कानून को तोड़ना (Breaking a Law): अगर किसी अपराध में शामिल होने या फिर कानून तोड़ने के नतीजे के रूप में पॉलिसी होल्डर की मौत हो जाती है तो भी इंश्योरेंस कंपनी क्लेम देने से इनकार कर सकती है।

भारत के बाहर मृत्यु (Death Outside India): अगर बीमाकृत व्यक्ति (Insured Person) विदेश में जाकर बसने की योजना बनाता है तो इंश्योरेंस पॉलिसी नियम (क्लॉज) के अंतर्गत इसके बारे में उसे इंश्योरेंस कंपनी को बताना चाहिए। ये क्लॉज कहता है कि पॉलिसी होल्डर को क्लेम किये गये दावों को निपटाने के लिए अपने नए रेजिडेंट कंट्री के बारे में बताना जरूरी है। हालांकि, टर्म इंश्योरेंस प्लान में ऐसी कोई बात नहीं होती। वहां अगर आप दूसरे देश में जाकर बसते हैं तो भी आपके क्लेम का भुगतान किया जाता है।

आतंकवादी हमला (Terrorist attack): इंश्योरेंस प्लान के अंदर आतंकवादी हमलों को शामिल नहीं किया जाता है। इस तरह के दावों को मानवीय आधार पर निपटाया जाता है और वो भी तब जबकि नॉमिनी इस बाबत इरडा से संपर्क करे। लेकिन ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां इस तरह की घटनाओं के लिए बीमा कवर उपलब्ध नहीं कराती हैं।

प्राकृतिक आपदा (Natural Calamities): प्राकृतिक आपदा जैसे कि भूकंप, बाढ़, सूनामी की वजह से हुई मौत आमतौर पर इंश्योरेंस प्लान के अंदर नहीं आते। हालांकि, इस तरह की आपदाओं को कवर करने के लिए आप एड-ऑन प्लान चुन सकते हैं।

एडवेंचर स्पोर्ट्स (Adventure Sports): बंजी जम्पिंग, स्काई डाइविंग जैसे खेल जिसमें जान को खतरा होता है और पावर बोट रेसिंग, टाइम मोटर स्पोर्ट जैसे आउटडोर खेल में भाग लेने की वजह से हुई मौत भी इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर नहीं होती। कार रेसिंग और बाइक रेसिंग में शामिल होने के दौरान हुई मौत के लिए भी बीमा कंपनियां कोई भुगतान नहीं करती।

मानव हत्या (Homicide): हत्या होने की स्थिति में, अगर इंश्योरेंस कंपनी को यह पता चलता है कि आरोपी नॉमिनी है तो इंश्योरेंस क्लेम उस वक्त तक के लिए रद्द हो जाता है जबतक कि उस पर लगे सारे आरोप हटा नहीं लिये जाते और नॉमिनी को छोड़ नहीं दिया जाता।


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