PLI का लाभ लेने के लिए करना होगा 50 फीसद तक वैल्यू एडीशन, आयात कर एसेंबलिंग से नहीं चलेगा काम
अब तक 85 कंपनियां आवेदन कर चुकी हैं और 6884 करोड़ रुपए का निवेश भी किया जा चुका है। कुछ कंपनियां उत्पादन भी शुरू कर चुकी है लेकिन अब तक किसी ने पीएलआई स्कीम का लाभ लेने के लिए दावा नहीं किया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ऑटोमोबाइल सेक्टर में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) स्कीम का लाभ लेने के लिए कंपनियों को ऑटोमोबाइल निर्माण में 50 फीसद तक घरेलू स्तर पर मूल्यवर्धन (वैल्यू एडीशन) करना अनिवार्य होगा।
पीएलआई स्कीम के तहत लाभ लेने वाली कंपनियां
इलेक्टि्रक वाहनों के निर्माण में कई कंपनियां अभी सभी कंपोनेंट्स का आयात करके उसे एसेंबल कर बेच रही हैं। इस प्रकार के निर्माण को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम का लाभ नहीं दिया जाएगा। गुरुवार को भारी उद्योग मंत्रालय ने पीएलआई स्कीम के तहत लाभ लेने वाली कंपनियों के लिए प्रक्रिया संचालन के मानक (एसओपी) जारी किए।
संचालन प्रक्रिया की समय-समय पर की जाएगी जांच
मंत्रालय के मुताबिक पीएलआई स्कीम के तहत ऑटोमोबाइल कंपनियों की संचालन प्रक्रिया की समय-समय पर जांच की जाएगी ताकि यह पता लग सके कि ये कंपनियां तय मानकों का पालन कर रही है या नहीं। मंत्रालय की तरफ से तय एजेंसी इस प्रकार की जांच का काम करेंगी। पिछले साल कई इलेक्टि्रक दोपहिया वाहनों की बैट्री के फटने का मामला सामने आया था।
मंत्रालय का लक्ष्य घरेलू निर्माण को बढ़ावा देना
एसओपी से इस प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सकेगा। भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने बताया कि एसओपी से गुणवत्ता वाले उत्पाद का निर्माण होगा और मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि मंत्रालय का लक्ष्य घरेलू निर्माण को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता कम करना है।ऑटोमोबाइल पीएलआई की घोषणा वर्ष 2021 के सितंबर माह में की गई थी।
इस स्कीम में ऑटोमोबाइल से जुड़े 19 प्रकार के वाहन और 103 प्रकार के कंपोनेंट्स निर्माण को शामिल किया गया है। अब तक 85 कंपनियां आवेदन कर चुकी हैं और 6884 करोड़ रुपए का निवेश भी किया जा चुका है। कुछ कंपनियां उत्पादन भी शुरू कर चुकी है, लेकिन अब तक किसी ने पीएलआई स्कीम का लाभ लेने के लिए दावा नहीं किया है। ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम के तहत 25,938 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।