Retirement Planning क्यों है जरूरी? इसमें किन बातों का रखना चाहिए ध्यान, एक्सपर्ट से जानिए
आप निश्चिंत कैसे हो सकते हैं कि आपको बिना किसी जोखिम के 7 से 8 फीसदी रिटर्न मिलेगा ही जबकि हमने यह देखा है कि हाल के वर्षों में ब्याज दरों में भारी गिरावट आई है। आप मौजूदा हालात को देखते हुए किसी तरह का अंदाजा नहीं लगा सकते।
नई दिल्ली, सीए मनीष पी. हिंगर। ज्यादातर लोग 45 साल की उम्र तक तो यही सोचते हैं कि रिटायरमेंट या सेवानिवृत्ति के बारे में सोचने के लिए अभी बहुत समय है और इसको लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। 45 से 60 साल की उम्र वाले लोग सोचते हैं कि उनके पास शांति से रिटायर होने के लिए पर्याप्त फंड है। कई अध्ययन से यह बात सामने आई है कि रिटायर होने के बाद भी करीब 62 फीसद लोग कोई नौकरी या काम करते हैं, क्योंकि बिना नौकरी या कोई काम-धंधा किए उनका काम नहीं चल सकता। इसी तरह 76 फीसदी लोग रिटायरमेंट के बाद अपने बच्चों या कुछ सरकारी फायदों पर आश्रित रहते हैं।
ये तथ्य चेतावनीजनक हैं, क्योंकि आज की कम भावुक दुनिया में अगले वर्षों में रिटायरमेंट सबसे बड़ी चुनौती होने वाली है। सबसे युवा लोगों की जनसंख्या वाला देश भारत निस्संदेह आने वाले वर्षों में रिटायरमेंट की चुनौतियों का ज्यादा सामना करने वाला है, क्योंकि हमारे यहां रिटायरमेंट के बाद लोगों को किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा या खास सरकारी मदद हासिल नहीं होती।
हमें अपना रिटायरमेंट अपने पास मौजूद फंड या निधि के भरोसे ही काटना होता है। मैंने यह पाया है कि 45 से 55 साल के ज्यादातर लोग यह बताते हैं कि उनके पास इतना फंड है और उससे उन्हें बिना किसी जोखिम के 7 फीसदी का रिटर्न मिल रहा है, जो कि उनके लिए शांतिपूर्वक रिटायर होने के लिए काफी है। यह ऐसी आम गलती है जिसे लोग अक्सर करते हैं।
आप इस बात के लिए निश्चिंत कैसे हो सकते हैं कि आपको बिना किसी जोखिम के 7 से 8 फीसदी रिटर्न मिलेगा ही, जबकि हमने यह देखा है कि हाल के वर्षों में ब्याज दरों में भारी गिरावट आई है। आप मौजूदा हालात को देखते हुए किसी तरह का अंदाजा नहीं लगा सकते। इन 45 से 55 साल की उम्र वाले लोगों को मेरी सलाह यह है कि रिटायरमेंट के बाद निधि की गणना करने के लिए कृपया 2 से 3 फीसद के ही जोखिम मुक्त रिटर्न की उम्मीद करें।
मैनें लोगों को दूसरी जो आम गलती करते हुए देखा है, वह यह है कि लोग बच्चों की शादी जैसे लक्ष्यों को बहुत महत्व देते हैं और इन पर काफी ज्यादा खर्च करते हैं। वे शादी के शानदार सेलिब्रेशन के लिए अपने पीएफ तक से रकम निकाल लेते हैं। वे यह सोचते हैं कि रिटायरमेंट के बाद उनके बच्चे उनका उसी तरह से ध्यान रखेंगे, जैसा कि उन्होंने अपने मां-बाप का ख्याल रखा था।
यह सबसे बड़ी गलत धारणा है। असल में हम जिस तरह से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक दुनिया की तरफ बढ़ रहे हैं, उससे आगे लोग भावुकता से कम और इलेक्ट्रॉनिक रूप से ज्यादा जुड़े होंगे और हमारा समाज पश्चिमी संस्कृति को अपनाता जा रहा है। इसलिए अपने बच्चों में ‘राम लक्ष्मण‘ या ‘श्रवण कुमार‘ ढूंढ़ना बेमानी होगा और ऐसे बच्चे दुर्लभ ही होंगे। इसलिए आपको अपने रिटायरमेंट का खुद ही ध्यान रखना होगा और इसे सबसे ज्यादा प्राथमिकता देनी होगी। उस समय आपके बच्चे भी यदि आपकी मदद करते हैं तो यह आपके लिए बहुत तकदीर वाली बात होगी।
रिटायरमेंट के लिए योजना बनाना काफी गंभीर बात है और यह काम काफी समय मांगता है तथा इसके लिए किसी विशेषज्ञ की भी मदद लेनी चाहिए। रिटायरमेंट के लिए योजना बनाते समय हमें निम्न सवालों का जवाब तलाशना चाहिएः
1. रिटायरमेंट के समय आपके पास कितनी निधि होनी चाहिए?
2. किस तरह से विविधता रखते हुए रिटायरमेंट के बाद आमदनी के दो स्रोत रखे जा सकते हैं, जो जोखिममुक्त तो हों ही, आजीवन चलते रहें?
3. अपने रिटायरमेंट के लिए मुझे अभी से कितनी रकम अलग रख लेनी चाहिए?
किसी भी व्यक्ति को 40 साल की उम्र में रिटायरमेंट की प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए, आप इसमें जितनी ही देरी करेंगे, आपको अपने रिटायरमेंट की जरूरत में उतनी ही कुर्बानी देनी पड़ेगी। इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि रिटायरमेंट निधि बनाने के लिए आपको वास्तव में कितनी रकम की बचत शुरू करनी है। रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए बहुत सरल प्रक्रिया इस प्रकार हैः
1. महंगाई, चिकित्सा के खर्चे और अन्य जरूरतों को देखते हुए इस बात का अंदाजा लगाएं कि आपको हर महीने कितनी रकम की जरूरत होगी.
2. इस राशि को दो या तीन हिस्से में बांट कर अलग-अलग आय स्रोत के हिसाब से रखें।
3. ऐसे विभिन्न एसेट वर्ग की तलाश करें जिनमें आप रिटायरमेंट के समय अपनी इच्छित आमदनी के लिए अपनी रकम रखेंगे या निवेश करेंगे। रिटायरमेंट होने के बाद आमदनी के लिए तीन आदर्श एसेट यानी परिसंपत्ति के वर्ग हैं- पीएफ की राशि, रिटायरमेंट के लिए समर्पित म्यूचुअल फंड में जमा की गई आपकी राशि और एक कॉमर्शियल प्रॉपर्टी जिसमें आपको हर महीने अच्छा किराया मिल सके।
4. इस बात का अंदाजा लगाएं कि किसी भी एसेट वर्ग को तैयार करने के लिए आज से आपको कितना निवेश करने की जरूरत है, जो कि रिटायरमेंट के बाद आपको इच्छित आय दे सके।
अगर आप वित्त मामलों के जानकार नहीं हैं, तो मैं आपको यही सलाह दूंगा कि आप अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए किसी फाइनेंशियल प्लानर की मदद लें, जो थोड़े शुल्क लेकर आपकी मदद कर देगा। आप यदि एक्सेल पर कैलकुलेशन करने में सहज हैं और खुद ही गणना कर वांछित आंकड़े निकाल सकते हैं, तो आप यह काम खुद ही कर सकते हैं।
(लेखक फिनटू के संस्थापक हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)