दोपहिया वाहनों का बीमा देश के लिए बड़ी चुनौती
टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बीमा क्षेत्र में मौजूद अंतर को भरा जा सकता है। यही वजह है कि अपने बिजनेस के लिए केवल मोटर इंश्योरेंस को चुना है
नई दिल्ली(बालाचंद्र शेखर, सीईओ रिन्यूबॉय डॉट कॉम)। आज की तारीख में जब रेगुलेटर से लेकर सभी जानकार सीधे कंपनियों से पॉलिसी लेने की सलाह दे रहे हैं, ऐसे में आपकी कंपनी की प्रासंगिकता कैसे सिद्ध होगी?
-देखिए हम काफी कुछ ऐसा कर रहे हैं जो इस क्षेत्र में पहले किसी ने नहीं किया। हालांकि, हम ये नहीं कहते कि इस उद्योग में जो गड़बड़ियां हैं, उन सबको हम ठीक कर देंगे। लेकिन हम इतना जानते हैं कि कैसे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर बीमा क्षेत्र में मौजूद अंतर को भरा जा सकता है। यही वजह है कि हमने अपने बिजनेस के लिए केवल मोटर इंश्योरेंस को चुना है। उसमें भी केवल बाइक और कार इंश्योरेंस पर फोकस है। इसके लिए हमने ग्राहकों के हितों का ध्यान रखते हुए साधारण बीमा क्षेत्र की शीर्ष सात-आठ कंपनियों को ही चुना है।
यह सेगमेंट चुनने की कुछ खास वजह क्या रही?
-मौजूदा वक्त में कार और बाइक इंश्योरेंस का बाजार करीब 30,000 करोड़ रुपये का है। अगले पांच साल में इस बाजार के 50 से 60 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
अभी तक हमने जो अनुभव किया है उसके मुताबिक इस सेगमेंट में ज्यादातर ग्राहक ऑनलाइन बिजनेस को वरीयता देते हैं। इसलिए हमने तय किया है कि इसमें विशेषज्ञता हासिल करने के लिए उपभोक्ताओं को सेवाएं प्रदान करने के मामले में कितनी गहराई में जा सकते हैं।
ऑनलाइन ग्राहकों के लिए आपने अन्य कंपनियों के मुकाबले क्या बदलाव किए हैं?
-इसका जवाब देने से पहले मैं आपको बताना चाहूंगा कि देश में इस वक्त करीब 15 करोड़ बाइक और ढाई करोड़ कारें हैं। इन ढाई करोड़ कारों में से करीब 2.2 करोड़ कारों का मोटर इंश्योरेंस है। लेकिन 15 करोड़ बाइक में से 10 करोड़ बाइक ऐसी हैं जिनका इंश्योरेंस नहीं है। अभी तक इन लोगों को इंश्योरेंस के दायरे में लाने में सफलता नहीं मिली है। इसे सरकार ने खुद एक देशव्यापी समस्या माना है। हमें लगता है कि हमारे पास इस समस्या का समाधान है। इसलिए हम इन्हीं 10 करोड़ बाइकों पर फोकस कर रहे हैं। किसी ने भी इस सेगमेंट पर ध्यान नहीं दिया है। अब मैं बताता हूं कि हमने क्या बदलाव किया है। ऐसा नहीं है कि बाइक चलाने वाले ये दस करोड़ लोग बीमा कराना ही नहीं चाहते। ये लोग जानते ही नहीं कि इन्हें बीमा कहां से कराना है और इसके लिए किससे संपर्क करना है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादातर कंपनियां दोपहिया वाहन बीमा बेच ही नहीं रही हैं। और जो बेच रही हैं वे कहती हैं कि ग्राहक उनकी ब्रांच पर आए। इसे देखते हुए हमने अपने अनुभव के आधार पर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इस प्रकार किया है, जिससे ग्राहक के लिए मोटर बीमा हासिल करना आसान हो जाए। हम वेबसाइट पर तुरंत पॉलिसी उपलब्ध करा रहे हैं। इसके तहत वाहन की फिजिकल जांच की आवश्यकता भी नहीं है। यहां तक अगर पुरानी पॉलिसी लैप्स भी कर गई है तो भी। ऐसा करके ही हम उन दस करोड़ बाइक मालिकों को एक समाधान दे रहे हैं जिससे उनके लिए मोटर बीमा कराना आसान हो जाए।
लेकिन आप इन दस करोड़ बाइक मालिकों तक पहुंचेंगे कैसे?
-इन दस करोड़ में से एक-दो करोड़ तो ऐसे होंगे ही जो आमतौर पर ऑनलाइन सर्च करते होंगे। इन लोगों के लिए हम गूगल पर ऑनलाइन प्रोमोशन का अभियान चलाएंगे। बाकी आठ करोड़ लोगों के लिए भी हमने कुछ नया करने की योजना बनाई है। मसलन किसी को यदि फॉर्म भरने में दिक्कत है या फिर अगर किसी की पॉलिसी लैप्स हो गई है तो उसे केवल इतना ही करना है कि वह अपनी पुरानी पॉलिसी का फोटो खींच उसे हमारे ऐप पर अपलोड कर दे। उसका बाकी काम हम खुद कर देंगे। हमारा मानना है कि बाकी बचे आठ करोड़ में से एक करोड़ लोग ऐसे होंगे जो हमारी इस सुविधा को अपना लेंगे। शेष सात करोड़ के लिए हम समाज में से कुछ चुनिंदा लोगों का एक ग्रुप तैयार कर रहे हैं। इस ग्रुप को हम रिन्यूबॉय पार्टनर नेटवर्क बुलाएंगे। ये लोगों को रिन्यूबॉय की जानकारी देंगे और उन्हें समझाएंगे कि हमारी वेबसाइट पर वे कैसे बीमा प्राप्त करेंगे।