Move to Jagran APP

Share Market Tips: इस साल का करेक्शन अस्थायी, 2022-24 स्टॉक मार्केट के लिए साबित होगा स्वर्णिम काल

ऐतिहासिक ट्रेंड्स के विश्लेषण से पता चलता है कि बुल या बीयर मार्केट का साइकिल तकरीबन 20-25 साल का होता है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 01:07 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 07:29 PM (IST)
Share Market Tips: इस साल का करेक्शन अस्थायी, 2022-24 स्टॉक मार्केट के लिए साबित होगा स्वर्णिम काल
Share Market Tips: इस साल का करेक्शन अस्थायी, 2022-24 स्टॉक मार्केट के लिए साबित होगा स्वर्णिम काल

नई दिल्ली, किशोर ओस्तवाल। कोविड-19 के चलते जब शेयर बाजार बुरी तरह लुढ़क गए थे तो हमने स्पष्ट तौर पर कहा था कि मार्केट ओवर-रिएक्ट कर रहा है। उस समय बाजार 1991 के वैल्यूएशन के आसपास पहुंच गया था। ऐसे में कम दाम में शेयरों को खरीदने का बहुत अच्छा मौका बन गया था। हमें फॉलो करने वाले लोगों ने अच्छे पैसे बनाए हैं, जो वो पिछले दशक में नहीं कर पाए थे। कई लोग बहुत अधिक भय, विश्वास की कमी और निवेश से जुड़े फैसलों के लिए दूसरों पर आश्रित रहने के कारण इस मौके का फायदा नहीं उठा पाए। ऐसे लोग आम तौर पर प्रिंट और टीवी मीडिया के साथ पेड एक्सपर्ट्स पर भरोसा करते हैं।  

loksabha election banner

हम आपको याद दिला दें कि 2008 में इसी तरह के संकट के समय में सेंसेक्स लुढ़ककर 7,200 अंक के स्तर तक पहुंच गया था। हमने स्पष्ट तौर पर कहा था कि 21,000 का स्तर हासिल होगा और अक्टूबर, 2010 में सेंसेक्स ने उस स्तर को छू लिया था।  

वर्ष 1992-93 में बड़ी संख्या में नए निवेशकों ने निवेश करना शुरू किया था। 2003 में भी इसी तरह का कुछ देखने को मिला था। अब 2020 में भी इतिहास अपने आप को दोहरा रहा है, जब अभूतपूर्व रूप से नए निवेशकों की एंट्री हुई है। यह पहलू महत्वपूर्ण है क्योंकि हमने 2005-2007 के बीच सेंसेक्स में बड़ी तेजी देखी थी और अब कुछ वैसा ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। किसी बड़ी घटना के होने पर ट्रेंड लौटता है। 

ऐतिहासिक ट्रेंड्स के विश्लेषण से पता चलता है कि बुल या बीयर मार्केट का साइकिल तकरीबन 20-25 साल का होता है। हमारा मानना है कि केवल इक्विटी मार्केट के आधार पर बुल या बीयर मार्केट को नहीं आंका जाना चाहिए। इक्विटी एक छोटा हिस्सा है। असली आकलन कमोडिटी के आधार पर किया जाना चाहिए। अगर ईंधन, स्टील या सीमेंट की मांग नहीं है तो इसका मतलब है कि कंपनियों की वृद्धि पॉजिटीव नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में कंपनियां कभी भी क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम नहीं करेंगी। वास्तव में तथ्य यह है कि 2008 के तुरंत बाद कंपनियों ने क्षमता का विस्तार किया था और वे ऐसा आज भी कर रही हैं। इसका मतलब है कि हम बुल मार्केट के मध्य में हैं।  

हम जब तक बुल मार्केट में हैं, हर गिरावट करेक्शन को दिखाता है और हर करेक्शन लिवाली का अवसर पैदा करता है।  

यहां देखना यह है कि 2003 के बाद जिस कंपनी ने क्षमता के विस्तार की कोशिश की उसके मूल्य में काफी वृद्धि हुई है। इनमें श्री सीमेंट, टीटीके प्रेस्टिज, बजाज ऑटो, मारुति और एसीसी जैसे नाम आसानी से दिमाग में आते हैं। 

वर्ष 1992-2000 के दौरान बीयर मार्केट में बुल मार्केट की तुलना में कई बार अधिक तेजी देखने को मिलती थी, जो बुनियादी सिद्धांतों के विपरीत था। इसी तरह 2008 और 2020 में भारी गिरावट देखने को मिली तो अचानक से यह भ्रम पैदा हो गया कि हम बीयर मार्केट में पहुंच गए हैं। संक्षिप्त में कहें तो हम अब भी बुल मार्केट में हैं। करीब 20-25 साल के इस बुल या बीयर साइकिल को फिर से परिभाषित किया जा सकता है और क्रेडिट फ्लो के साथ इनकी परिभाषा फिर से बदलती भी है।  

हम फिर से यह बात कह रहे हैं कि हम अब भी बुल मार्केट में हैं और हमारा मानना है कि 2024 तक स्थिति में किसी तरह का बदलाव नहीं आने वाला है। करीब 50 फीसद की रिकवरी के बाद कुछ करेक्शन की आशंका को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। हम मल्टी बैगर्स की तलाश जारी रखेंगे। 2006-07 शेयर बाजार के लिए स्वर्णिम काल था। इसी तरह 2022-24 स्टॉक मार्केट के लिए एक और स्वर्णिम काल साबित हो सकता है। उस समय तक निफ्टी 23,600 के स्तर पर पहुंच सकता है और कई स्टॉक 100 गुना तक चढ़ सकते हैं।  

हम फिर से कहते हैं बुल मार्केट के खत्म होने तक ईंधन 270 डॉलर, सोना - 80,000 के स्तर से ऊपर और चांदी तीन लाख ऊपर पहुंच जाएगा। तेल के 270 डॉलर तक पहुंचने के बावजूद इकोनॉमी पर उसका दीर्घकालिक असर देखने को नहीं मिलेगा।  

वर्तमान परिस्थितियों पर गौर करते हैं तो हमें लगता है कि कुछ करेक्शन के बाद निफ्टी 11,400 पर रह सकता है लेकिन जनवरी, 2021 से पहले वह 12,400 के स्तर तक पहुंच सकता है।  

(लेखक सीएनआई रिसर्च लिमिटेड के सीएमडी हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.