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आवेदन के समय रजिस्ट्रेशन में गलती होने पर संशोधन का प्रावधान

जीएसटी में रजिस्ट्रेशन के दौरान गलती होने पर संशोधन भी किया जा सकता है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 27 May 2017 01:26 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 02:07 PM (IST)
आवेदन के समय रजिस्ट्रेशन में गलती होने पर संशोधन का प्रावधान
आवेदन के समय रजिस्ट्रेशन में गलती होने पर संशोधन का प्रावधान

नई दिल्ली। वे सभी लोग जो सर्विस टैक्स, राज्यों में वैट या केंद्रीय उत्पाद शुल्क का भुगतान कर रहे हैं, उन्हें जीएसटी के दायरे में शामिल होना होगा। ऐसा करने पर उन्हें पैन आधारित अस्थायी रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाएगा। हालांकि अधिकांश लोग ऐसे भी होंगे जो जीएसटीआइएन हासिल भी कर चुके होंगे। लेकिन अभी तक जो लोग माइग्रेट नहीं हुए हैं, उन्हें जीएसटी विभाग से प्रॉविजनल यूजर आइडी और पासवर्ड प्राप्त करना होगा, ताकि वे खुद को जीएसटी के तहत रजिस्टर करवा सकें। ध्यान रहे कि रजिस्ट्रेशन कराते वक्त आपके पास वही मोबाइल नंबर हो, जो आप विभाग को दे रहे हैं, क्योंकि उसी नंबर पर आपको वन टाइम पासवर्ड मिलेगा। प्रॉविजनल रजिस्ट्रेशन नंबर की वैधता छह माह की होगी।

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फाइनल रजिस्ट्रेशन केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) कानून की धारा 139 के मुताबिक आवश्यक दस्तावेज जमा कराने के बाद मिलेगा, जिनकी अलग-अलग राज्यों में ट्रेडिंग, मैन्यूफैक्चरिंग या सेवा प्रदाता इकाइयां हैं, उन्हें उन सभी प्रदेशों में पंजीकरण कराना होगा। जिन कारोबारियों की सालाना कारोबार 20 लाख रुपये से कम है, लेकिन वर्तमान में वे कर अदा कर रहे हैं तो उन्हें भी पहले जीएसटी में माइग्रेट करना होगा। उसके बाद वे अपना पंजीकरण रद करवा सकते हैं। नया पंजीकरण कराने वालों को एसजीएसटी, यूटीजीएसटी, आइजीएसटी व सीजीएसटी में पैन नंबर पर आधारित रजिस्ट्रेशन कराना होगा और रिटर्न भी सिंगल ही भरा जाएगा।

माइग्रेशन के नियमों के समान ही नया पंजीकरण कराने वालों को भी अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन कराना होगा। अलग-अलग बिजनेस वर्टिकल में काम करने वाले कारोबारियों को एक ही राज्य में सभी वर्टिकल के हिसाब से पंजीकरण कराना पड़ेगा। अगर कोई कारोबारी एक ही राज्य में कारोबार के हिसाब से एक से अधिक रजिस्ट्रेशन कराता है तो जीएसटी के तहत प्रत्येक पंजीकरण को पृथक करदाता के तौर पर देखा जाएगा।

रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के दौरान जब वन टाइम पासवर्ड से मोबाइल नंबर और ईमेल वेरीफाई हो जाएगा तो उसके बाद आप सभी दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक रूप से जमा कर सकते हैं। यदि सभी दस्तावेज दुरुस्त हैं तो करीब तीन हफ्ते में रजिस्ट्रेशन को मंजूरी मिल जाती है। किसी वजह से अनुमति नहीं मिलने की स्थिति में फॉर्म जीएसटी आरईजी 03 के साथ आपको नोटिस भेजा जाएगा। सभी तरह के स्पष्टीकरण जीएसटी के फॉर्म आरईजी 04 के जरिये दिए जा सकते हैं।

कुछ गलत हो जाए तो कर लें संशोधन

रजिस्ट्रेशन कराते वक्त कुछ चूक रह जाने पर उसमें संशोधन का प्रावधान भी नियमों के तहत किया गया है। इसलिए आवेदन में कुछ गलत हो जाए तो उसे फॉर्म आरईजी 13 के जरिये संशोधित कर लें। आप अपना रजिस्ट्रेशन रद्द भी करवा सकते हैं।

पंजीकरण से पहले नहीं होगा वेरिफिकेशन

अगर रजिस्ट्रेशन के आवेदन के सात कार्यदिवस में कोई सूचना नहीं मिलती है तो आपका रजिस्ट्रेशन स्वीकृत माना जाएगा। यह अब सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि रजिस्ट्रेशन से पूर्व आपके कार्यालय या उत्पादन स्थल का फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं होगा। ऐसा केवल रजिस्ट्रेशन के बाद ही किया जाएगा। अनिवासी करदाता भी जीएसटी के तहत पंजीकरण का आवेदन कर सकते हैं।

जीएसटी पर सवाल आपके जवाब जागरण के दैनिक जागरण ‘जीएसटी की पाठशाला’ कॉलम के तहत अपने पाठकों, कारोबारियों, लघु उद्यमियों और आम लोगों से उनके सवाल आमंत्रित कर रहा है। अगर आपके पास जीएसटी को लेकर कोई सवाल है तो हमें ईमेल, पत्र, फेसबुक पर संदेश के माध्यम से भेज सकते हैं। दैनिक जागरण में आपके सवालों का जवाब देंगे वित्त मंत्रलय के आला अधिकारी जो जीएसटी को विचार से मूर्तरूत तक लाने में पिछले दस वषों से सक्रिय भागीदार रहे हैं।

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जीएसटी की पाठशाला

दैनिक जागरण, 501, आइएनएस बिल्डिंग, रफी मार्ग, नई दिल्ली-110001, ईमेल: gst@jagran.com

इस कॉलम के लेखक वीएस दवे टैक्समैनडटॉकॉम के सीनियर कंसल्टेंट हैं।


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