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SIP में कर रहे हैं निवेश तो मैच्योरिटी तारीख न भरने में है भलाई, जानिए कैसे

एसआईपी में निवेश करके हम छोटी शुरुआत करके बड़ी जीत हासिल कर सकते हैं। आज हम इस विषय में और थोड़ा गहराई में जाएंगे ताकि आप सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) में उपलब्ध अलग-अलग पेशकशों को बेहतर ढंग से समझ सकें।

By Ashish DeepEdited By: Published: Tue, 13 Jul 2021 11:44 AM (IST)Updated: Tue, 13 Jul 2021 11:44 AM (IST)
SIP में कर रहे हैं निवेश तो मैच्योरिटी तारीख न भरने में है भलाई, जानिए कैसे
म्युच्युअल फंड (MF) कंपनियों ने अपने निवेशकों की मांगों के अनुसार एसआईपी पेशकशों को बदला। (Pti)

नई दिल्‍ली, Lizzie Chapman। एसआईपी में निवेश करके हम छोटी शुरुआत करके बड़ी जीत हासिल कर सकते हैं। आज हम इस विषय में और थोड़ा गहराई में जाएंगे ताकि आप सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIP) में उपलब्ध अलग-अलग पेशकशों को बेहतर ढंग से समझ सकें।

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25 साल पहले जब SIP की शुरुआत की गई थी तब वे बहुत ही सीधा-सादा मामला था, लेकिन जैसे-जैसे समय आगे बढ़ने लगा, ग्राहक नियोजन और निवेश में ज्यादा लचीलेपन की मांग करने लगे। म्युच्युअल फंड (MF) कंपनियों ने अपने निवेशकों की मांगों के अनुसार एसआईपी पेशकशों को बदला। अब SIP के चार व्यापक रूप हैं जिनमें निवेश करके ग्राहक अपने पैसों से अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। आइए उनके बारे में जानते हैं:

1. Perpetual SIP: इसे SIP के प्रकार से ज्यादा एक हैक की तरह देखा जाता है लेकिन यह बहुत ही दिलचस्प है। आमतौर पर जब आप एसआईपी में निवेश करते हैं तो आपको एक आरंभ और अंतिम तिथि दर्ज़ करने के लिए कहा जाता है। पहले से निश्चित किया गया यह समय वास्तव में आपके निवेश की अवधि होती है, चाहे वो 2 साल हो या 5 साल। निवेश की परिपक्वता के बाद आप अपने पैसे की निकासी कर सकते हैं, हालांकि आमतौर लोग एसआईपी को रिन्यू करते हैं। लेकिन कई निवेशक भूल जाते हैं और समय पर रिन्यू नहीं करते, इससे उनके बचत की पैटर्न और आखिर में मिलने वाले लाभ प्रभावित होते हैं।

इस समस्या को हल करने के लिए, अब एसआईपी मैंडेट को भरते हुए अंतिम तिथि दर्ज नहीं करने का एक विकल्प है, जिसका अर्थ है कि आप अंतिम तिथि के बिना परपेच्युअल एसआईपी के लिए साइन अप कर रहे हैं (फंड कंपनी इस धारणा के तहत काम करती है कि अगर उन्हें कोई भी सूचना नहीं मिलती है तो एसआईपी 2099 तक जारी रहेगी)। एसआईपी में निवेश करने का वास्तविक उद्देश्य अनुशासित बनना और निवेश की अच्छी आदतों को विकसित करना है, इसलिए हम आपको इस विकल्प को चुनने की सलाह नहीं देते।

2. Flex SIP: खुद का कारोबार चलाने वाले लोगों का यह पसंदीदा विकल्प है। एसआईपी में निवेश नियमित रूप से और एक निश्चित रकम में किया जाता है, लेकिन अगर आपकी कमाई अस्थिर है तो फ्लेक्स एसआईपी में आप किस्त राशि को समायोजित कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि आपको बोनस मिला है या किसी ने अचानक से आपको कुछ भुगतान किया है, तो आप उस महीने में आपकी नियमित निवेश रकम से ज्यादा निवेश करने का विकल्प चुन सकते हैं।

3. Trigger SIP: नए निवेशकों द्वारा चुना जा सके यह ऐसा विकल्प नहीं है क्योंकि इसके लिए जानकारी और बाजार में अनुभव की आवश्यकता होती है। इस विकल्प में आप तारीख, समय, नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) या सूचकांक स्तर को निर्धारित करते हैं जो आपके निवेश को ट्रिगर करता है। अगर आपको यह थोड़ा मुश्किल लग रहा है, तो आप सही हैं। अल्पावधि लाभ के पीछे दौड़ने के बजाय लंबी अवधि के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना हमेशा सबसे अच्छा होता है क्योंकि अल्पावधि के निवेश आपको बाजार की अस्थिरता के भरोसे छोड़ देते हैं।

4. Topup SIP: इस एसआईपी में आप नियमित अंतराल पर अपनी किस्त राशि को बढ़ा सकते हैं। कई लोगों को आय में बढ़ोतरी मिलती है और फिर वो ज्यादा खर्च करने लगते हैं, इसके बजाय आय में बढ़ोतरी के अनुरूप बचत और निवेश को बढ़ाने में समझदारी है, इसलिए टॉप अप एसआईपी एक स्मार्ट विकल्प माना जाता है। एक ही राशि को कई सालों तक निवेश करते रहने से भी आपको लाभ मिलते हैं लेकिन आपके निवेश को लगातार और नियमित रूप से बढ़ाते रहने से निवेश की परिपक्वता पर आपको काफी ज्यादा लाभ मिल सकते हैं।

आप जिस रकम का टॉप अप कर सकते हैं उस पर कैप लगाने का विकल्प भी आपको मिलता है (अगर आपको अपनी किस्त की रकम बढ़ाने पर नियंत्रण रखना है तो), या आप उस वर्ष को निश्चित कर सकते हैं जब तक आपको टॉप-अप सुविधा चाहिए (यदि आपको पता है कि आप एक निश्चित वर्ष के बाद एक निश्चित रकम से अधिक निवेश नहीं करेंगे)। आपको नामांकन के समय इस विकल्प की आवश्यकता का उल्लेख करना होगा और आप केवल 500 रुपयों के गुणांक में ही टॉप अप कर सकते हैं। ध्यान दें कि एक बार साइन-अप करने के बाद आप टॉप-अप विवरण को बदल नहीं सकते हैं, इसलिए साइन अप करने से पहले इसके बारे में पूरा सोच लें।

अंतिम विकल्प एसआईपी का कोई प्रकार नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा विकल्प है जो केवल कुछ फंड कंपनियों के पास उपलब्ध है (और यदि आप इसे चुनना चाहते हैं, तो अच्छी तरह से शोध करें कि आपको किस फंड में निवेश करना है)। नौकरी छूट जाना या वेतन में भारी कटौती जैसी आर्थिक विपदाओं में आपके पास एसआईपी को बंद करने के बजाय 1 से 3 महीनों तक के लिए रोकने का विकल्प है। इससे आपको अपनी वित्तीय समस्याओं को सुलझाने और ट्रैक पर वापस आने के लिए समय मिलता है जोकि बहुत आवश्यक होता है। हमारा सुझाव है कि अगर आप काफी गंभीर वित्तीय संकट में हैं तो ही इसे चुनें क्योंकि यह आपके निवेश चक्र को तोड़ता है और आपके लाभों को भी प्रभावित करता है।

याद रखें, हालांकि, ये एसआईपी विकल्प सुविधाजनक हैं और निवेश में लचीलापन दिखाते हैं, लेकिन एसआईपी का उद्देश्य लंबे समय तक निवेश करते रहना और नियमित निवेश के माध्यम से अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करना होता है। सुनिश्चित करें कि आप अपना शोध करें और उपरोक्त में से किसी भी विकल्प के लिए नामांकन करने से पहले अपने सभी विकल्पों को अच्छी तरह से समझ लें।

(लेखक ZestMoney के CEO और Co-Founder हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)


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