Mutual Fund Investment के लिए चुन सकते हैं ग्लोबल फंड्स, डायवर्सिफिकेशन का मिलेगा फायदा
यदि आप भविष्य के आकर्षक थीम्स में प्रतिभागिता करना चाहते हैं तो वैश्विक फंड के जरिये निवेश करने के विकल्प पर विचार कर सकते हैं।
नई दिल्ली, अजीत मेनन। हम तेजी के साथ ग्लोब्लाइज्ड दुनिया की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। एक भारतीय उपभोक्ता के रूप में हम भारत के बाहर बनने वाली विभिन्न प्रकार की उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं और सेवाओं का लाभ ले रहे है, लेकिन घरेलू स्तर पर उनका उत्पादन नहीं होता है। मोबाइल से लेकर लग्जरी कारें तमाम ऐसे उदाहरण हैं, जो हम बाहर से ही इंपोर्ट करते हैं। दुनिया के किसी भी कोने में एक में एक से अधिक देशों या विश्व स्तर पर इस्तेमाल होने वाली कमोडिटी में अस्थिरता हमारे घरेलू पोर्टफोलियो में अस्थिरता लाती है। वह भू-राजनीतिक जोखिम हो या पूरी तरह से अकल्पनीय कोरोना वायरस का प्रकोप। एक सवाल जो मुझसे बहुत बार पूछा जाता है कि निवेशकों को निवेश जोखिम कैसे खत्म करना चाहिए? तथ्य यह है कि जोखिम को समाप्त नहीं किया जा सकता है लेकिन विविधीकरण यानी डायवर्सिफिकेशन के जरिये कम किया जा सकता है। एसेट्स क्लास में निवेश विविधता और इसके भीतर के जोखिम का प्रबंधन भी महत्वपूर्ण है। एक निवेशक के रूप में आप सोच रहे होंगे कि आपके इक्विटी निवेश जैसे म्यूचुअल फंड, स्टॉक, पीएमएस भी काफी डायवर्सिफायड हैं।
लेकिन क्या आपने इस बात पर विचार किया है कि भारत का बाजार पूंजीकरण 2 ट्रिलियन डॉलर है जबकि शेष विश्व का बाजार पूंजीकरण 87 ट्रिलियन डॉलर है। इसलिए यदि आप भारत के बाहर वैश्विक बाजारों में निवेश नहीं करते हैं, तो आप एक ऐसे अवसर की अनदेखी कर रहे हैं, जो लगभग 43 गुना बड़ा है।
इसके अलावा, विश्व स्तर पर कई तरह के इनोवेशन यानी नवाचार हो रहे हैं जो विभिन्न उद्योगों को बाधित कर हमारे जीवन को रोज प्रभावित कर रहे हैं और निवेश के लिहाज से काफी निहितार्थ होंगे। कुछ ऐसे ही ट्रेंड सामने उभरकर सामने आए हैं।
1. मोबाइल फोन के प्रवेश के साथ मांग अर्थव्यवस्था में वृद्धि। आज अपने मोबाइल का उपयोग करके आप कैब चला सकते हैं या नेटफ्लिक्स पर पसंदीदा शो देख सकते हैं या अपनी सुविधानुसार खाना ऑर्डर कर कर सकते हैं। यह होटल, कंटेंट प्रोवाइडर्स और दूसरे सर्विस प्रोवाइडर्स के बिजनेस मॉडल में बदलाव ला रहा है।
2. ई-कॉमर्स और ग्लोबल ब्रांड का उदय। ऑनलाइन शॉपिंग एक उभरता हुआ ट्रेंड है। इसके साथ ही ग्लोबल ब्रांड्स का भी उदय हुआ है। एक संपन्न परिवार के व्यक्ति का घरेलू ब्रांड की जगह नाइक या एडिडास जैसे ग्लोबल ब्रांड की ओर आकर्षित होने की ज्यादा संभावना है।
3. कैशलेस सोसाइटी : कई तरह के ट्रांजेक्शंस ऑप्शन उभरकर सामने आए हैं। जैसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, डिजिटल वॉलेट, नेट बैंकिंग, विश्व स्तर पर नकदी का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में कम हो रहा है।
4. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स का विकास तेज गति से हो रहा है। कंप्यूटर में शतरंज खेलने से लेकर ड्राइवरलेस कार और सर्जरी करने वाले रोबोट तक ग्लोबल लेवल पर कुछ आकर्षक काम किए जा रहे हैं। अगर आपको लगता है कि आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो दोबारा विचार करें गूगल मैप्स आपके सामने हैं, जो कि एक जीता जागता उदाहरण है, जिसे आप दैनिक जीवन में रोज इस्तेमाल कर रहे हैं।
5. हेल्थकेयर और थेराप्यूटिक्स: इस सेक्टर में प्रमुख इनोवेशन बीमारियों का पता लगाने और प्रबंधन को अधिक से अधिक सरल बना रहे हैं। हाल ही में एक चिप लांच की गई जो पेशेंट ब्लड शुगर लेवल 24X7 मॉनिटर करती रहती है। उसे जांचने की आवश्यकता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है।
6. डाटा: जैसे ही कोई व्यक्ति डिजिटल दुनिया से जुड़ता है, वह मेल, ट्वीट, मैसेज, ऑनलाइन सर्फिंग के माध्यम से डाटा जेनरेट करना शुरू कर देता है। इस विशाल डाटा के स्टोर करने की काफी जरुरत है। इसलिए क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे न्यू ऐरा सॉल्यूशन सामने आ रहे हैं।
इस समय भारतीय शेयर बाजारों में बहुत कम विघटनकारी इनोवेटर्स लिस्टेड हैं। यह भी नहीं है कि सभी काम अमेरिका में हो रहे हैं, चीन, यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका की कंपनियां कुछ अत्याधुनिक काम कर रही हैं। इसलिए यदि आप भविष्य के आकर्षक थीम्स में प्रतिभागिता करना चाहते हैं तो वैश्विक फंड के जरिये निवेश करने के विकल्प पर विचार कर सकते हैं।
वैश्विक फंडों में निवेश करने से आपको रुपये में गिरावट का लाभ लेने में मदद मिलती है। पिछले 35 वर्षों में रुपये में औसतन 6 फीसद की गिरावट आई है। इसलिए अगर आप विदेश में अपनी बेटियों या बेटों की शिक्षा के लिए योजना बना रहे हैं, तो आपको आने वाले कुछ वर्षों में अपने अकाउंट को बढ़ाना होगा। यह बात ध्यान देने वाली है कि रुपये में गिरावट आपके पक्ष में काम करती है, वहीं रुपये में बढ़ोत्तरी रिटर्न के एक हिस्से को हटा देती है।
इसके अलावा वैश्विक फंड डेट टैक्सेशन के अधीन हैं, लाभ पर कर अधिक हो सकता है। आपको दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ लेने के लिए 3 साल तक लगातार निवेश करने की जरुरत है। जैसा कि आप जोखिम को कम करने के बारे में सोचते हैं, आपका ध्यान मुख्य रूप से डायवर्सिफिकेशन पर होना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो में वैश्विक फंड निश्चित रूप से जोड़ सकते हैं।
(लेखक पीजीआईएम इंडिया म्युचुअल फंड के सीईओ हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)