आगे अभी रास्ता लंबा और बहुत मुश्किल है, निवेश को लेकर बहुत अधिक सतर्क रहने की जरूरत
वास्तविक निवेशकों के लिए यह बात बहुत साफ है कि जब मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियां कम कीमत में उपलब्ध हैं तो यह खरीदारी के लिए ऐसा शानदार मौका है जो जीवन में दोबारा शायद ही मिले।
नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। महामारी के चलते बने हालात में बाजार की हालत किसी से छिपी नहीं है। हर जगह गिरावट का रुख दिख रहा है। बहुत से निवेशकों का पैसा भी डूबा है। यह मुश्किल वक्त अभी लंबा खिंच सकता है। ऐसे में इस वक्त निवेश के मामले में बहुत सतर्क होकर कदम बढ़ाने की जरूरत है। एक लिहाज से देखा जाए तो यह अवसर भी है, क्योंकि इस समय कई मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों के शेयर भी ऐसी कीमत में मिल रहे हैं, जो शायद और किसी हाल में संभव नहीं होता। इसलिए यह वक्त सोच समझकर सही दिशा में कदम बढ़ाने का भी है।
मेरे एक सहयोगी हैं। उनका बेटा मोटर स्पोर्ट्स को हद से ज्यादा पसंद करता है। उन्होंने मुझे बताया कि दिग्गज एफ वन ड्राइवर एर्टन सेना ने एक बार कहा था कि जब सूरज चमक रहा हो तो आप 15 दूसरी कारों को ओवरटेक नहीं कर सकते लेकिन जब बारिश हो रही हो तो आप ऐसा कर सकते हैं। कुछ लम्हों तक तो मैं समझ ही नहीं पाया कि इसका क्या मतलब है क्योंकि बारिश में रेस में तेज गति से कार चलाना काफी मुश्किल होगा। यह समझने में मुझे कुछ समय लगा कि सेना की इस बात का क्या मतलब है और यह बात इन्वेस्टिंग में कैसे लागू होती है। लेकिन समझ में आने के बाद यह बात वाकई बहुत कारगर नजर आई। दरअसल बारिश में रेस ट्रैक पर फिसलन के चलते सभी को अपनी कार की रफ्तार कम करनी पड़ी। उस समय सेना को भी कार धीमी करनी पड़ी, लेकिन अपनी काबिलियत के चलते उन्हें अपनी कार अन्य लोगों से कम धीमी करनी पड़ी। इसका मतलब कि उस मुश्किल वक्त में गति कम करने के बावजूद उनकी कार बाकी से तेज रही और वह आगे निकल गए।
इस तरह उस मुश्किल हालात ने उनके लिए चीजों को आसान बना दिया, जो दूसरों से बेहतर थे। मौजूदा दौर में निवेश की दुनिया में भी ऐसा ही है। आने वाले महीनों और वर्षों में आप इस विचार का साकार रूप बिजनेस और इन्वेस्टिंग की दुनिया में देखेंगे। हर इंडस्ट्री में यहां तक कि सबसे बुरी तरह से प्रभावित जैसे उड्डयन और ट्रैवल में भी मजबूत लोग और मजबूत बनकर उभरेंगे। समझदार निवेशक अब तक इस बात को जान चुके हैं। इसीलिए जब बाजार में बड़ी गिरावट के वक्त जैसे बिकवाली का जोर दिखा, उसी तरह से बाजार में उछाल आने पर खरीदारी की लहर भी आती रही।
वास्तविक निवेशकों के लिए यह बात बहुत साफ है कि जब मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियां कम कीमत में उपलब्ध हैं, तो यह खरीदारी के लिए ऐसा शानदार मौका है जो जीवन में दोबारा शायद ही मिले। वैल्यू रिसर्च में हमारे पास इस बात का सुबूत है कि लोग इस समय अच्छे स्टॉक्स कितने उत्साह के साथ खरीद रहे हैं। मैं खुद निवेशकों के इस उत्साह को देखकर आश्चर्यचकित हूं। इसका मतलब है कि जैसे ही बाजार में बड़ी गिरावट शुरू हुई, वैल्यू रिसर्च पर बहुत से विजिटर्स ने खरीदारी के लिए अच्छे स्टॉक्स की पड़ताल शुरू कर दी। इन सब बातों के बावजूद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि बहुत से निवेशकों ने बहुत बड़े पैमाने पर रकम गंवाई है और वे इस समय काफी डरे हुए हैं। हालांकि पिछले कुछ सप्ताह से ऐसा कुछ नहीं हुआ है जो इन्वेस्टिंग की बेसिक बातों पर सवाल खड़ा करता हो। जीवनभर के लिए निवेश की रणनीति की बात है तो सही रणनीति वही है जो दशकों से रही है। मनोवैज्ञानिक तौर पर जो झटका लगा है उससे निपटना होगा और आगे का रास्ता ढूंढना होगा। सही तरीके से आगे का रास्ता ढूंढ़ना अहम है। अगर यही बात समझ ली जाए कि ब्लैकस्वान कभी भी हो सकता है तो भविष्य में यह काफी फायदेमंद होगा।
मैं इस बात पर जोर दूंगा कि हम अनुमान के आधार पर नहीं बल्कि फंडामेंटल प्रिंसिपल के आधार पर कदम उठाएं। अगले कुछ माह तक सही मायने में हालात अनिश्चित रहने वाले हैं। कई बार गलत संकेत भी मिलेंगे। ऐसा लगेगा कि हालात बेहतर हो रहे हैं, लेकिन इस पर सतर्क रहने की जरूरत होगी। उदाहरण के लिए जिन लोगों ने पहले की महामारी का अध्ययन किया है वे हमें बताएंगे कि आमतौर पर महामारी की दो लहर होती है। हम लंबी अवधि तक ऐसे दौर में रह सकते हैं जहां बीमारी का फैलाव बार-बार होगा और बार-बार लॉकडाउन लागू करना होगा।
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इसमें से कुछ भी किसी एक व्यक्ति के नियंत्रण में नहीं है। हमारा अहम काम यह है कि हम खुद सुरक्षित रहें और और हर व्यक्ति को सुरक्षित रखें। क्योंकि यह बीमारी इस तरह की है कि जैसे ही आप कोई जोखिम भरा कदम उठाते हैं तो अपने आस पास के सभी लोगों को जोखिम में डाल देते हैं। इन सभी बातों के साथ-साथ अपने निवेश को मैनेज करने के मामले में स्मार्ट होने की जरूरत है।
(लेखक वैल्यू रिसर्च के सीइओ हैं। ये लेखक के निजी विचार हैं।)