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SIP के जरिए बन सकते हैं धनवान, इस तरह करें निवेश की शुरुआत

सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) म्युचुअल फंड्स में नियमित और सिस्टेमैटिक निवेश का सबसे आदर्श तरीका है। SIP नियमित निवेश के बुनियादी नियम के आधार पर काम करता है। इससे आप समय के साथ धन का सृजन कर पाते हैं।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 01:19 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 06:20 PM (IST)
SIP के जरिए बन सकते हैं धनवान, इस तरह करें निवेश की शुरुआत
SIP किसी भी रेकरिंग बैंक डिपॉजिट की तरह एक निश्चित अवधि में नियमित निवेश के सिद्धांत पर काम करता है।

नई दिल्ली, दीपक जैन। सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) म्युचुअल फंड्स में नियमित और सिस्टेमैटिक निवेश का सबसे आदर्श तरीका है। SIP नियमित निवेश के बुनियादी नियम के आधार पर काम करता है। इससे आप समय के साथ धन का सृजन कर पाते हैं। SIP के जरिए आप अपनी सुविधा के हिसाब से हर तिमाही या महीने या सप्ताह में म्युचुअल फंड में निवेश कर पाते हैं।

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SIP कैसे काम करता हैः

SIP में निवेश शुरू करने से पहले यह समझना महत्वपूर्ण है कि SIP किस प्रकार से काम करता है। SIP किसी भी रेकरिंग बैंक डिपॉजिट की तरह एक निश्चित अवधि में नियमित निवेश के सिद्धांत पर काम करता है। आप निवेश की जितनी रकम चुनते हैं, वह स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन के आधार पर तय तारीख को आपके अकाउंट से खुद-ब-खुद डेबिट हो जाता है। इसके बाद आपके निवेश के बराबर के म्युचुअल फंड यूनिट्स आपके अकाउंट में ऐड हो जाते हैं। स्कीम के नेट एसेट वैल्यू (NAV) के आधार पर निवेशक को म्युचुअल फंड्स के यूनिट मिल जाते हैं।

सेबी में रजिस्टर्ड म्युचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर की जाने वाली SIP में आपके निवेश को प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स की एक टीम मैनज करती है। इसके लिए आपको एक मामूली शुल्क का भुगतान करना होता है। इससे जुड़ी जानकारी स्कीम इन्फॉर्मेशन डॉक्युमेंट में होती है।

एकमुश्त निवेश के जरिए कैसे बेहतर SIP के जरिए इंवेस्टमेंट

एकमुश्त निवेश की तुलना में SIP के जरिए निवेश के कई फायदे हैं। इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैंः

1. लो एंट्री लेवलः आपको SIP के जरिए निवेश के लिए एकसाथ बहुत बड़े रकम की दरकार नहीं होती है। आप कम-से-कम 500 रुपये मासिक का निवेश भी SIP के जरिए कर सकते हैं।

2. मार्केट को टाइम करने की नहीं होती है जरूरतः अगर आप SIP के जरिए नियमित निवेश करते हैं तो आप बाजार के उतार-चढ़ाव का लाभ हासिल करने की स्थिति में होते हैं। इसके साथ ही मार्केट को टाइम करने की जरूरत भी नहीं होती है। दूसरी ओर, एकमुश्त निवेश में एंट्री प्वाइंट काफी अहम होता है क्योंकि अगर आपके निवेश के तुरंत बाद बाजार में गिरावट आ जाती है तो आपको नुकसान हो जाता है।

3. निवेश की लागत को औसत करनाः अगर आप नियमित तौर पर एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं तो बाजार के नीचे रहने पर आपको ज्यादा यूनिट मिल जाते हैं, जबकि बाजार के ऊपर रहने पर आपको कम यूनिट मिलते हैं। ऐसे में एक समय तक SIP में लगातार निवेश से आपकी लागत औसत रह जाती है। इस सिद्धांत को रुपये कॉस्ट एवरेजिंग कहते हैं।

4. कम्पाउंडिंग की ताकतः अगर आप लंबे समय तक SIP में निवेश जारी रकते हैं तो आपको कम्पाउंडिंग का लाभ मिलता है। उदाहरण के लिए अगर आप प्रति माह 5,000 रुपये का निवेश लगातार 10 साल तक करते हैं और 12 फीसद का औसत रिटर्न प्राप्त करते हैं तो आप 11.50 लाख रुपये का सृजन कर लेते हैं।

SIPs के प्रकार

आइए SIP के प्रमुख चार प्रकारों पर डालते हैं एक नजरः

1. टॉप-अप एसआईपीः आप अपने करियर में प्रोग्रेस करने पर और अधिक रकम कमाने पर Top-up SIP का इस्तेमाल अपने निवेश को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। Top-up SIP के तहत आप पहले से निवेश की जा रही SIP की रकम को बढ़ा सकते हैं। (उदाहरण के लिएः छह माह बाद आप अपने 1,000 रुपये के मासिक निवेश को बढ़ाकर 15,00 रुपये और फिर 2,000 रुपये कर सकते हैं।)

2. परपेचुअल एसआईपीः जब आप कोई परपेचुअल एसआईपी शुरू करते हैं तो SIP की अंतिम तारीख तय नहीं होती है। जब तक आप SIP रोकने का इंस्ट्रक्शन नहीं देते हैं, तब तक समय-समय पर आपके अकाउंट से निवेश की मासिक तय रकम कटती रहेगी।

3. फ्लेक्सिबल एसआईपीः इस प्लान के तहत आप अपनी सुविधा एवं कैश फ्लो के हिसाब से अपनी निवेश की राशि को बढ़ा या घटा सकते हैं। हालांकि, निवेश की शुरुआत के समय आपको इंवेस्टमेंट की रकम बतानी होती है। इसके बाद आप इंवेस्टमेंट के इंस्टॉलमेंट की तारीख से सात दिन पहले कभी भी निवेश की राशि में कमी या वृद्धि कर सकते हैं। अगर आप SIP को ऑनलाइन करते हैं तो यह और आसान हो जाता है।

4. Trigeer SIP: अनुभवी निवेशक ट्रिगर के जरिए SIP को चुन सकते हैं। इससे आप स्वतः एक स्कीम से दूसरी स्कीम में ट्रिगर को चुन सकते हैं या रिडीम के ऑप्शन को भी सेलेक्ट कर सकते हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान यह ज्यादा कारगर साबित होता है।

इस तरह कहा जा सकता है कि SIP नियमित निवेश के जरिए धन सृजन का बेहतरीन तरीका है। SIP के जरिए म्युचुअल फंड में निवेश ऐसे लोगों के लिए बेहतर विकल्प है जो खर्च करने से पहले बचत करना चाहते हैं और अनुशासित निवेशक बनना चाहते हैं।

(लेखक Edelweiss Asset Management Limited (EAML) के प्रमुख- सेल्स हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)

डिस्क्लेमरः म्युचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी फंड में निवेश से पहले स्कीम से जुड़े सभी विवरण को ध्यान से पढ़ें। किसी भी तरह के नफा-नुकसान के लिए दैनिक जागरण जिम्मेदार नहीं होगा।


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