हाउसिंग सेक्टर की नजर अब निम्न आय वर्ग पर
निम्न आय वर्ग हाउसिंग सेक्टर में बड़ा बनने की उम्मीद
नई दिल्ली (अमित मागिया, सीईओ व एमडी, खुश हाउसिंग फाइनेंस)।
ऐसा क्या है कि खुश फाइनेंस बैंकिंग सेक्टर के बाहर जाकर ग्राहकों की संभावनाएं तलाश रही है?
-परंपरागत तौर पर इस सेगमेंट को बैंकिंग संस्थाओं ने नजरअंदाज किया है। इसकी वजह यह रही कि इस क्षेत्र के लोगों के पास न तो कोई दस्तावेज होता है और न ही आय, निवास आदि का सबूत। हमने इस क्षेत्र के ऐसे लोगों को अपने केंद्र में रखा जो मकान लेने के इच्छुक थे। इनकी कर्ज लेने की क्षमता का आकलन करने के लिए हमने गैरपरंपरागत तरीकों का इस्तेमाल किया। चूंकि हम नियामकों के ढांचे में काम करते हैं इसलिए इस सेक्टर के लिए काम करने में काफी इनोवेशन की आवश्यकता होती है। नियमों के अलावा इस सेगमेंट में काम करने के लिए यह भी जरूरी है कि आप ग्राहकों से कितना जुड़े हैं और उनके घर के सपने को पूरा करने के लिए अपने हाथ किस हद तक बढ़ाते हैं। चूंकि आप आबादी के एकदम नए और अलग हिस्से के संपर्क में होते हैं इसलिए इसमें मानवता का दृष्टिकोण भी शामिल हो जाता है। इसी सामाजिक भावना के चलते हम इस सेक्टर में हैं।
क्या इस सेक्टर में होम लोन देने के लिए आपको गारंटर या को-एप्लीकेंट की जरूरत महसूस नहीं होती?
-ज्यादातर मामलों में यह बेहद अनिवार्य आवश्यकता नहीं है। लेकिन हम घर की महिला सदस्य को को-एप्लीकेंट बनाने के लिए हमेशा बढ़ावा देते हैं। इससे होम लोन लेने वाले परिवार में स्वामित्व की भावना मजबूत होती है। इतना ही नहीं हम घरेलू महिलाओं को भी इसके लिए प्रोत्साहित करते हैं क्योंकि हमारा मानना है कि वे बिना किसी मेहनताने की उम्मीद के कठोर श्रम करती हैं। पुरुष अगर दिन भर में आठ से दस या बारह घंटे काम करते हैं तो घर संभालने वाली महिलाओं की जिम्मेदारी 24 घंटे की हो जाती है। इसलिए हम ग्राहकों की सहूलियत पर फोकस करते हैं। किसी एक लोन की प्रोसेसिंग में हम कम से कम समय लगाते हैं। लोन स्वीकार हुआ या नहीं इसकी सूचना हम दो दिन में दे देते हैं। पूरी प्रक्रिया निपटाने के लिए हम 10 से 11 दिन का लक्ष्य पाने पर काम कर रहे हैं। ज्यादातर मामलों में इस लक्ष्य को पा भी लिया जाता है। इसे और नीचे लाने के लिए हम प्रयासरत हैं।
इस सेगमेंट के होम लोन में ग्राहकों को किस तरह के फायदे हैं?
-मौजूदा सरकार ने साल 2022 तक सबको आवास देने का लक्ष्य तय किया है। इसके तहत प्रधानमंत्री आवास योजना मिशन मोड पर चलाई जा रही है। इसमें 15 साल के लिए होम लोन लेने पर 6.5 प्रतिशत की कर्ज सब्सिडी सरकार दे रही है। यह सुविधा ईडब्ल्यूएस और एलआइजी वर्ग के तहत मकान खरीदने वालों को उपलब्ध है। इस सुविधा पर करीब 2.2 लाख प्रति आवास की सब्सिडी दिए जाने का अनुमान है। इस लक्ष्य को पाने के लिए हमारा मानना है कि कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों और शहरी गरीबों को सक्षम और मजबूत बनाना होगा। खुश हाउसिंग फाइनेंस में हमने इसके लिए एक नया तरीका अपनाया है। इस तरीके से न केवल जोखिम को कम किया जा सकेगा बल्कि कर्ज लेने वाले संभावित ग्राहकों की पहचान के साथ उनकी कर्ज लेने की क्षमता का आकलन भी किया जा सकेगा। भले ही फिर उनके पास आमदनी समेत अन्य दस्तावेजों का अभाव हो।
अभी खुश फाइनेंस का लोन पोर्टफोलियो कितना है और बिजनेस प्लान क्या हैं?
-केएचएफएल प्रधानमंत्री आवास योजना को लक्ष्य तक पहुंचाने में अहम हिस्सेदारी करना चाहती है। मौजूदा वक्त में इस योजना के पोर्टफोलियो में हमारी 50 फीसद हिस्सेदारी है। यह तमाम बैंकिंग और वित्तीय संस्थाओं में सर्वाधिक है। पहले साल के लिए हमारा लक्ष्य 100 करोड़ के कर्ज वितरण और 1000 ग्राहकों का है। ’विस्तार की क्या योजनाएं हैं? -पश्चिम भारत में अपनी जड़ें जमाने के बाद अब हमारी योजना उत्तर भारत में अपने पांव फैलाने की है। यह काफी बड़ा बाजार है। इसमें भी हम महत्वपूर्ण बाजारों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में पहले उतरना चाहते हैं। इस विस्तार के लिए हमने इन राज्यों के शहरों में एजेंट आदि संपर्कों से बातचीत शुरू कर दी है। हमारी योजना 30 से अधिक शाखाएं स्थापित करने की है। इसके अलावा देश भर में 300 कार्यालय भी खोलने की योजना है। इसके लिए हमने एक व्यापक योजना तैयार की है। अगले तीन चार साल में हम 1000 करोड़ रुपये की लोन बुक तैयार करना चाहते हैं।