Union Budget 2019: किसानों के लिए बजट में दिखी गंभीरता; 10,000 नए एफपीओ को बढ़ावा
फसल बीमा योजना के दायरे में 28 फीसद क्षेत्र और 27 फीसद किसान आते हैं। पीएम किसान योजना के तहत 75000 करोड़ रुपये का आवंटन एक स्वागत योग्य कदम है।
नई दिल्ली [टी हक] । मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए कई कदम उठाए गए हैं। कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए 2018-19 में बजट अनुमान 63836 करोड़ था, जबकि संशोधित अनुमान 86602 करोड़ था। 2019-20 में इसे बढ़ाकर 1,51,518 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसी तरह किसानों के जीवन को प्रभावित करने वाले ग्रामीण विकास के लिए 2018-19 में बजट अनुमान 138097 करोड़ था, जबकि संशोधित बजट अनुमान 135109 करोड़ था। 2019-20 में इसे बढ़ाकर 140762 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
पीएम कृषि सिंचाई योजना
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 2018-19 में संशोधित बजट अनुमान जहां 8251 करोड़ था वहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 में इसे 9682 करोड़ रुपये कर दिया गया है। हालांकि इस मद में की गई बढ़ोतरी 2022 तक 53 फीसद फसलों को सिंचाई के दायरे में लाने और इस साल के अंत तक सभी बाकी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के सरकारी दावे के मुकाबले काफी कम है।
पीएम फसल बीमा योजना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 2018-19 में 13,976 करोड़ (संशोधित अनुमान) रुपये का प्रावधान किया गया था। 2019-20 में इसमें मामूली बढ़ोतरी करते हुए 14,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। हालांकि इस साल देश के बड़े भूभाग में कम बारिश और सूखे को ध्यान में रखें तो यह आवंटन काफी कम है।
फसल बीमा योजना के दायरे में 27 फीसद किसान
खास बात यह है कि फसल बीमा योजना के दायरे में 28 फीसद क्षेत्र और 27 फीसद किसान आते हैं। पीएम किसान योजना के तहत 75,000 करोड़ रुपये का आवंटन एक स्वागत योग्य कदम है। ब्याज अदा करने में मदद के रूप में भी आवंटन को बढ़ाया गया है। 2018- 19 में यह 14987 करोड़ रुपये था, जबकि 2019-20 में इसे बढ़ाकर 18,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
बजट में इस बात का है संशय-
बजटीय आवंटन से यह नहीं पता चलता है कि इसका लाभ सभी किसानों को मिलेगा। मेरे विचार से बढ़ी हुई राशि को छोटे और सीमांत किसानों को आवंटित किया जा सकता है। बढ़ाई गई राशि का लाभ बटाई किसानों को भी दिया जा सकता है, क्योंकि लिखित पट्टे के अभाव में उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाता है। बजट से इस बात का भी पता नहीं चलता है कि खाद्य प्रसंस्करण, फसल कटाई के बाद उसे बिक्री केंद्र तक पहुंचाने के साधन और कृषि अनुसंधान की निवेश आवश्यकताओं को कैसे पूरा किया जाएगा। हालांकि विभिन्न कृषि सब्सिडी को मिलाने के संबंध में बजट में कुछ नहीं कहा गया है।
10,000 नए एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को बढ़ावा
बजट के सकारात्मक पहलू को देखें तो पीएम किसान योजना किसानों को बहुत राहत प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना मत्स्य पालन की प्रगति में बहुत काम आएगी। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार कृषि के बुनियादी ढांचे में व्यापक रूप से निवेश करेगी। किसानों की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए लगभग 10,000 नए एफपीओ को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार किसानों को ई-नैम से लाभान्वित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी।
(लेखक कृषि लागत व मूल्य आयोग के पूर्व चयरमैन हैं।)