जारी रह सकता है डेट म्यूचुअल फंड से निकासी का दौर; क्या है वजह, कैसे आएगा पूंजी का प्रवाह, एक्सपर्ट व्यूज
निवेशकों ने लगातार तीसरी तिमाही में निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों पर केंद्रित डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Funds) से निकासी जारी रखी है। विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की है कि आने वाले दिनों में भी ऐसा जारी रह सकता है। आखिर क्या है इसकी वजहें..?
नई दिल्ली, एजेंसी। निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों पर केंद्रित डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Funds) से निकासी का दौर जारी है। निवेशकों ने लगातार तीसरी तिमाही में इससे निकासी जारी रखी है। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (Association of Mutual Funds in India, Amfi) के आंकड़ों के हवाले से बताया है कि निवेशकों ने अप्रैल-जून तिमाही में डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Funds) से 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। आखिर क्या है इस भारी भरकम निकासी की वजहें जानते हैं विशेषज्ञों की जुबानी...
इन वजहों के चलते हो रही निकासी
ट्रस्ट म्युचुअल फंड (Trust Mutual Fund) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संदीप बागला का कहना है कि निवेशक उच्च महंगाई (high inflation) और नीतिगत दरों (rate cycle) के बढ़ने से निकासी कर रहे हैं। जुलाई से सितंबर तक की तिमाही में तरलता कम होने और मौद्रिक परिस्थितियां सख्त होने की आशंकाओं के चलते भी डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Funds) से निकासी का दौर बना रह सकता है।
...तो बढ़ सकता है पूंजी का प्रवाह
वहीं मार्केट मेस्ट्रो में निदेशक एवं संपत्ति प्रबंधक (अमेरिका) अंकित यादव कहते हैं कि आगामी तिमाहियों में ब्याज दर में होने वाले बदलावों से Debt म्युचुअल फंड में प्रवाह की दशा दिशा तय होगी। यदि ब्याज दरें स्थिर रहती हैं तो पूंजी के प्रवाह की उम्मीद की जा सकती है।
लगातार आ रही गिरावट
भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (Association of Mutual Funds in India, Amfi) के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में फिक्स इनकम के तहत प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां 14.16 लाख करोड़ रूपये के उच्च स्तर पर पहुंच गई थीं। लेकिन समय के साथ यह आंकड़ा बरकरार नहीं रह पाया। वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही से इसमें लगातार गिरावट आ रही है और जून 2022 आने तक यह 13 फीसद तक कम हो गया।
इस वजह से निवेशकों में अनिश्चितता का माहौल
संदीप बागला कहते हैं कि पिछली तीन तिमाहियों से निवेशक ऊंची मुद्रास्फीति और ब्याज दरों पर पड़ रहे प्रभाव की वजह से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह लिक्विडिटी की जरूरत और अपनी पूंजी की रक्षा करने की मंशा भी है। दूसरी ओर अंकित यादव का कहना है कि दरें बढ़ने की आशंकाओं के चलते भी निवेशकों के बीच अनिश्चितता का माहौल है। खासकर अमेरिका के केंद्रीय बैंक की ओर से इस तरह का कदम उठाए जाने की आशंकाएं निवेशकों के जेहन में हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक समीक्षाधीन तिमाही में डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Funds) यानी ओपन एंडेड फिक्स्ड इनकम म्युचुअल फंड से नेट 70,213 करोड़ रुपये की निकासी हुई। मालूम हो कि निश्चित आय या Debt फंड की संख्या 16 है। समीक्षाधीन तिमाही में इनमें से 12 में से नेट निकासी दर्ज की गई है। कम अवधि के फंड, कॉरपोरेट बांड फंड, बैंकिंग और पीएसयू फंड में से ज्यादा मात्रा में निकासी हुई है। दूसरी ओर निवेश हासिल करने वाली श्रेणियों में भी कई फंड शामिल रहे हैं। इनमें नकदी कोष, 10 वर्ष का गिल्ट कोष और लंबी अवधि का कोष शामिल हैं।