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चाइल्ड प्लान यानी बच्चे का भविष्य संवारने की तैयारी

पिछले 7 वर्षों के दौरान देश में शिक्षा की लागत दुगनी से भी ज्यादा हो गई

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 06 Mar 2017 12:35 PM (IST)Updated: Mon, 06 Mar 2017 12:51 PM (IST)
चाइल्ड प्लान यानी बच्चे का भविष्य संवारने की तैयारी
चाइल्ड प्लान यानी बच्चे का भविष्य संवारने की तैयारी

नई दिल्ली (वी. विश्वानंद)। हाल ही में जब मैं अपने बेटे का दाखिला एक मशहूर कॉलेज में कराने पहुंचा, तब मुझे एहसास हुआ कि मैं अबतक इस बात से अनजान था कि वो नन्ही सी जान, जिसे मैं कभी अपने कंधों पर घुमाया करता था, आज अपने जीवन के नए चरण में कदम रख रहा था। यह मेरे बच्चों के शैक्षिक जीवन का अबतक का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव था। यह पड़ाव इसलिए भी बहुत अहम होता है कि यह वो पहला मौका होता है, जब आपका बच्चा खुद यह फैसला करता है कि उसे आगे चलकर क्या बनना है और उसके लिए किस तरह की पढ़ाई जरूररी है।

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इसमें दो राय नहीं है कि माध्यमिक शिक्षा पक्के तौर पर एक आधार तय करती है और आपके बच्चे की करियर संबंधी महत्वकांक्षाओं को नई दिशा देती है। यहां गौर करने वाली बात है कि सर्वोच्च गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा ही आपके बच्चों के करियर संबंधी आकांक्षाओं के लिए निर्णायक मोड़ साबित होती है। मैं अपनेआप को भाग्यशाली मानूंगा कि मेरे बच्चों के मन में शुरुआत से ही एक बेहतरीन कॉलेज में पसंदीदा विषय पढ़ने के संबंध में धारणा साफ थी, जिससे मुझे उसके अनुरूप उसकी उच्च शिक्षा के लिए बचत करने में मदद मिली। लेकिन आपके मामले में भी ऐसा ही हो, यह जरूरी नहीं।

बच्चे की क्षमता, फोकस
उच्च शिक्षा के लिए बचत से पक्के तौर पर बच्चे की क्षमता या उसके फोकस से कोई लेना देना नहीं होता। आज इतने तरह के विषय और करियर विकल्प हैं कि बच्चे लोकप्रिय पाठ्यक्रमों की जगह ऐसे करियर विकल्प चुनना पसंद करते हैं, जो उनकी रुचि के अनुरूप हों।

नए दौर में जरूरतें बदलीं
हमारे मामले में, जो करीब दो दशक पहले की बात है, उच्च शिक्षा के लिए संभवतः कुछ ही विकल्प मौजूद थे। लेकिन मौजूदा हालात बिलकुल अलग हैं। आजकल बच्चों द्वारा होटल मैनेजमेंट, एनिमेशन कोर्स और फिल्म निर्माण जैसे करियर के विकल्प चुना जाना आम बात है, जिनके बारे में कुछ साल पहले तक किसी ने सुना भी नहीं था। विभिन्न पाठ्यक्रमों की उपलब्धता से यह पक्का होता है कि आपका बच्चा अपने जूनून के अनुसार आगे बढ़ पाएगा। लेकिन, इसके लिए आपकी फंडिंग सिस्टम का लचीला होना जरूरी है, जो आपके बच्चे के चुने हुए पाठ्यक्रम के फैसले को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त हो।

जरा ठहरें और सोचें
क्या आपने कभी यह सोचा है कि यदि आपके बच्चे ने अपनी उच्च शिक्षा से संबंधित विषय को लेकर मन बदला और उसका झुकाव बिलकुल अलग विषय की तरफ हो गया तो क्या आप उसकी उम्मीदों को पूरा कर पाएंगे? भारत और विदेश में पिछले एक दशक में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की तादाद काफी बढ़ गई है। हालांकि, यह निश्चित तौर पर एक सकारात्मक बात है, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि देश में पिछले 7 वर्षों के दौरान शिक्षा की लागत दुगनी से भी अधिक हो गई है और अगले 15 वर्षों में इसके मौजूदा लागत के मुकाबले चार गुना अधिक हो जाने का अनुमान है। ऐसे परिदृश्य में आपको खास तौर पर तैयार 'चाइल्ड प्लान' के गंभीर आंकलन की जरूरत है, जिससे यह पक्का हो सकेगा कि आपका बच्चा अपनी पसंद के विषय की बेहतरीन उच्चा शिक्षा हसिल कर सके। ऐसे प्लान, जिनमें कुछ रकम वापस मिलने की गारंटी हो, उनसे जहां तक आपके बच्चे के कॉलेज में दाखिले का सवाल है, आपको कुछ राहत तो जरूर मिलेगी।

लचीले प्लान फायदेमंद
चाइल्ड प्लान का विकल्प चुनते हुए आपको एक और महत्वपूर्ण पहलू पर गौर करने की जरूरत है कि गारंटी के तौर पर वापस मिलने वाली रकम मिलने का समय आपके अनुसार लचीला हो। यदि आप अपने बच्चे की तरफ से चुने गए पाठ्यक्रम की अवधि के अनुरूप धन वापसी का समय आगे पीछे कर सकें तो यह सुविधा बहुत काम आ सकती है।

चाइल्ड प्लान में कुछ खूबियां जरूरी
ज्यादातर लोगों को अपनी गैर मौजूदगी में बच्चे के भविष्य के बारे में सोचकर बड़ा अजीब लगेगा, लेकिन यह हकीकत है कि जीवन अनिश्चित है। इस लिहाज से बेहतरीन तरीके से तैयार चाइल्ड प्लान आपके न होने पर भी आपके बच्चे की उच्च शिक्षा की व्यवस्था करते हैं। ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में किसी आदर्श चाइल्ड प्लान के तेहत भविष्य में देय प्रीमियम माफ होना चाहिए। साथ ही उच्च शिक्षा के लिए धन वापसी सुरक्षित होनी चाहिए। ऐसी परिस्थिति में कुछ प्लान में नामित को मासिक आय लाभ मुहैया करने का भी विकल्प होता है। मसलन, बीमित रकम के एक प्रतिशत के बराबर। ऐसे व्यापक चाइल्ड प्लान से अनुशासन की आदत भी बनती है, जो आपके बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए अपने आपको वित्तीय रूप से तैयार करने को लेकर बेहद महतवपूर्ण है।

90 दिन के भीतर करें फैसला
मुझे पूरा भरोसा है की मेरी तरह आपका बच्चा भी आपके लिए उसी दिन से जीवन का केंद्र होगा, जब उसने जन्म लिया। उसी दिन से आपके छोटे-बड़े फैसले, उसकी अलग-अलग जरूरतों के इर्द-गिर्द केंद्रित हो गए होंगे। इन बड़े फैसलों में से सही चाइल्ड प्लान का चुनाव भी आपकी प्राथमिकता की सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए। बेहतर होगा कि बच्चे के जन्म लेने के 90 दिन के भीतर सर्वश्रेष्ठ प्लान का चुनाव कर लिया जाए, ताकि यह पक्का हो कि आप उसके कॉलेज के खर्चों के बारे में इत्मिनान रहे। ऐसा न होने पर आप अपने बच्चे को उसकी पसंद का कॉलेज चुनने न देने पर विवश हो सकते हैं, जिसका उसन सपना देखा है।

अनोखे एहसास की बुनियाद
अच्छे चाइल्ड प्लान से आपको वो राहत मिलेगी जो मैंने महसूस की। जब आप अपने बच्चों की महत्वकांक्षाओं को समर्थन दे पाते हैं और वे अपने लिए कुछ बेहतर हासिल कर पाते हैं तो जो खुशी मिलती है, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। जब आपका बच्चा आपको अचानक फोन करेगा तो उसकी आवाज में आप एक मौन धन्यवाद सुन पाएंगे। भरोसा कीजिए, यह एक अनोखा एहसास है।

वी. विश्वानंद मैक्स लाईफ इंश्योरेंस के वरिष्ठ निदेशक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी है


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