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नौकरीपेशा लोगों को बजट 2018 की इन 8 बातों का रखना होगा ध्यान, जानिए

बजट में वेतनभोगियों के लिए जो कदम उठाए गए हैं उसे लेकर एक्सपर्टस ने 8 पॉइंट बताए हैं जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है

By Surbhi JainEdited By: Published: Fri, 02 Feb 2018 05:22 PM (IST)Updated: Sat, 03 Feb 2018 07:52 AM (IST)
नौकरीपेशा लोगों को बजट 2018 की इन 8 बातों का रखना होगा ध्यान, जानिए
नौकरीपेशा लोगों को बजट 2018 की इन 8 बातों का रखना होगा ध्यान, जानिए

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किए जाने से नौकरीपेशा लोगों को मायूसी मिली है। ऊपर से वित्त मंत्री शिक्षा और स्वास्थ्य पर 1 प्रतिशत सेस बढ़ा दिया है जिसका बोझ भी आम आदमी पर ही पड़ेगा। बजट में वेतनभोगियों के लिए जो कदम उठाए गए हैं उसे लेकर एक्सपर्टस ने 8 पॉइंट बताए हैं जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है।

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व्यक्तिगत आयकर स्लैबः कोई परिवर्तन नहीं। मूल छूट की सीमा को बढ़ाया नहीं गया। अतः मौजूदा कर स्लैब पर कर का भुगतान जारी रहेगा।

शिक्षा उपकर में वृद्धिः मौजूदा सेस 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव। इससे करदाताओं की सभी श्रेणियों में कर बढ़ेगा। यदि आपकी आय 15 लाख रुपए है तो बजट के बाद टैक्स 2625 रुपए तक बढ़ जाएगा और 5 लाख से 10 लाख रुपए के बीच की कमाई के लिए कर दायित्व 1,125 रुपए बढ़ेगा।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स: वर्तमान में, इक्विटी शेयरों और इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंडों की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (एलटीसीजी) नहीं लगता है अगर इसे आपने एक वर्ष से अधिक समय के लिए रखकर इस स्टॉक या एमएफ को बेच दिया है। अब, बजट ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स पेश किया है जिसे 10% के आधार पर लगाया जाएगा, लेकिन सिर्फ उनके लिए जिनका लाभ 1,00,000 रुपए से अधिक है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत: आपके माता-पिता के लिए बजट में कुछ अच्छी घोषणाएं हैं, जो कि वरिष्ठ नागरिक हैं। अब बैंकों और डाकघरों में सावधि जमाओं पर मिलने वाले ब्याज आय में छूट की वर्तमान सीमा बढ़ा दी जाएगी। अभी इसकी सीमा 10,000 रुपए है। इसे बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है। इसका अर्थ है कि उन्हें 50,000 रुपए तक की ब्याज आय पर धारा 80 टीटीए के तहत कटौती के रूप में अनुमति दी गई है।

कोई टीडीएस नहीं: बजट में टैक्स कटौती करने का प्रस्ताव लाया गया है। इसलिए 50,000 रुपए तक के एफडी ब्याज पर धारा 194ए के तहत टीडीएस प्रावधान को हटा दिया गया है।

मेडिकल प्रीमियम सीमा में वृद्धिः वरिष्ठ नागरिकों को अपने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की कटौती का मौजूदा लाभ 30,000 रुपए से बढ़कर 50,000 रुपए कर दिया गया है।

डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्सः इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड द्वारा वितरित डिविडेंड पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा। वर्तमान में, इक्विटी उन्मुख म्यूचुअल फंड योजनाओं पर लाभांश वितरण पर टैक्स नहीं है।

290 से 1740 रुपए बचेंगे: वेतन से 40,000 रुपए की मानक कटौती की पेशकश। लेकिन मौजूदा परिवहन भत्ता 19,200 रुपए और चिकित्सा प्रतिपूर्ति का रिंबर्समेंट 15,000 रुपए को हटा दिया गया है। इसलिए इन दोनों प्रभावों को आकलन से निकालने के बाद आयकर की बचत सिर्फ 5,800 वाली आय पर ही होगी। यह भी आयकर स्लैब पर निर्भर करेगा। यह उन लोगों के लिए केवल 290 रुपए बचाता है जिनकी स्लैब वर्तमान में 5 प्रतिशत है। 20% टैक्स ब्रैकेट के लिए 1160 रुपए बचेंगे। जिसकी भी कमाई 10 लाख से अधिक के लिए 1,740 रुपए की बचत होगी।

- ऋषभ पारख, सीए


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