कोरोना संकट के बीच आम बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए एलान पर क्या है स्वास्थ्य मंत्री और विशेषज्ञों की राय, जानें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को साल 2022-23 का बजट पेश करते हुए हेल्थ सेक्टर पर विशेष जोर देने की बात कही। आइए जानें स्वास्थ्य क्षेत्र में एलान पर क्या है स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा जगत के दिग्गजों की राय....
नई दिल्ली, एजेंसियां। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को साल 2022-23 का बजट पेश करते हुए हेल्थ सेक्टर पर विशेष जोर देने की बात कही। उन्होंने ऐलान किया कि मानसिक स्वास्थ्य परामर्श के लिए एक राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। यही नहीं राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक खुला मंच तैयार किया जाएगा। आइए जानें स्वास्थ्य क्षेत्र में एलान पर क्या है स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा जगत के दिग्गजों की राय....
स्वास्थ्य मंत्री ने कही यह बात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर कहा- राष्ट्रीय स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक खुले मंच की घोषणा के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी को धन्यवाद। इसमें स्वास्थ्य प्रदाताओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की डिजिटल रजिस्ट्रियां, यूनिक स्वास्थ्य पहचान और स्वास्थ्य सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच शामिल होगी। यह बजट देश में मेंटल हेल्थ को मजबूत करने, रीसर्च को बढ़ाने, आम जन तक उत्तम स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगा।
इन जरूरतों पर होना चाहिए जोर
मेदांता अस्पताल के चेयरमैन/एमडी डा. नरेश त्रेहन ने कहा कि मौजूदा वक्त में महामारियों से निपटने के लिए उच्च स्तरीय देखभाल अस्पतालों की आवश्यकता है। हमें स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करने, नई तकनीकों का विस्तार करने, अनुसंधान पर जोर देने की आवश्यकता है ताकि इस क्षेत्र में अधिक आत्मनिर्भरता आ सके। हमें इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर फंडिंग की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य सेवा पर कम हुआ फोकस
डा. त्रेहन ने कहा कि इस बजट में इन मुद्दों में से किसी पर भी ध्यान नहीं दिया गया है। तीन से चार चीजें हैं जिन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है। हमें कोरोना जैसी महामारियों के लिए बहुत अच्छी तरह से तैयार रहना होगा। इसके लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में मजबूत बुनियादी ढांचे की जरूरत है। स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में मजबूती के लिए हमें कुशल जनशक्ति की भी आवश्यकता है। आप बजट को देखें तो स्वास्थ्य सेवा का जिक्र बहुत कम है।
कम की जानी चाहिए आयात पर निर्भरता
वहीं भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग संघ (Association of Indian Medical Device Industry, AiMeD) ने मंगलवार को कहा कि बजट 2022-23 में भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग की अनदेखी की गई है। एआईएमईडी फोरम के समन्वयक राजीव नाथ ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि सरकार चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल उपायों पर आगे बढ़ेगी लेकिन उम्मीदों के विपरीत सरकार ने आयात निर्भरता को खत्म करने में मदद करने के लिए कोई उपाय शामिल नहीं किया है।