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Union budget 2020: वित्त मंत्री का एलान, पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए शुरू होंगे डिग्री स्तर के ऑनलाइन कोर्स

Union budget 2020 इसके अलावा उन्होंने कहा कि 2020-21 में शिक्षा क्षेत्र में लगभग 99300 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है।

By Neel RajputEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 12:12 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 06:19 PM (IST)
Union budget 2020: वित्त मंत्री का एलान, पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए शुरू होंगे डिग्री स्तर के ऑनलाइन कोर्स
Union budget 2020: वित्त मंत्री का एलान, पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए शुरू होंगे डिग्री स्तर के ऑनलाइन कोर्स

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Union budget 2020: मोदी सरकार शनिवार को आम बजट पेश कर रही है। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा को लेकर बड़े ऐलान किए हैं। नई शिक्षा नीति की घोषणा के अलावा पिछड़े वर्ग के छात्रों पर भी उन्होंने खास ध्यान दिया है। उन्होंने संसद में कहा कि समाज के वंचित वर्ग के छात्रों के लिए केंद्र सरकार डिग्री स्तर के ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू करेगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 2020-21 में शिक्षा क्षेत्र में लगभग 99,300 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश में शिक्षा क्षेत्र में बड़े निवेश की जरूरत है। उन्होंने Study In India की शुरुआत की घोषणा की।

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वित्त मंत्री ने कहा कि 2030 तक भारत दुनिया का सबसे ज्यादा 'वर्किंग एज' वाला देश होगा इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में सुधार किए जाएंगे और इसके लिए युवाओं को कौशल प्रदान करने का महत्व दिया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी जल्द ही लागू की जाएगी उन्होंने कहा कि इसके लिए 2 लाख से ज्यादा सुझाव मिले हैं, जिन्हें नीति में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा में एफडीआई को भी लागू किया जाएगा। इंजीनियरिंग के छात्रों को शहरी स्थानीय निकाय एक साल की इंटर्नशिप प्रदान करेगा।

इसके अलावा केंद्र सरकार वंचित वर्ग के छात्रों को गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने के लिए डिग्री स्तर की ऑनलाइन शिक्षा भी प्रदान करेगा। अल्पसंख्यक और वंचित युवाओं के लिए शीर्ष 100 एनआईआरएफ रैंकिंग संस्थानों द्वारा डिग्री स्तर ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। वहीं एक राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय प्रस्तावित किया गया। राज्यों के लिए जिला अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने में सहायता की जाएगी। शिक्षकों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और केयरगीवर्स के लिए विदेशों में भारी मांग मौजूद है। सरकार नौकरियों में कौशल की जरूरतों के अनुसार ब्रिज-कोर्सेस का प्रस्ताव करती है ताकि उन्हें जॉब की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जा सके। सामान्य चिकित्सकों और विशेषज्ञों दोनों के लिए योग्य चिकित्सा डॉक्टरों की कमी है इसलिए पीपीपी मोड में हर जिला अस्पताल से एक मेडिकल कॉलेज को अटैच किया जाएगा।


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