Budget Documents: बजट में इन 11 कागजातों का है विशेष महत्व, जानिए इनके बारे में
बजट तैयार करने में कई कागजात शामिल होते हैं हम अपनी इस खबर में बता रहे हैं कि एक बजट में आखिर क्या कुछ शामिल होता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं। यह उनका दूसरा बजट होगा। साथ ही यह मोदी सरकार के कार्यकाल 2।0 का भी दूसरा बजट होगा। अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार को देखते हुए इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं। हालांकि, सरकार ने अर्थव्यवास्था को गति देने के लिए कई अदम उठाए हैं लेकिन उसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में आज पेश होने वाले बजट से उम्मीदें बहुत बढ़ी हुई हैं। बजट की तैयारी कई दिनों पहले से हो शुरू हो जाती है। बजट तैयार करने में कई कागजात शामिल होते हैं, हम अपनी इस खबर में बता रहे हैं कि एक बजट में आखिर क्या कुछ शामिल होता है।
कुल 11 दस्तावेज महत्वपूर्ण
बजट के कागजात में वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement) शामिल होता है
डिमांड ऑन ग्रांट (Demand for Grants)
एप्रोप्रिएशन बिल (Appropriation Bill)
वित्त विधेयक में प्रावधान की व्याख्या का ज्ञापन (Memorandum Explaining the Provisions in the Finance Bill)
मौजूदा वित्त वर्ष के लिए प्रासंगिक एवं व्यापक आर्थिक ढ़ांचा (Macro-economic framework for the relevant financial year)
फाइनेंस बिल (Finance Bill)
एक्सपेंडीचर बजट वाल्यूम-1 (Expenditure Budget Volume -1)
एक्सपेंडीचर बजट वाल्यूम-2 (Expenditure Budget Volume -2)
वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय रणनीति का ब्यौरा (Fiscal Policy Strategy Statement for the financial year)
मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति का वक्तव्य (Medium Term Fiscal Policy Statement)
रिसीप्ट्स बजट (Receipts Budget)
डिमांड ऑन ग्रांट: इसमें संचित निधि से निकाले जाने वाले खर्चों (वार्षिक वित्तीय विवरण में शामिल) का अनुमान दर्ज होता है। यह एक तरह का फॉर्म होता है, जिसे अनुच्छेद 113 के तहत जमा किया जाता है। लोकसभा में इस पर मतदान जरूरी है।
वार्षिक वित्तीय विवरण क्या है: बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 112 में इसके बारे में बताया गया है। संसद के दोनों सदनों के सामने सरकार एक वित्त वर्ष की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण पेश करती है, जिसे वार्षिक वित्तीय विवरण कहा जाता है।
विनियोग विधेयक (एप्रोप्रिएशन बिल): लोकसभा से मंजूरी के बाद खर्च की मांगों और संचित निधि में से किए जाने वाले खर्चों को एकत्रित करके एक विधेयक बनाया जाता है, जिसे विनियोग विधेयक कहा जाता है। इसे भी लोकसभा में पेश किया जाता है।