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नई टैक्स प्रणाली आसान और करदाताओं को बचत के विकल्प उपलब्ध कराने वाली है: राजस्व सचिव

अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में छह-सात टैक्स स्लैब मौजूद हैं। टैक्स स्लैब अधिक होने से बढ़ी हुई आय को छिपाने की कोशिश में कमी होगी।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 11:17 AM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 11:19 AM (IST)
नई टैक्स प्रणाली आसान और करदाताओं को बचत के विकल्प उपलब्ध कराने वाली है: राजस्व सचिव
नई टैक्स प्रणाली आसान और करदाताओं को बचत के विकल्प उपलब्ध कराने वाली है: राजस्व सचिव

नई दिल्ली, आइएएनएस। आम बजट में नई टैक्स प्रणाली की घोषणा के बाद यह लगातार चर्चा का विषय बनी हुई है। राजस्व सचिव अजय भू्षण पांडेय ने इसका बचाव करते हुए कहा है कि यह आसान और करदाताओं को विकल्प उपलब्ध कराने वाला सिस्टम है। इसके लागू होने के बाद करदाताओं को सेविंग्स स्कीम पर नजर रखने की जरूरत नहीं होगी। नई टैक्स प्रणाली के तहत बिना किसी छूट के लिए कम टैक्स दर का विकल्प मौजूद होगा। हालांकि, इसे चुनना या नहीं चुनना पूरी तरह से करदाता पर निर्भर करेगा। वह चाहे तो पुराना विकल्प भी चुन सकता है।

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मौजूदा टैक्स प्रणाली में छूट के लिए कई सुबूत उपलब्ध कराने पड़ते हैं। इनमें बीमा पॉलिसी और घर के किराए की रसीदें जैसे दस्तावेज शामिल हैं। वैकल्पिक टैक्स प्रणाली में इन सबकी जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही करदाताओं को विशेषज्ञों की राय भी नहीं लेनी पड़ेगी। पांडेय ने बताया कि साधारण गणित का जानकार व्यक्ति भी आसानी के साथ अपना टैक्स रिटर्न फाइल कर सकेगा।

राजस्व सचिव ने कहा कि पुरानी प्रणाली के तहत किसी व्यक्ति की आय 10 लाख रुपये है और उसे सवा लाख रुपये तक के लाभ प्राप्त होते हैं। वह नई टैक्स प्रणाली में भी बिना कोई सबूत उपलब्ध कराए लाभ प्राप्त कर सकता है। पांडेय ने कहा कि इस तरह का सिस्टम कई बड़े देशों में पहले से मौजूद है।

अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में छह-सात टैक्स स्लैब मौजूद हैं। टैक्स स्लैब अधिक होने से बढ़ी हुई आय को छिपाने की कोशिश में कमी होगी। यदि किसी की आय पांच परसेंट से बढ़कर 20 परसेंट हो जाती है, तो वह अधिक टैक्स देने से बचने के लिए आय छिपाने की कोशिश करता है। नए कराधान से ऐसी कोशिशों को हतोत्साहित करने में मदद मिलेगी।


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