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Budget 2020: इन वजहों से Share Market को बजट में हाथ लगी निराशा, आई भारी गिरावट

Share Market उम्मीद थी कि सबसे ज्यादा सुस्ती की मार झेल रहे रियल एस्टेट या ऑटो सेक्टर के लिए बजट में कोई बड़ा ऐलान होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। PC Pixabay

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 05:41 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 06:05 PM (IST)
Budget 2020: इन वजहों से Share Market को बजट में हाथ लगी निराशा, आई भारी गिरावट
Budget 2020: इन वजहों से Share Market को बजट में हाथ लगी निराशा, आई भारी गिरावट

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बजट के दिन शनिवार को शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुआ है। बजट से बाजार की नाखुशी के चलते सेंसेक्स 938 और निफ्टी 300 अंक गिरकर बंद हुआ है। बजट में किसी भी सेक्टर के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं होने के चलते भी शेयर बाजार में निराशा रही है। आइए जानते हैं कि वे कौन-कौनसे कारण रहे, जिनकी वजह से बाजार में भारी गिरावट आई है। गौरतलब है कि यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट था।

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किसी भी सेक्टर के लिए नहीं हुई कोई बड़ी घोषणा

बजट 2020 में किसी भी सेक्टर के लिए कोई बड़ा ऐलान नहीं हुआ है। उम्मीद थी कि सबसे ज्यादा सुस्ती की मार झेल रहे रियल एस्टेट या ऑटो सेक्टर के लिए बजट में कोई बड़ा ऐलान होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अगर इन सेक्टर्स के लिए बड़ी घोषणाएं होतीं, तो उपभोक्ता मांग में भी इजाफे की संभावना नजर आती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। इस कारण बाजार को बजट से निराशा हाथ लगी है।

वित्त मंत्री ने LTCG टैक्स पर नहीं की कोई बड़ी घोषणा

बजट 2020 से यह अपेक्षा की जा रही थी कि सरकार इसमें निवेशकों के हित को ध्यान में रखते हुए एलटीसीजी यानी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स को समाप्त करने की घोषणा करेगी। बजट में यह घोषणा नहीं होने से भी बाजार को निराशा हाथ लगी है।

धारा 80 सी में आने वाली टैक्स छूट खत्म करना

आम बजट में आयकर की धारा 80 सी के तहत टैक्स में मिलने वालीं लगभग सभी छूट खत्म कर दी गई हैं। सरकार के इस फैसले से करदाताओं को निराशा हाथ लगी है। वहीं, बजट में पांच लाख तक की आय को टैक्स फ्री भी किया गया है। इन दोनों बातों से करदाताओं के बीच टैक्स स्लैब को लेकर कंफ्यूजन पैदा हो सकता है।

DDT को किया गया खत्म

बजट 2020 में वित्त मंत्री ने डिविडेंट डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स को खत्म करने की घोषणा की है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह निवेशकों के लिए एक नकारात्मक खबर है। वह इसलिए क्योंकि डिविडेंट अब करदाता की आय में जुड़ जाएगा। डीडीटी को खत्म करने से सरकारी खजाने पर 25,000 करोड़ रुपये का बोझ भी बढ़ जाएगा।

डिसइन्वेस्टमेंट का बड़ा लक्ष्य

आम बजट 2020 में विनिवेश का बड़ा लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए 2.10 लाख करोड़ के डिसइन्वेस्टमेंट का काफी बड़ा लक्ष्य रखा है। बजट में वित्त मंत्री ने एलआईसी (LIC) और आईडीबीआई (IDBI) में सरकार की हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया है। विनिवेश के इस बड़े लक्ष्य के कारण भी बाजार निराश रहा है।


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