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शेयर बाजार में जारी गिरावट में क्या करें निवेशक, एक्सपर्ट से समझिए

एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार में इस गिरावट के मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोरी और एलटीसीजी की वापसी है

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 05 Feb 2018 05:20 PM (IST)Updated: Mon, 05 Feb 2018 05:20 PM (IST)
शेयर बाजार में जारी गिरावट में क्या करें निवेशक, एक्सपर्ट से समझिए
शेयर बाजार में जारी गिरावट में क्या करें निवेशक, एक्सपर्ट से समझिए

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। 1 फरवरी को बजट पेश होने के बाद से अब तक बीते तीन कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। बीते तीन सत्रों में सेंसेक्स में 1206 अंक की गिरावट आ चुकी है। एक्सपर्ट बाजार में इस गिरावट की बड़ी बजट में वजह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की वापसी और ग्लोबल मार्केट में आई बिकवाली को मान रहे हैं। साथ ही बाजार में मौजूदा स्तर से वापसी की मजबूत संभावना है।

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बाजार में गिरावट की बड़ी वजह

कैपिटल सिंडिकेट के मैनेजिंग पार्टनर सुब्रमण्यम पशुपति के मुताबिक बजट के बाद बाजार में शुरू हुई बिकवाली का एकमात्र कारण लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं है। रिकॉर्ड स्तर से बाजार में एक मुनाफावसूली काफी लंबे समय से अपेक्षित थी। इसके अलावा ग्लोबल इक्विटी मार्केट में आई बिकवाली से यह गिरावट और गहरा गई।

पशुपति के मुताबिक बाजार में मौजूदा स्तर से फिलहाल किसी बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है, एक दो दिन में बाजार सेटल हो जाने के बाद हम बाजार में निचले स्तर से फिर खरीदारी देखेंगे। हालांकि अब बाजार में किसी बड़ी तेजी की संभावना नहीं दिख रही। निफ्टी सेंसेक्स एक बड़े दायरे में ट्रेड करते नजर आएंगे।

बाजार में नहीं बड़ी गिरावट का खतरा

स्टॉक एक्सेस के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट ब्रजेश सिंह के मुताबिक निफ्टी के लिहाज से 10500 का स्तर बेहद अहम है। अगर बाजार यह स्तर को होल्ड करता है तो निश्चित तौर निफ्टी में 10800 और इसके ऊपर 10930 के स्तर दिख सकते हैं। वहीं अगर 10500 का स्तर बाजार तोड़ता है तो नीचे की तरफ 10350 और 10150 तक जा सकता है। ब्रजेश ने कहा यह ध्यान देना होगा कि अगर निफ्टी 10150 का स्तर किसी भी स्थिति में तोड़ता है तो लॉन्ग टर्म बुल रैली की संरचना बिगड़ सकती है।

क्या करें निवेशक

पशुपति का मानना है कि बाजार की गिरावट में निवेशक स्टील, सीमेंट और चुनिंदा मिडकैप कंपनियों में लंबी अवधि के निवेश से खरीदारी के सौदे बनाए जा सकते है। स्टील कंपनियों में मौजूदा स्तर से एक टर्न अराउंड देखने को मिल सकता है। इसके अलावा टेक कंपनियों को गिरावट आने पर खरीदा जा सकता है।

ब्रजेश सिंह का मानना है कि मौजूदा बाजार में निवेशकों को डिफेंसिफ सेक्टर्स के शेयरों में खरीदारी करनी चाहिए। उनके मुताबिक बाजार में निकट भविष्य में कोई बड़ा ट्रिगर नहीं है। अगली तिमाही के नतीजे और मानसून ही अगले बड़े ट्रिगर होंगे।

बाजार में गिरावट की दो बड़ी वजह

अंतरराष्ट्रीय बाजार में गिरावट

शेयर बाजार में जारी गिरावट को लेकर राजस्व सचिव हसमुख अढ़िया ने बयान में कहा है कि बाजार में गिरावट का मुख्य कारण प्रस्तावित लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) नहीं है बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गिरावट के चलते दबाव देखने को मिला है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब विदेशी बाजारों में कमजोरी के कारण भारतीय बाजार में बिकवाली चल रही है। बीते सप्ताह MSCI-All Countries Index में तीन फीसद से चार फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स

बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सूचीबद्ध शेयरों, इक्विटी फंडों तथा बिजनेस ट्रस्टों की यूनिटों के हस्तांतरण से अर्जित एक लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक कैपिटल गेन पर 10 फीसद की दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। इसमें इंडेक्सेशन का लाभ लेने की छूट भी नहीं मिलेगी। यही नहीं, अब इक्विटी फंडों की वितरित आय पर भी 10 फीसद की दर से कर लगेगा। अभी सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों, इक्विटी फंडों तथा बिजनेस ट्रस्टों की यूनिटों से प्राप्त होने वाले दीर्घकालिक कैपिटल गेन पर किसी प्रकार का कर नहीं लगता। हालांकि 31 जनवरी, 2018 तक के सभी गेन पर शर्तों के मुताबिक छूट के साथ टैक्स लगेगा।


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