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आम बजट 2018: जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर को मांग बढ़ने की उम्मीद, डायमंड सेक्टर निराश

डायमंड ट्रेडर्स ने कट और पॉलिश किए गए हीरे और रंगीन रत्नों पर इंपोर्ट ड्यूटी में इजाफे पर निराशा जताई है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 02 Feb 2018 01:19 PM (IST)Updated: Fri, 02 Feb 2018 01:54 PM (IST)
आम बजट 2018: जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर को मांग बढ़ने की उम्मीद, डायमंड सेक्टर निराश
आम बजट 2018: जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर को मांग बढ़ने की उम्मीद, डायमंड सेक्टर निराश

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। 1 फरवरी 2018 को पेश किए गए बजट 2018 में आम टैक्स पेयर को कोई बड़ी राहत नहीं दी गई, हालांकि जेटली ने अपने बजट में ग्रामीण क्षेत्रों को कई बड़ी सौगातें दीं। जीएसटी के बाद पेश किए गए पहले आम बजट पर अलग-अलग सेक्टर्स से मिली जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। जानिए किस सेक्टर ने मौजूदा सरकार के आखिरी पूर्णकालिक बजट पर दी कैसी प्रतिक्रिया।

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बुलियन सेक्टर की प्रतिक्रिया: गोल्ड एक्सपर्ट अजय केडिया ने बताया कि बजट 2018 गोल्ड सेक्टर के लिए सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि इंडियन गोल्ड ट्रेडर्स मानते हैं कि यूनियन बजट 2018 सेक्टर के लिए सकारात्मक है। आईबीजेए के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने एसेट क्लास के रूप में गोल्ड को तैयार करने की लिए एक कॉम्प्रिहैंसिव गोल्ड पालिसी और विनियमित गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना करने को सकारात्मक बताया है। कुछ ट्रेड अधिकारियों ने अनुमान लगाया था कि गोल्ड पॉलिसी के एक हिस्से के रुप में एक अलग नियामक की स्थापना की जाएगी ताकि ट्रेड एवं स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज को विनियमित किया जा सके। राज्य में स्पॉट एक्सचेंजों को स्टेट अथॉरिटी (राज्य प्राधिकरणों) की ओर से नियंत्रित किया जा सकता है, जैसे कि एग्री स्पॉट मार्केट के लिए एपीएमसी है। कुछ ने यह भी अनुमान लगाया था कि एक स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज को नियंत्रित करने के लिए सेबी को छूट मिल सकती है। आम बजट 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जिक्र किया था कि गोल्ड पर अब 3 फीसद का सरचार्ज लगाया जाएगा, जो कि अग्रीगेट कस्टम ड्यूटी पर लागू होगा।

जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर: देश की जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री ने कहा कि बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक फोकस और जीडीपी की 7.2-7.5 फीसद की अनुमानित वृद्धि दर से मांग को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि इस सेक्टर को इस बात को लेकर निराशा हुई कि बुलियन पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई। ऑल इंडिया जीजेएफ (GJF) के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने बताया, “सरकार ने कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उत्कृष्ट सुधार किए हैं, जो कि जीडीपी में सबसे बड़ा योगदान देते हैं। ये सुधार बेहतर आय के जरिए ग्रामीण उपभोक्ताओं को सशक्त बनाएंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्र में आभूषण की बिक्री में मदद मिलेगी। साथ ही कॉम्प्रिहैंसिव गोल्ड पालिसी, गोल्ड स्पॉट एक्सचेंज और गोल्ड डिपॉजिट अकाउंट इंडस्ट्री के लिए काफी फायदेमंद रहेगा।”

क्या कहना है डायमंड ट्रेडर्स का: डायमंड ट्रेडर्स ने कट और पॉलिश किए गए हीरे और रंगीन रत्नों पर इंपोर्ट ड्यूटी में इजाफे पर निराशा जताई है। आम बजट 2018 में इसे 2.5 फीसद से बढ़ाकर 5 फीसद कर दिया गया है। ट्रेडर्स का मानना है कि यह न सिर्फ निर्यात को प्रभावित करेगा बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय हीरा व्यापार केंद्र बनने की भारत की संभावनाओं को भी कम करेगा। जीजेईपीसी (GJEPC) के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने बताया, “कट और पॉलिश किए गए हीरे और रंगीन रत्नों पर इंपोर्ट ड्यूटी में इजाफा अंतरराष्ट्रीय हीरा व्यापार केंद्र बनने की भारत की संभावनाओं को कम करेगा। यह कदम भारत को उसके अन्य समकक्षों (बेल्जियम, दुबई, इजरायल) के समान सुविधा पाने से दूर करेगा।”


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