Budget 2020: पेट्रोलियम मंत्रालय की गैस को GST दायरे में लाने की हिमायत, धर्मेंद्र प्रधान भी कई बार कह चुके हैं ये बात
Budget Expectation GST के तहत लाए जाने के बाद नेचुरल गैस पर देशभर में एक ही दर से टैक्स लगेगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। Budget 2020 से पहले पेट्रोलियम मंत्रालय ने प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की हिमायत की है। मंत्रालय का कहना है कि नेचुरल गैस पर कई तरह के टैक्स में कमी एवं कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने से पर्यावरण के अनुकूल ईंधन के इस्तेमाल को प्रोत्साहन मिलेगा। 17 केंद्रीय एवं राज्य करों को मिलाकर एक जुलाई, 2017 को माल एवं सेवा कर (GST) लागू किया गया था। हालांकि, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और ATF को इससे बाहर रखा गया था। राज्य सरकारों को पेट्रोलियम पदार्थों से भारी राजस्व मिलता है।
मंत्रालय ने ऑटोमोबाइल, किचन और इंडस्ट्री में नेचुरल गैस के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए लाए गए एक बुकलेट में कहा है, ''मौजूदा समय में प्राकृतिक गैस वैट के तहत आता है। अलग-अलग राज्यों में प्राकृतिक गैस पर तीन फीसद से 20 फीसद तक का वैट लगता है।''
GST के तहत लाए जाने के बाद नेचुरल गैस पर देशभर में एक ही दर से टैक्स लगेगा। इससे घरेलू उत्पादन एवं सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद मिलेगी एवं आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। साथ ही कुल-मिलाकर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी गैस को जीएसटी में शामिल करने की बात कई बार कह चुके हैं। उन्होंने सोमवार को कहा था, ''हमारा मानना है कि नेचुरल गैस एवं एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) को जीएसटी में शामिल किया जाना चाहिए।''
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का केंद्रीय बजट एक फरवरी को पेश करेंगी। एटीएफ किसी भी एयलाइन की कुल लागत का एक तिहाई होता है और इसकी कीमत स्थानीय वैट के आधार पर अलग-अलग राज्य में अलग होती है।