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जेटली के बजट से करदाताओं को नहीं मिली राहत, एक्सपर्ट बोले लोकलुभावन है यह बजट

एक्सपर्ट साल 2019 के आम चुनावों के मद्देनजर लोकलुभावन बजट ही मान रहे हैं

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 01 Feb 2018 06:33 PM (IST)Updated: Fri, 02 Feb 2018 07:58 AM (IST)
जेटली के बजट से करदाताओं को नहीं मिली राहत, एक्सपर्ट बोले लोकलुभावन है यह बजट
जेटली के बजट से करदाताओं को नहीं मिली राहत, एक्सपर्ट बोले लोकलुभावन है यह बजट

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भले ही आम करदाताओं को कोई राहत न दी हो लेकिन इस बजट में देश के कृषि क्षेत्र के साथ साथ, महिलाओं और बुजुर्गों को खास ख्याल रखा गया। ऊपरी तौर पर भले ही इसे अच्छा बजट न माना जा रहा हो लेकिन एक्सपर्ट साल 2019 के आम चुनावों के मद्देनजर लोकलुभावन बजट ही मान रहे हैं।

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जानिए किस एक्सपर्ट का क्या है कहना

डॉ रवि सिंह, एसएमसी ग्लोबाल सिक्योरिटीज लिमिडेट, रिसर्च हेड ने बताया, “यूनियन बजट 2018 में 70 लाख नई नौकरियों के सृजन की घोषणा की गई है। रोजगार सृजन के ज्यादा मौके देने जाने पर धयान दिया जाएगा। टेक्सटाइल, लेबर और फुटवियर क्षेत्र में 50 लाख युवाओं को 2020 तक प्रशिक्षण दिए जाने की योजना है। आने वाले 3 साल में नए कर्मचारियों के ईपीएफ में 12 फीसद का योगदान देने की योजना है। ईपीएफ में महिलाओं का योगदान 12 से 8 फीसद करने का ऐलान किया गया। इसके अलावा महिलाओं की मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया ताकि महिलाओं को आगे बढ़ने में मदद मिल सके। जेटली ने कहा कि तीन साल पहले स्टार्ट-अप इंडिया की शुरूआत हुई थी, जिसके परिणाम काफी अच्छे निकले। उनके अनुसार छोटे उद्योगों के लिए 3794 करोड़ खर्च किए जाने की योजना है। व्यापार शुरू करने के लिए मुद्रा योजना के लिए 3 लाख करोड़ के फंड का एलान किया गया है।”

क्या बोले बाजार विशेषज्ञ विवेक नेगी:

नेगी ने कहा, “वित्त मंत्री ने कार्पोरेट टैक्स के मामले में बड़ी राहत दी। अब जिन कंपनियों का टर्नओवर सालाना 250 करोड़ होगा उन्हें कॉर्पोरेट टैक्स में 25 प्रतिशत टैक्स देना होगा। देश के 99 फीसद बहुत छोटे, छोटे व मछोले उद्योगों को फायदा होगा। हालांकि वित्त मंत्री ने आयकर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। इसके अलावा वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 के बजट में कई बड़े ऐलान किए। सरकार 1200 करोड़ रुपए खर्च कर एक नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम शुरू करने जा रही है, जिसमें 10 करोड़ लोगों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा 'आयुष्मान भारत' प्रोग्राम भी शुरू किया जाएगा। इसके तहत देशभर में 1.50 लाख हेल्थ सेंटर बनाकर दवा और जांच की मुफ्त सुविधा दी जाएगी। कुल मिलाकर देश की 40 फीसद यानी 50 करोड़ आबादी के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी।”

क्या कहना है वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका पांडे

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2018-19 के बजट में कई बड़े एलान किए। मोदी सरकार ने बजट में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए बड़े एलान किए। सरकार 1200 करोड़ रुपए खर्च कर एक नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम शुरू करने जा रही है, जिसमें 10 करोड़ लोगों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा 'आयुष्मान भारत' प्रोग्राम भी शुरू किया जाएगा। इसके तहत देशभर में 1.50 लाख हेल्थ सेंटर बनाकर दवा और जांच की मुफ्त सुविधा दी जाएगी। कुल मिलाकर देश की 40 फीसदी यानी 50 करोड़ आबादी के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य इस साल 70 लाख नई नौकरियां पैदा करने का है। इससे पहले बजट भाषण की शुरुआत में वित्त मंत्री ने कहा कि गरीबों को मुफ्त डायलिसिस सुविधा दी जाएगी। अरुण जेटली ने बताया है कि कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है। किसानों को सही भुगतान के लिए ई-सिस्टम बनाया जाएगा। साथ ही कृषि के लिए क्लस्टर विकास योजना लागू हो गई है। वित्त मंत्री ने बजट में यह घोषणा की है कि सरकार का लक्ष्य हर राज्य में सरकारी मेंडिकल कॉलेज खोलने का है। नए मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद हर तीन संसदीय क्षेत्र में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज हो जाएगा।


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