नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम से होगा दोहरा फायदा, गरीबों को बेहतर इलाज और हॉस्पिटल इंडस्ट्री को मिलेगा बूस्ट
एक्सपर्ट्स ने हेल्थ सेक्टर में नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम की सरहाना की है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बजट 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से गरीबों के सस्ते इलाज के लिए लॉन्च की गई नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम का इंडस्ट्री स्वागत कर रही है। एक्सपर्ट मान रहे है कि नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम से दोहरा फायदा होगा, जहां एक ओर गरीबों को कम पैसों में बेहतर इलाज मिल पाएगा वहीं दूसरी ओर हॉस्पिटल इंडस्ट्री को भी इससे बूस्ट मिलेगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र
मेडिका हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन डॉ आलोक रॉय ने बताया कि कई दशकों में पहली बार सरकार ने केंद्रीय बजट में हेल्थकेयर सेक्टर में सुधार को लेकर गंभीरता दिखाई है। जैसा कि हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम (स्वास्थ्य बीमा योजना) में कहा गया है कि यह 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख का इंश्योरेंस कवरेज देगा। यह न केवल, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करेगा बल्कि यह देश में अस्पतालों के उद्धार को भी प्रोत्साहित करेगा। सरकार ने अपने इस बजट में 24 नए मेडिकल कॉलेज को लेकर भी प्रतिबद्धता जताई है जो डॉक्टरों, नर्सों और पैरामैडिकल को तैयार करेंगे, जिन्हें अच्छे से प्रशिक्षित किया जाएगा और ये देश के भावी जरूरत होंगे। इससे ग्रामीण स्वास्थ्य की देखभाल करने में मदद मिलेगी, जिसे निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों की ओर से लगभग नजरअंदाज ही किया जाता रहा है। सरकार ने बीमा प्रीमियम और हेल्थकेयर सेस पर उच्च आयकर छूट की अनुमति दी है, जो कि सरकार और व्यक्तिगत रुप से किए जाने वाले खर्चों को बढ़ावा देगी। साथ ही इससे सरकार के पास हेल्थकेयर विकास के लिए और अधिक फंड होगा जो कि सराहनीय है। डॉ रॉय देश में स्वस्थ्य नागरिकों का एक अच्छा भविष्य देखते हैं।
मायमेडिसनबॉक्स के मेंटॉर मनमोहन गुप्ता ने इस बजट को स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज अच्छा माना है। इसपर उन्होंने कहा, “मैं निजी तौर पर प्रधानमंत्री मोदी जी को धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने बजट 2018 के माध्यम से दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ प्रोग्राम लाने के वादे के साथ अपने बड़े इरादे को पुष्ट किया है। अगर भारतीय अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेते हैं तो हम एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं जिसमें कम मेडिकल खर्चों में ज्यादा प्रोडक्टिविटी मिलेगी।”
आसपास के इलाकों में 1.5 लाख हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स खोले जाएंगे जिससे कि लोगों कि पहुंच स्वास्थ्य सेवाओं तक बन सकेगी। हर परिवार में वरिष्ठ नागरिकों पर होने वाले स्वास्थ्य खर्चों की चिंता होती है। अब उन्हें राहत मिली है। ड्यूटी और काराधन में कटौती के चलते दवाइयां सस्ती होंगी।
चूंकि मैं ई-फार्मेसी या हेल्थ टेक ऑनलाइन मेडिकल स्टोर के साथ जुड़ा हुआ हूं, मुझे लगता है कि डिजिटल इंडिया और ई-पेमेंट सिस्टम के जरिए उच्च मानक और गुणवत्ता की सामान्य दवाएं मुहैया कराई जा सकती है। हम मायमेडिसिनबॉक्स सरकार की ओर से की गई पहलों का समर्थन करता है। हमारा मिशन हेल्दी इंडिया- हेल्दी इंडियन है।
एजुकेशन
ठाकुर इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टीड और रिसर्च की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ शुचि गौतम (सीए, एमकॉम, पीएचडी) का कहना है कि इसे एक अलग तरीके का बजट कहा जा सकता है जिसमें सबसे ज्यादा ध्यान समेकन एवं मौजूदा पहलों को मजबूत करने पर लगाया गया है। शिक्षा के इंफ्रा को बेहतर बनाने की दिशा में सरकार की इस कदम की सरहाना करते हैं। हालांकि सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाया है लेकिन यह अभी भी उम्मीद से कम है। शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस करना चाहिए। सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता जैसी जरूरतों को देखते हुए इसे तकनीक से इंटिग्रेट करने की योजना बनाई है। तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि डिजिटल पोर्टल दिक्षा (DIKSHA) के जरिए टीचर्स की स्कील को अपग्रेड किया जा सके।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में हालांकि सरकार को आवंटन के लिहाज से और ध्यान देने की जरूरत है। फोकस न केवल सभी के लिए स्कूल की जरूरत पर हो बल्कि सभी के लिए सीखने की भी जरूरत पर भी होना चाहिए।