Move to Jagran APP

Budget 2022 बड़े जोखिम से निपटने में पूरी तरह सक्षम, मूडीज ने दूरंदेशी की तारीफ की

सरकार का अनुमान है कि मार्च 2022 में खत्म होने जा रहे चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 9.2 फीसदी होगी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि यह अनुमान सितंबर तक वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13.6 फीसदी वृद्धि के आधार पर जताया गया।

By Ashish DeepEdited By: Published: Sat, 05 Feb 2022 11:47 AM (IST)Updated: Sat, 05 Feb 2022 11:47 AM (IST)
Budget 2022 बड़े जोखिम से निपटने में पूरी तरह सक्षम, मूडीज ने दूरंदेशी की तारीफ की
मूडीज ने कहा कि सरकार ने वृद्धि को लेकर अनुमान सावधानीपूर्वक रखा है।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। भारत के बजट अनुमान को सावधानीपूर्वक रखा गया है। इससे सरकार के लिए व्यापक आर्थिक मोर्चे पर मौजूदा हालात और महामारी से उत्पन्न जोखिमों से अगले वर्ष निपटने के लिए गुंजाइश है। सरकार का अनुमान है कि मार्च 2022 में खत्म होने जा रहे चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 9.2 फीसदी होगी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि यह अनुमान सितंबर तक, वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13.6 फीसदी वृद्धि के आधार पर जताया गया।

loksabha election banner

मूडीज ने कहा कि सरकार ने वृद्धि को लेकर अनुमान सावधानीपूर्वक रखा है। यह इस बात से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021-22 के संशोधित बजट अनुमान में राजस्व प्राप्तियों में केवल 27.2 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जतायी गयी है। यह मार्च 2022 के अंत में वित्तीय खातों के मिलान के बाद आगे लाभ के लिए कुछ गुंजाइश छोड़ता है।

मूडीज ने रिपोर्ट में कहा कि 2022-23 के बजट में पूंजीगत व्यय पर ध्यान दिया गया जो निकट भविष्य में वृद्धि को समर्थन देगा हालांकि दीर्घकाल में राजकोषीय मजबूती के लिए इससे चुनौतियां भी हैं। बजट में केंद्र का राजकोषीय घाटा कम होकर अगले वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि इसके चालू वित्त वर्ष में 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

इसमें कहा गया, ‘‘ऐेसे समय जब महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है, निकट भविष्य में वृद्धि की रफ्तार को बनाए रखने के लिए बजट में पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर जोर दिया गया है।’’ मूडीज ने कहा, ‘‘हालांकि भारत के बजट अनुमान को सावधानीपूर्वक रखा गया, इससे सरकार के लिए व्यापक आर्थिक मोर्चे पर मौजूदा हालात और महामारी से उत्पन्न जोखिमों से अगले वर्ष निपटने के लिए गुंजाइश है। लेकिन इसमें वित्त वर्ष 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत लाने का जो लक्ष्य है, उसे कैसे हासिल किया जाएगा, उसके बारे में चीजें साफ नहीं है।’’

मूडीज ने कहा, ‘‘बजट धीरे-धीरे वित्तीय मजबूती तथा सरकार के ऋण में लगातार बढ़ोरी के हमारे विचार के अनुरूप है। सरकार पर कर्ज अगले वर्ष जीडीपी का करीब 91 फीसदी हो जाएगा।’’


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.