राजकोषीय घाटे में मामूली गिरावट का देश की आर्थिक ताकत पर असर नहीं: मूडीज
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे के अनुमान को संशोधित कर जीडीपी का 3.3 फीसद कर दिया
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट राजकोषीय मजबूती एवं वृद्धि के बीच संतुलन स्थापित करने वाला है और राजकोषीय घाटे को सीमित करने की दिशा में आए छोटे-मोटे भटकाव समग्र आर्थिक ताकत पर कोई प्रभाव नहीं डालते हैं। यह बात वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कही है।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे के अनुमान को संशोधित कर जीडीपी का 3.3 फीसद कर दिया है, जो कि पहले 3 फीसद अनुमानित था और वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए इसे 3.5 फीसद निर्धारित किया गया है, जो कि जीडीपी का 3.2 फीसद तय किया गया था।
क्या कहना है मूडीज का:
मूडीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ क्रेडिट अधिकारी विलियम फॉस्टर ने कहा, “संशोधित राजकोषीय मजबूती का लक्ष्य पिछली रूपरेखा से कुछ ज्यादा है, लेकिन इससे भारत की कुल राजकोषीय मजबूती पर असर नहीं होगा। केंद्र सरकार के कर्ज से जीडीपी अनुपात को घटाकर 40 फीसद पर लाने का मध्यम अवधि का लक्ष्य सॉवरेन क्रेडिट परिदृश्य की दृष्टि से सकारात्मक है।”
मूडीज की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि साल 2019 में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए भारत के बजट में राजकोषीय मजबूती और वृद्धि के बीच संतुलन बैठाने का प्रयास किया गया है। इसमें कहा गया कि बजट घाटे के लक्ष्य में थोड़ी सी गिरावट का देश के समग्र राजकोषीय ताकत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी 2018 को मौजूदा सरकार का आखिरी पूर्णकालिक बजट पेश कर दिया था जिसमें राजकोषीय घाटे के अनुमान को संशोधित किया गया।