Budget 2021: सरकार की योजना भारत की संपत्ति अपने पूंजीपति मित्रों के हवाले करना- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मौजूदा सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई। मोदी सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए वित्त वर्ष 2021-22 के बजट की जमकर आलोचना की है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि असाधारण स्थिति में जब बजट पेश होगा, तो इसमें असाधरण कदम उठाने की झलक मिलेगी, लेकिन सरकार असाधारण स्थिति में बड़े साधारण और निजीकरण की राह पकड़ कर खुद को बचाना चाहती है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई। मोदी सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है।' कांग्रेस नेता ने बजट पेश किए जाने से पहले कहा था कि बजट में छोटे एवं मझोले कारोबारियों की मदद करने के साथ स्वास्थ्य और रक्षा खर्च में बढ़ोतरी किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा था, 'बजट-2021 में एमएसएमई, किसानों और कामगारों की मदद की जानी चाहिए, ताकि रोजगार का सृजन हो सके। लोगों के जीवन बचाने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च बढ़ाया जाए। सीमाओं की सुरक्षा के लिए रक्षा खर्च में बढ़ोतरी हो।'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सोमवार को बजट पेश किया। इसमें सरकार ने देश में बुनियादी अवसंरचना के सृजन के जरिए आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये वित्त वर्ष 2021-22 में पूंजीगत व्यय को 34.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.5 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही कोरोना के टीकाकरण अभियान के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जानकारों की मानें तो यह बजट आत्मनिर्भर भारत को मज़बूत बनाने का बजट है। ये सभी सेक्टरों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। स्वास्थ्य सेक्टर में लगभग 137% की वृद्धि की गई। ये बजट 70,000 गांवों को मजबूत करेगा। 602 गांवों में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर क्लीनिक बनेंगे वो विशेष उपलब्धि है।