जेटली ने सीतारमण की प्रशंसा करते हुए कहा- तेज विकास के लिए रोडमैप तैयार करेगा बजट
निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट मीडियम टर्म के लिए एक नीति दस्तावेज है और बजट के द्वारा ही पिछली दिशा निर्देशों को आगे ले जाने में मदद मिलती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने आम बजट की घोषणा होने के एक दिन बाद सरकार द्वारा पेश किये गए बजट की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। जेटली ने शनिवार को कहा है कि 2019-20 का बजट उच्च आर्थिक वृद्धि दर के रास्ते पर देश के लौटने को लेकर रूपरेखा पेश करता है।
उन्होंने कहा कि बजट इस बात पर आधारित है कि जो अर्थव्यवस्थाएं सूझबूझ वाली राजकोषीय नीतियों का अनुकरण करती हैं, वो राजकोषीय मोर्चे पर लापरवाही करने वालों की तुलना में अंतत: पुरस्कृत होती हैं।
बजट के सभी पहलुओं पर विस्तार से लिखते हुए जेटली ने फेसबुक पर लिखे अपने लेख में कहा है कि एक बुनियादी सवाल हमेशा पूछा जाता रहा है कि अच्छा अर्थशास्त्र और चतुर राजनीति के बीच क्या चुना जाना चाहिए? जिसपर जेटली ने लिखा है कि इसका चुनाव करना अनुचित है।
जेटली ने कहा है कि यह विकल्प अनुचित है क्योंकि किसी भी सरकार को बने रहने और प्रदर्शन के लिये दोनों की आवश्यकता होती है। प्रधानमंत्री का पहला कार्यकाल बेहतर अर्थशास्त्र और अच्छी राजनीति के मिश्रण का गवाह रहा है।
अरुण जेटली ने लिखा है कि बजट हर साल के आय और खर्चो का लेखा-जोखा होता है। उनका कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ने के साथ ही बजट को एक नीति दस्तावेज के रूप में देखा जाने लगा है। उनका मानना है कि निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया बजट मीडियम टर्म के लिए एक नीति दस्तावेज है और बजट के द्वारा ही पिछली दिशा निर्देशों को आगे ले जाने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा कि 2014-19 के दौरान भारत में 7.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। देश के राजस्व में भी तेजी से वृद्धि हुई और इसने चालू खाता घाटा और राजकोषीय घाटे में स्थिरता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं मौजूदा बजट में स्थिरता लाने के प्रयास किए गए हैं।
जेटली ने आगे लिखा है कि बजट विकास की आकांक्षा रखने वाले भारत के लिये राजनीतिक दिशा सृजित करता है। इस बजट में मध्यम वर्ग और नव-मध्यम वर्ग के हितों से जुड़े कई चीजों को प्रोत्साहन दिया गया है। इसमें सस्ता मकान अैर इलेक्टि्रक वाहन शामिल हैं। इसके अलावा रोजगार सृजन तथा निवेश आकर्षित करने के लिये बुनियादी ढांचा, निर्माण और रीयल इस्टेट क्षेत्र को भी गति देने के उपाय किये गये हैं।
जेटली ने कहा कि कैसे भारत दुनिया में तीव्र आर्थिक वृद्धि वाला बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। पिछली दो-तीन तिमाही में वृद्धि नरम हुई है। निश्चित रूप से बजट एक नीति दस्तावेज के रूप में आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर भारत को पटरी पर लाने को लेकर रूपरेखा को रखता है।
उल्लेखनीय है कि भारत की आर्थिक वृद्धि जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर पांच साल के न्यूनतम स्तर 5.8 प्रतिशत रही है। पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में भी आर्थिक वृद्धि दर भी पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 प्रतिशत रही। आर्थिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।