Move to Jagran APP

Union Budget 2020-2021: जहरीली हवाओं से निपटने से लिए मोदी सरकार ने खोली तिजोरी

सरकार ने प्रदूषण से निपटने को लेकर एक और बड़ा कदम उठाया है उनमें पुराने और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले विद्युत संयंत्रों को बंद करने का भी ऐलान शामिल है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 10:02 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 10:02 PM (IST)
Union Budget 2020-2021: जहरीली हवाओं से निपटने से लिए मोदी सरकार ने खोली तिजोरी
Union Budget 2020-2021: जहरीली हवाओं से निपटने से लिए मोदी सरकार ने खोली तिजोरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे देश के सभी बड़े शहरों को इससे बचाने के लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। आने वाले वित्तीय वर्ष में इससे निपटने के लिए 44 सौ करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है। इनमें दिल्ली-एनसीआर भी शामिल है, जहां पराली जलाए जाने सहित दूसरी वजहों से प्रदूषण का स्तर हर साल जानलेवा स्थिति में पहुंच जाता है। कुछ ऐसी ही स्थिति देश के दूसरे भी बड़े शहरों की है। जिसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

loksabha election banner

डब्लूएचओ की रिपोर्ट के बाद प्रदूषण की समस्या ने सरकार का ध्यान खींचा

देश में प्रदूषण की विकराल होती इस समस्या ने सरकार का ध्यान तब खींचा, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की एक हाल की रिपोर्ट में दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित 15 शहरों में 14 शहर अकेले भारत के थे। यही नहीं, यह भारत की साख से भी जुड़ा मुद्दा बन गया है, क्योंकि भारत जहां पूरी दुनिया में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले देशों में शुमार है, वहीं प्रदूषण की यह खराब स्थिति उसकी छवि को बिगाड़ रही है। इसके साथ ही बढ़े प्रदूषण का असर विदेशी पर्यटकों पर भी देखा जा रहा है। बढ़े प्रदूषण के चलते वह भारत आने में कतराने लगे थे।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत देश भर में 102 शहर चयनित

प्रदूषण से निपटने के लिए वैसे तो सरकार ने पहले से ही योजनाएं शुरु कर रखी है। इनमें राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम भी शामिल है। इसमें देश के दस लाख से ज्यादा आबादी वाले 102 शहरों को शामिल किया है। इनमें से पिछले बजट में 28 बड़े प्रमुख शहरों को इससे निपटने के लिए दस-दस करोड़ रुपए भी दिए गए हैं। इसके साथ ही पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों को दस लाख और पांच से दस लाख तक की आबादी वाले प्रत्येक शहरों को बीस-बीस लाख रुपए दिए गए थे।

प्रदूषण से निपटने के लिए राज्य उदासीन

हालांकि प्रदूषण से निपटने को लेकर राज्यों की उदासीनता इतनी ज्यादा है, कि ज्यादातर राज्य और शहरों ने पैसा मिलने के बाद भी कोई काम नहीं शुरु किया है। फिलहाल आने वाले वित्तीय वर्ष में प्रदूषण से निपटने के लिए आवंटित की गई यह राशि प्रदूषण को नष्ट करने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया जाएगा।

ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले विद्युत संयंत्र होंगे बंद

सरकार ने प्रदूषण से निपटने को लेकर जो एक और बड़ा कदम उठाया है, उनमें पुराने और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले विद्युत संयंत्रों को बंद करने का भी ऐलान शामिल है। बजट में सरकार ने ऐसे सभी विद्युत संयंत्रों को बंद करने का प्रस्ताव किया है, जिसमें निर्धारित किए गए मानक से ज्यादा कार्बन का उत्सर्जन हो रहा है। ऐसी भूमि का इस्तेमाल दूसरे किसी उपयोग में करने का भी प्रस्ताव किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.