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बजट में सोने पर आयात शुल्क बढ़ने से नाराज हुए सोने के व्यापारी

आयात शुल्क को बढ़ाने का असर देश के जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री पर होगा खासतौर पर दस्तकारी और श्रम गहन कारीगरों पर इसका नाकारात्मक असर होगा।

By Sajan ChauhanEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 04:28 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jul 2019 04:28 PM (IST)
बजट में सोने पर आयात शुल्क बढ़ने से नाराज हुए सोने के व्यापारी
बजट में सोने पर आयात शुल्क बढ़ने से नाराज हुए सोने के व्यापारी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। 5 जुलाई को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2019 पेश किया, जिसमें कई बड़ी घोषणाएं हुईं और कई योजनाओं को लॉन्च किया गया है। केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री ने गोल्ड पर आयात शुल्क को 10 फीसद से बढ़ाकर 12.5 फीसद कर दिया है, जिससे देश में सोने के दाम और बढ़ जाएंगे। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) ने सोने के आयात शुल्क को 10 फीसद से बढ़ाकर 12.5 करने के फैसले को गलत बताया है। जीजेसी ने कहा कि इस फैसले को वापस लिया जाए और आयात शुल्क में और ज्यादा कमी की जाए। आयात शुल्क को बढ़ाने का असर देश के जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री पर होगा, खासतौर पर दस्तकारी और श्रम गहन कारीगरों पर इसका नाकारात्मक असर होगा। देश भर में 55 लाख से अधिक लोग इस इंडस्ट्री में लगे हुए हैं।

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जीजेसी के चेयरमैन श्री अनंत पद्ममनाभन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले केंद्रीय बजट से स्वदेशी रत्न और आभूषण व्यवसाय को बहुत निराशा हासिल हुई है। यह मेक इन इंडिया के अनुरुप नहीं है। सोने के लिए सीमा शुल्क में वृद्धि, जो कि हमारा मूल कच्चा माल है, जीएसटी के साथ मिलकर सोने को अधिक महंगा बना देगा और तस्करी को प्रोत्साहित करेगा। वास्तविक और कानून का पालन करने वाले व्यवसायी प्रभावित होंगे, जीजेसी ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (जीएमएम) को अधिक प्रभावी बनाने और सरकार और नागरिकों को बड़े पैमाने पर लाभान्वित करने का सुझाव दिया था, लेकिन इसकी कहीं बात नहीं की गई। सोने के दामों में तेज बढ़ोतरी और अस्थिरता ज्वैलर्स की दिक्कतों को बढ़ाएगी।

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जीजेसी के वाइस चेयरमैन श्री शंकर सेन ने कहा कि सरकार ने स्क्रूटनी से फंड/निवेश प्राप्त करने के लिए स्टार्ट-अप को छूट दी है, लेकिन रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के कारोबार को न तो फंड मिलता है और निवेश भी नहीं होता है, लेकिन फिर भी यह हमेशा जांच के दायरे में आता है। अस्तित्व के लिए लड़ रहे ज्वैलर्स ग्रे मार्केट डीलिंग की ओर बढ़ेंगे। जहां तक बजट के सकारात्मक पक्ष की बात है, जीजेसी एक मिशन शुरू करने के लिए सरकार की पहल का स्वागत करता है जो दुनिया के बाजारों में प्रतिभाशाली कारीगरों की मदद करेगा। 


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