बजट गांव की ओर: दूध प्रसंस्करण क्षमता 2025 तक होगी दोगुना, पशुओं को रोगमुक्त करने का लक्ष्य
पशुओं की नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान का कवरेज 30 से बढ़ाकर 70 प्रतिशत करने का लक्ष्य भी तय किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। किसानों की आय दोगुना करने को पशुपालन उद्योग के प्रोत्साहन पर भी सरकार का फोकस है। पशुओं को खुरपका और मुंहपका जैसे रोगों से मुक्ति दिलाने के साथ 2025 तक दूध प्रसंस्करण क्षमता को दोगुना किया जाएगा।
दूध प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाकर मिलियन टन करने का टारगेट
देश की दूध प्रसंस्करण क्षमता 53.5 मिलियन टन से बढ़ाकर कुल 108 मिलियन टन करने का टारगेट है।
बजट में छोटे और भूमिहीन किसानो व महिला पशुपालकों का पूरा ध्यान
केंद्र सरकार ने बजट में छोटे और भूमिहीन किसानो व महिला पशुपालकों का पूरा ध्यान रखा है। बजट पूर्व सर्वे में गत पांच वर्षो में पशुधन क्षेत्र 7.9 प्रतिशत तक बढ़ा है।
भारत दुनिया में सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश
दुनिया में भारत सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बना है। वर्ष 2018-19 में 187.7 मिलियन टन था जो 2017-18 की तुलना में 6.5 प्रतिशत बढ़ा था। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 394 ग्राम तक पहुंच गयी है।
पशुपालन रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का प्रभावी माध्यम
पशुपालन रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का प्रभावी माध्यम है। सर्वे के मुताबिक करीब 15.60 मिलियन श्रमिक पशुपालन से जुडे है।
पशुओं की रोगमुक्ति पर बजट में विशेष प्रावधान, 2025 तक पशु बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य
पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ सरकार ने पशुओं की रोगमुक्ति पर बजट में विशेष ध्यान दिया है। वर्ष 2025 तक पशुओं के खुर और मुंह में होने वाली बीमारी ब्रुसिलोसिस व भेड़ व बकरियों की पेटिस रूमिनेंट नामक बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य तय किया है।
पशुओं की नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान का कवरेज बढ़ा
इसके साथ ही पशुओं की नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान का कवरेज 30 से बढ़ाकर 70 प्रतिशत करने का लक्ष्य भी तय किया है। मनरेगा से चारागार को विकसित किया जाएगा।
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए खेती किसानी के नए तरीके को बढ़ावा
युवाओं की उम्मीदों को पंख लगाने के लिए न्यू इकोनोमी का फार्मूला तो किसानों की आय दोगुनी करने के लिए खेती किसानी के नए तरीके को बढ़ावा। ढांचागत क्षेत्र के लिए आवंटन में खासा इजाफा और बैंकों में पैसा रखने वाले आवाम को ज्यादा बीमा का सुरक्षा कवच। ये सारी घोषणाएं आम बजट 2019-20 की है। इसमें मंदी से कराहती अर्थव्यवस्था को उबारने को देखते हुए बड़े बड़े सुधारों का डोज भले नहीं है लेकिन यह अगले एक दशक के दौरान देश की इकोनोमी को एक दिशा दिखाने वाला रोडमैप जरूर है।