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Union Budget Analysis: बजट में इस बार भी कोरोना महामारी का साया, कई मोर्चे पर असहाय दिखी सरकार

भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर का असर बजट पर दिखा। हालांकि सरकार ने इसके बावजूद आत्‍मनिर्भर भारत की एक रूपरेखा तैयार की है। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण डेढ़ घंटे तक चला। सवाल यह है कि इस दौरान उन्‍होंने किन ब‍िंदुओं पर फोकस किया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 01 Feb 2022 06:13 PM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 08:08 PM (IST)
Union Budget Analysis: बजट में इस बार भी कोरोना महामारी का साया, कई मोर्चे पर असहाय दिखी सरकार
बजट में इस बार भी कोरोना महामारी का साया, कई मोर्चे पर असहाय दिखी सरकार । फाइल फोटो।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Union Budget Analysis: भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर का असर बजट पर दिखा। हालांकि, सरकार ने इसके बावजूद आत्‍मनिर्भर भारत की एक रूपरेखा तैयार की है। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण डेढ़ घंटे तक चला। सवाल यह है कि इस दौरान उन्‍होंने किन ब‍िंदुओं पर फोकस किया। कोरोना महामारी के बाद आम जनता की इस बजट से क्‍या उम्‍मीद थी। आम जनता को किस तरह की राहत मिली। आइए जानते हैं इस बजट का फोकस क्‍या रहा ? सरकार के एजेंडे में क्‍या रहा ? आत्‍मनिर्भर भारत की क्‍या रूपरेखा है ? बजट पर क्‍या है अभिजीत मुखोपाध्याय (ओआरएफ के इकोनॉमी एंड ग्रोथ प्रोग्राम के सीनियर फेलो) की राय।

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1- अभिजीत का कहना है कि इस बजट में कोरोना महामारी का असर साफ-साफ दिखा। उन्‍होंने कहा‍ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि यह बजट लोगों के लिए नई उम्मीदें और अवसर लेकर आया है। यह अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। यह अधिक बुनियादी ढांचे, अधिक निवेश, अधिक विकास और अधिक नौकरियों से भरा है। हरित नौकरियों का एक नया प्रावधान भी है। अभि‍जीत ने कहा कि मोदी ने इस बजट की सही व्‍याख्‍या की है। बजट में फौरी राहत के बजाए आत्‍मनिर्भर भारत की एक रूप रेखा तय की गई है। इसमें नई संभावनाएं हैं।

2- इनकम टैक्‍स को लेकर उम्‍मीदें थीं। हालांकि, लगातार कोरोना महामारी के चलते दूसरे वर्ष टैक्‍स फ्री इनकम का दायरा नहीं बढ़ा। टैक्‍स स्‍टैब को रिवाइज्‍ड नहीं किया गया। वित्‍त मंत्री ने कहा कि हमने कोई टैक्‍स नहीं बढ़ाया है। एक भी पैसा अतिरिक्‍त टैक्‍स के द्वारा कमाने की कोशिश नहीं की। उन्‍होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पिछली बार प्रधानमंत्री का निर्देश था कि घाटा कितना भी हो, महामारी में जनता पर टैक्‍स का बोझ नहीं डालना है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि तीसरी लहर के दौरान भी उनका यही निर्देश था।

3- क्‍या है चुनावी बजट है ? इस सवाल के जबाव में अभिजीत ने कहा कि पांच राज्‍यों में हो रहे विधानसभा चुनाव का असर बजट पर दिखा है। उन्‍होंने कहा बजट में इस बात का ऐलान किया गया है कि पांच साल में 60 लाख नई नौकरियां दी जाएगी। इसके अलावा गरीबों के लिए 80 लाख आवास बनेंगे। 2.37 लाख करोड़ की एमएसपी सीधे खाते में जाएगी। राज्‍य सरकार के कर्मचारी एनपीएस में 14 फीसद अंश दे सकेंगे। उन्‍होंने कहा कि इन योजनाओं को विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा सकता है।

4- उन्‍होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर जबरदस्‍त दबाव है। सरकार का जीडीपी डगमगा गया है। देश लगातार दो वर्षों से कोरोना महामारी से जूझ रहा है। यही कारण है कि इस बार के बजट से मिडिल क्लास को मायूसी हुई है। इनकम टैक्स स्लैब पर कोई नई घोषणा नहीं की गई। इस वजह से इस बार भी आयकर में कोई छूट नहीं मिली है। वहीं कारपोरेट को राहत दी गई है। कारपोरेट सरचार्ज 12 फीसद से घटाकर 7 फीसद किया गया है।

5- चीन और पाकिस्‍तान की चुनौती से निपटने के लिए रक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्‍यान दिया गया है। रक्षा बजट में खास बात यह है कि रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में आयात पर निर्भरता को कम करने पर जोर दिया गया है। इसके साथ रक्षा उपकरणों के लिए घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने पर जोर है। यह पिछले वित्‍त वर्ष से 58 फीसद अधिक है। इस बजट की एक अन्‍य खास बात यह है कि सरकार ने रक्षा सेक्‍टर को मेक इन इंडिया और मेक फार द वर्ल्‍ड पर भी जोर दिया गया है।


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