बजट पूर्वानुमान: कृषि क्षेत्र में पीएम की घोषणाओं के लिए होगा अतिरिक्त प्रावधान
तीन प्रस्तावित अनुसंधान संस्थानों को मिलेगी अतिरिक्त तरजीह
नई दिल्ली (सुरेंद्र प्रसाद सिंह)। कृषि क्षेत्र में प्रधानमंत्री की घोषणाओं पर कारगर अमल के लिए आम बजट में विशेष प्रावधान किए जाने की संभावना है। कृषि क्षेत्र में मानव संसाधन के विकास के लिए कई संस्थानों की स्थापना का फैसला किया है, जिनमें से कई का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद किया है। लेकिन धनाभाव के चलते निर्माण की रफ्तार बहुत धीमी है। कृषि मंत्रलय ने इसके लिए एक विस्तृत मसौदा तैयार कर वित्त मंत्रलय को भेजा है।
आम बजट में प्रधानमंत्री की घोषणाओं से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के लिए धन का आवंटन किया जा सकता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में दिल्ली के पूसा की तर्ज पर तीन नए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइएआरआइ) खोलने का एलान प्रधानमंत्री मोदी कर चुके हैं। इनमें पहला झारखंड के रांची में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी खोला गया है। जबकि दूसरा इंडियन इंस्टीट्यूट आफ बायोटिक स्ट्रेस मैनेजमेंट रायपुर और असम में एक आइएआरआइ खोलने का फैसला किया गया है। इन संस्थानों को खोलने के लिए कृषि मंत्रलय ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से आम बजट में 700 करोड़ रुपये के प्रावधान का अनुरोध किया है। वित्त मंत्रलय को भेजे मसौदे में स्पष्ट कहा गया है कि यह आवंटन कृषि मंत्रलय के नियमित बजट के अतिरिक्त होना चाहिए।
कृषि क्षेत्र में सुधार करने और उसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का दायित्व कृषि वैज्ञानिकों के कंधे पर जरूर है, लेकिन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मद में आम बजट से 10 फीसद की वृद्धि की अपेक्षा की गई है। साथ ही कृषि क्षेत्र के प्रतिष्ठित संस्थान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइएआरआइ) को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा दिए जाने के लिए 1000 करोड़ की बजट में वित्तीय मदद की गई है। पीएम मोदी इसकी घोषणा पहले ही कर चुके हैं। इसके तहत आइएआरआइ जैसे संस्थानों को आइआइएम, आइआइटी और एम्स जैसा दर्जा दिए जाने की जरूरत बताई है। इसके साथ ही देश में पहला राष्ट्रीय कृषि प्रौद्योगिकी विकास संस्थान खोलने की सिफारिश की गई है। मंत्रलय के मसौदे में कहा गया है कि 50 फीसद गांवों में रहने वाली देश की आबादी के जीवन स्तर में सुधार के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी को खेतों तक पहुंचाने की सख्त जरूरत है। इसके लिए एकमुश्त एक हजार करोड़ रुपये की धनराशि एक बार में दिए जाने की सिफारिश की गई है।