पेट्रोलियम मंत्रालय को जेटली के बजट से उम्मीद, कम हो उत्पाद शुल्क की दर
आगामी बजट में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती सरकार के लिए आसान नहीं है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आगामी बजट से देश का पेट्रोलियम मंत्रालय पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग कर रहा है। मंत्रालय यह मांग ईंधन की बढ़ती कीमतों के प्रभाव से निपटने के लिए कर रहा है। यह जानकारी पेट्रोलियम मंत्रालय के दो अधिकारियों ने सोमवार को दी है।
मोदी सरकार पर, जो इस के अंत तक कुछ बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले साल की शुरुआत में लोक सभा होने जा रहे हैं, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची तेल कीमतों के चलते दबाव है। दक्षिण एशियाई देशों में भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें सबसे ज्यादा हैं। एक लीटर पेट्रोल की कीमत 72.23 रुपये (1.13 डॉलर) है जबकि डीजल 63.01 रुपये पर बिक रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि देश की कुल रिफाइंड फ्यूल कंजम्प्शन में से आधी हिस्सेदारी पेट्रोल और डीजल रखता है।
आगामी बजट में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती सरकार के लिए आसान नहीं है। सरकार पहले से ही राजकोषीय घाटे और एक जुलाई से लागू वस्तु एवं सेवा कर के चलते टैक्स रेवेन्यू में गिरावट से जूझ रही है। वित्त वर्ष 2016-17 में पेट्रोलियन क्षेत्र ने 5.2 ट्रिलियन रुपये (81 बिलियन डॉलर) का योगदान दिया है जो कि केंद्र और राज्यों के कुल राजस्व का एक तिहाई हिस्सा है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि भारत नवंबर 2014 से जनवरी 2016 तक नौ बार उत्पाद शुल्क में इजाफा कर चुका है।