Move to Jagran APP

Budget 2021: कई वस्तुओं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी संभव, देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने को सरकार कर सकती है फैसला

देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए सरकार कई वस्तुओं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है। वहीं कुछ कच्चे माल के आयात शुल्क में कमी भी जा सकती है। अगले सप्ताह सोमवार को पेश होने वाले बजट में इसकी घोषणा हो सकती है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 07:56 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 07:56 AM (IST)
Budget 2021: कई वस्तुओं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी संभव, देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने को सरकार कर सकती है फैसला
लगभग दो दर्जन उत्पादों पर आगामी बजट में शुल्क में बढ़ोतरी हो सकती है।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए सरकार कई वस्तुओं के आयात शुल्क में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है। वहीं कुछ कच्चे माल के आयात शुल्क में कमी भी जा सकती है। अगले सप्ताह सोमवार को पेश होने वाले बजट में इसकी घोषणा हो सकती है। वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक मुख्य रूप से उन वस्तुओं के आयात पर शुल्क में बढ़ोतरी की जा सकती है जिनका देश में आसानी से उत्पादन संभव है।  

loksabha election banner

आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा के बाद वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से ऐसे उत्पादों की सूची तैयार कराई गई थी जिनका आसानी से उत्पादन संभव होने के बावजूद आयात हो रहा है। इस प्रकार के 200 उत्पादों की पहचान की गई थी। इनमें से कुछ उत्पादों पर आयात पर शुल्क में पिछले कुछ महीनों में बढ़ोतरी की गई हैं। लगभग दो दर्जन उत्पादों पर आगामी बजट में शुल्क में बढ़ोतरी हो सकती है।

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक आयात शुल्क में बढ़ोतरी से राजस्व के संग्रह में कुछ खास मदद नहीं मिलेगी, लेकिन इससे मैन्युफैक्चरिंग को जरूर प्रोत्साहन मिलेगा। इससे रोजगार के नए अवसर निकलेंगे जो मांग बढ़ोतरी में मददगार होंगे। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक टेलीकॉम उपकरण, फ्रिज, वाशिंग मशीन, रबर उत्पाद, लेदर गारमेंट्स, मैन मेड फाइबर, पॉलिश्ड डायमंड जैसी वस्तुओं पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक निर्यात की संभावना वाली वस्तुओं से जुड़े कच्चे माल के आयात शुल्क में कमी भी जा सकती है, ताकि उत्पादन लागत घटे और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पाद की मांग बढ़े। 

सूत्रों के मुताबिक ऐसे कच्चे माल के शुल्क में कमी हो सकती है जो भारत में या तो उपलब्ध नहीं या बहुत महंगे दाम में कम मात्रा में उपलब्ध हैं। 

आरएंडडी निर्यात को इंसेंटिव देने की मांग

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) ने वित्त मंत्री से बजट में आरएंडडी के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए इंसेंटिव देने की मांग की है। फियो के प्रेसिडेंट शरद कुमार सराफ ने बताया कि आरएंडडी निर्यात की काफी संभावना है और इसके प्रोत्साहन के लिए सरकार को देश में आरएंडडी से जुड़ी ढांचागत सुविधाओं का निर्माण करना होगा। फियो के मुताबिक 2015 में आरएंडडी निर्यात 1.34 अरब डॉलर का था जो 2019 में बढ़कर 4.97 अरब डॉलर मूल्य का हो गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.