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Budget Expectations 2020: होजरी उद्यमियों की मांग, लुधियाना को होजरी निटवियर क्लस्टर का दर्जा देकर विकसित करे सरकार

Budget Expectations 2020 निटवियर अपैरल एक्सपोर्टर्स आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष हरीश दुआ कहते हैं कि उद्योग सरकारी रिफंड में देरी से काफी परेशान हैं।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 09:17 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 10:22 AM (IST)
Budget Expectations 2020: होजरी उद्यमियों की मांग, लुधियाना को होजरी निटवियर क्लस्टर का दर्जा देकर विकसित करे सरकार
Budget Expectations 2020: होजरी उद्यमियों की मांग, लुधियाना को होजरी निटवियर क्लस्टर का दर्जा देकर विकसित करे सरकार

लुधियाना, राजीव शर्मा। आम बजट से लुधियाना के होजरी उद्योग को काफी उम्मीदें हैं। बजट को लेकर होजरी उद्यमियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सुझाव भेजे हैं। इसमें उन्होंने आयकर की दर सभी उद्योगों के लिए समान, उत्पादन लागत कम और घरेलू ढांचा मजबूत करने की मांग की है। लुधियाना में होजरी की छोटी-बड़ी लगभग बारह हजार इकाइयां हैं। इनमें सालाना करीब अठारह से बीस हजार करोड़ रुपये का कारोबार हो रहा है।

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यहां आठ से दस लाख लोग प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर इस उद्योग से जुड़े हैं। ज्यादातर इकाइयां छोटी-छोटी और असंगठित क्षेत्र में स्थापित हैं। उद्यमियों का कहना है कि कच्चे माल एवं मशीनरी पर ड्यूटी न्यूनतम होनी चाहिए। इसके अलावा तैयार माल के आयात पर ड्यूटी बढ़ाई जानी चाहिए।

मशीनरी का आयात कस्टम ड्यूटी मुक्त हो

फेडरेशन ऑफ इंडस्टियल एंड कामर्शियल आर्गेनाइजेशन में टेक्सटाइल डिवीजन के हैड अजीत लकड़ा कहते हैं कि होजरी उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में लुधियाना को निटवियर कलस्टर घोषित करना होगा। जो मशीनरी देश में नहीं बन रही, उसका आयात कस्टम ड्यूटी मुक्त किया जाए। अभी 22-24 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लग रही है। देश में मशीनरी के निर्माण को तवज्जो दी जाए। इसके लिए विदेशी कपंनियों से समझौते किए जाएं। छोटी इंडस्ट्री की लागत को कम करने को यार्न बैंक बनाए जाएं। मिलों से धागा खरीद कर कम कीमत पर छोटे उद्यमियों को देने की जरूरत है।

लगाई जाए सेफगार्ड ड्यूटी

निटवियर अपैरल मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ लुधियाना के प्रधान सुदर्शन जैन के अनुसार दुनियाभर के अपैरल निर्यात में वर्ष 2000 में बांग्लादेश की हिस्सेदारी 2.6 प्रतिशत थी, जो 2018 में बढ़कर 7.7 फीसद हो गई। भारत की हिस्सेदारी इन 18 वर्षो में तीन से बढ़कर महज 3.3 प्रतिशत हो पाई है। बांग्लादेश से भारत को आयात दो साल पहले 2,800 करोड़ था, जो अब 7,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। सस्ते आयात को नियंत्रित करने के लिए बजट में सेफगार्ड ड्यूटी लगाने की जरूरत है।

रिफंड समय पर देने की व्यवस्था हो

निटवियर अपैरल एक्सपोर्टर्स आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष हरीश दुआ कहते हैं कि उद्योग सरकारी रिफंड में देरी से काफी परेशान हैं। न वक्त पर टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड का रिफंड मिल रहा है और न ही रिबेट ऑन स्टेट एंड सेंटर टेक्सेस लेवीज (आरओएससीटीएल) का। पिछले नौ माह से गारमेंट निर्यातकों को चार फीसद आरओएससीटीएल का रिफंड करीब 5,800 करोड़ रुपये नहीं मिला है। इससे इंडस्ट्री की वकिर्ंग कैपिटल अटक रही है। रिफंड समय पर देने की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा ड्यूटी ड्रॉ बैक में इजाफा किया जाए। निर्यात बढ़ाने के लिए सब्सिडी एवं अधिक इंसेंटिव दिए जाएं और निर्यातकों के लिए वैश्विक दर के अनुसार लोन का इंतजाम किया जाए।


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