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Budget 2021: बजट से स्टूडेंट्स को क्या मिलना चाहिए? जानें शिक्षा जगत के प्रतिनिधियों की राय

प्राथमिक विद्यालयों के स्तर पर 100 फीसद नामांकन सुनिश्चित करने और सामुदायिक स्तर पर पेश किए जा सकने वाले ब्रिज कॉर्सेज को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। शैक्षिक आवश्यकताओं के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने की दिशा में पर्याप्त कदम उठाए जाने चाहिए।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 07:13 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 08:07 AM (IST)
Budget 2021: बजट से स्टूडेंट्स को क्या मिलना चाहिए? जानें शिक्षा जगत के प्रतिनिधियों की राय
Budget 2021 ( P C : Flickr )

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना महामारी के बीच एक फरवरी को देश का आम बजट पेश होने जा रहा है। इस बजट से उद्योगों, बड़े कारोबारियों और खुदरा व्यापारियों से लेकर आम जनता तक को बड़ी उम्मीदें हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वयं कहा है कि यह बजट 100 वर्षों का सबसे अच्छा बजट होगा। ऐसे में बजट को लेकर उम्मीदें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस बजट में कई सारे सुधारों की घोषणा हो सकती हैं। शिक्षा क्षेत्र के लिए भी इस बजट में कई सारी घोषणाएं हो सकती हैं। आइए शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधियों से जानते हैं कि उनकी बजट से क्या उम्मीदें हैं।

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देश के भविष्य को शिक्षित करने से बड़ी कोई प्राथमिकता नहीं  -प्रतीक कंवल

कौटिल्य स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के सह-संस्थापक प्रतीक कंवल ने कहा, महामारी ने न केवल हमारे राष्ट्र के स्वास्थ्य को प्रभावित किया है, बल्कि हमारे लाखों छात्रों को भी अपनी शिक्षा के साथ संघर्ष करने के लिए छोड़ दिया है। इसका प्रभाव विशेष रूप से ग्रामीण आबादी पर पड़ा है, क्योंकि वहां छात्रों की इंटरनेट तक पहुंच काफी कम होती है और वे सरकारी स्कूलों पर बहुत अधिक निर्भर रहते हैं। महामारी के चलते मिड-डे मील कार्यक्रम बाधित हो गया है और इसके परिणामस्वरूप हमारे छात्र न केवल अपनी शिक्षा, बल्कि अपने स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में भी चूक रहे हैं। दूसरी तरफ प्रतियोगी परीक्षाओं,परीक्षा परिणामों और प्रवेश प्रक्रिया में देरी से उच्च शिक्षा को व्यवधानों का सामना करना पड़ा। जो छात्र भाग्यशाली थे और जिनके पास संसाधन थे, वे दिसंबर के महीने में अपनी डिग्री शुरू कर सकते थे, लेकिन बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के लिए उनकी शिक्षा में एक वर्ष का अंतराल आ गया है। 

जैसा कि अब केंद्र और राज्य सरकारें इस वित्तीय वर्ष के लिए बजट की तैयारी कर रही हैं, तो उन्हें हमारे विद्यार्थियों की इन विकट परिस्थितियों को ध्यान में रखना चाहिए। प्राथमिक विद्यालयों के स्तर पर 100 फीसद नामांकन सुनिश्चित करने और सामुदायिक स्तर पर पेश किए जा सकने वाले ब्रिज कॉर्सेज को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। शैक्षिक आवश्यकताओं के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने की दिशा में पर्याप्त कदम उठाए जाने चाहिए। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक बच्चे का स्वास्थ्य और पोषण मूल्यांकन स्कूल स्तर पर किया जाए और स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के बीच उचित समन्वय सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जाएं। केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों को प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए अनुदान प्रदान करना चाहिए। एक राष्ट्र के रूप में, इस देश के भविष्य को शिक्षित करने की तुलना में कोई बड़ी प्राथमिकता नहीं हो सकती है और बजट को इस प्रयास के लिए आवश्यक समर्थन सुनिश्चित करना चाहिए।

नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर आएं दिशानिर्देश -रामानंद एसजी  

पियर्सन इंडिया के वीपी (सेल्स एंड मार्केटिंग) रामानंद एसजी ने कहा, भारत में शिक्षा क्षेत्र युवा भारत की क्षमताओं को महसूस करने और उनका उपयोग करने के लिए एक गहरी परिवर्तनकारी पारी के केंद्र में है। नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के माध्यम से सरकार का विज़न और उसके द्वारा तैयार की गई नींव एक प्रभावी और समावेशी शिक्षा प्रणाली के उद्देश्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण साबित होगी। आम बजट 2021 में नई शिक्षा नीति की कार्यान्वयन योजना के बारे में दिशानिर्देश दिये जाने चाहिए और एक्सपेरिएंटियल और इमर्सिव लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए तकनीक आधारित शिक्षा में निवेश बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही वैश्विक मानकों के अनुरूप कौशल विकास प्रक्रिया को सुदृढ़ किया जाना चाहिए।

साल 2021 महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीय स्कूल 2022 में पीआईएसए परीक्षा (PISA test) में भाग लेने के लिए अपनी तैयारी को मजबूत करेंगे। भारत 2009 के बाद दूसरी बार मूल्यांकन का हिस्सा होगा। यहां रैंकिंग में सुधार से ओईसीडी (OECD) सदस्यों के बीच भारत का विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही एक प्रभावी और समावेशी शिक्षा प्रणाली प्राप्त करने के लिए हमारे लक्ष्य को प्रदर्शित करने में मदद मिलेगी।

समय की जरूरत है कि एक पारदर्शी और प्रगतिशील पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण किया जाए, जो लर्निंग टेक्नोलॉजी को एडवांस बनाए और शिक्षकों को प्रशिक्षण और विकास का अवसर प्रदान करे। इसलिए, बजट में डिजिटल शिक्षा और शिक्षक प्रशिक्षण पर फोकस किये जाने की जरूरत है। स्कूलों में व्यावसायिक प्रशिक्षण पर भी फोकस हो। साथ ही बजट में शिक्षा के लिए आवंटन इस तरह हो, जिससे साल 2020 में कोरोना वायरस के कारण शिक्षा क्षेत्र में आई कमी की भरपाई हो सके।

शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए बजट -संजीव मारवाह

जेके बिजनेस स्कूल के निदेशक प्रो डॉ. संजीव मारवाह ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि केंद्रीय बजट 2021 शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। नई शिक्षा नीति (NEP) ने हमारे देश की उच्च शिक्षा प्रणाली में आक्रामक बदलाव लाए हैं, इससे सीखने की ललक को बढ़ावा मिला, वैचारिक समझ बढ़ाने पर जोर रहा और मिश्रित शिक्षा पर जोर दिया गिया। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले बजट में डिजिटल और पारंपरिक शिक्षा दोनों को बढ़ावा मिलना चाहिए। इसके साथ एक और महत्वपूर्ण पहलू जिसे केंद्रीय बजट 2021 में देखा जा रहा है, वो है निजी क्षेत्र की संस्थाओं को दी जा सकने वाली वित्तीय सहायता, जिसमें कम लागत और शून्य-लागत कर्ज शामिल है।


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