Budget 2019: उद्योग और निवेश को बूस्ट करने के लिए हो सकते हैं ये उपाय
उद्योग जगत स्टार्ट-अप्स को टैक्स में छूट लेकर आश्वस्त है। इसके अलावा वह कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती कर इसे 18 फीसद चाहता है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी। यह सीतारमण का पहला बजट होगा। बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था से जुड़े अलग-अलग वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रही हैं। उन्होंने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की है। उद्योग जगत को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। उद्योग जगत स्टार्ट-अप्स को टैक्स में छूट लेकर आश्वस्त है। इसके अलावा वह कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती कर इसे 18 फीसद चाहता है। इसके बदले में सभी कंपनियों को टैक्स के मामले में मिल रही सभी छूट खत्म कर दी जाएं।
उद्योग जगह डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स (डीडीटी) की दर में भी कटौती चाहता है। वह इसे 20 फीसद से घटाकर 10 फीसद करना चाहता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने इस बारे में अपने सुझाव पेश किए। उद्योग जगत रोजगार को बढ़ावा देने के कंपनियों इंसेंटिव्स के पक्ष में है। इसके अलावा बजट में लाभांश वितरण कर को कम करने को लेकर भी उम्मीदें हैं।
उधर बैठक भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर 18 फीसद और DDT को 10 फीसद करने की मांग की है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए किर्लोस्कर ने भूमि और श्रम कानूनों में और सुधार करने का सुझाव दिया है। किर्लोस्कर ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआइ से बातचीत में कहा कि हम कर में कटौती चाहते हैं। उन्होंने कहा कि छूट को समाप्त कर दिया जाए। हम सरल टैक्स व्यवस्था चाहते हैं।
बता दें कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कॉरपोरेट टैक्स को घटाने का प्रस्ताव किया गया था। इसे 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद लाने का प्रस्ताव था। मालूम हो कि जिन कंपनियों का टर्नओवर 250 करोड़ रुपये से कम है, उनके लिए सरकार पहले ही कॉरपोरेट टैक्स की दर को घटाकर 25 फीसद कर चुकी है।
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