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Budget 2019: क्यों चर्चा में रहे ये 8 बजट, जानिए इनमें ऐसा क्या था खास

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को बजट पेश करेंगी। यह सीतारमण का पहला बजट होगा। 4 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण जारी होगा।

By NiteshEdited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 04:18 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 08:35 AM (IST)
Budget 2019: क्यों चर्चा में रहे ये 8 बजट, जानिए इनमें ऐसा क्या था खास
Budget 2019: क्यों चर्चा में रहे ये 8 बजट, जानिए इनमें ऐसा क्या था खास

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को बजट पेश करेंगी। यह सीतारमण का पहला बजट होगा। 4 जुलाई को आर्थिक सर्वेक्षण जारी होगा। फरवरी में अपने पिछले कार्यकाल में मोदी सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था, यह पूर्ण बजट होगा। बता दें कि सरकार अब एक ही बजट पेश करती है, अब अलग से रेल बजट पेश नहीं किया जाता है। इस बजट से हर सेक्टर को उम्मीद है।

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भारत का पहला बजट एक अंग्रेज जेम्स विल्सन ने 18 फरवरी 1860 को पहला बजट पेश कि‍या था। जेम्स ब्रिटिश वायसराय काउंसिल के मेंबर (फाइनेंस) थे। वहीं, आजादी से पहले बनी भारत की अं‍तरिम सरकार का बजट लियाकत अली खां ने पेश किया था। यह बजट 9 अक्टूबर, 1946 से लेकर 14 अगस्त 1947 तक के लिए था। जबकि आजाद भारत का पहला बजट तत्कालीन वित्त मंत्री आरके षणमुखम शेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 में पेश किया था। यह एक अंतरिम बजट था। बजट सिर्फ योजनाओं की सौगात और लोगों को राहत देने के लिए ही नहीं बल्कि यह कई और वजह से चर्चा में रहता है। हम इस खबर में ऐसी ही कुछ बजट के बारे में बता रहे हैं जो कई खास वजहों से याद किया जाता है।

1967-68 का बजट

एक विशेष सम्मान में अपनी तरह का यह पहला बजट था। पहली बार बजट को उपप्रधानमंत्री (मोरारजी देसाई) ने पेश किया था, जो वित्त मंत्री भी थे।

1968-69 का बजट

इस बजट में 'स्पाउस अलाउंस' को समाप्त कर दिया गया। जो टैक्स बचाने का एक जरिया हुआ करता था। इसके जरिये पति और पत्नी दोनों इनकम टैक्स बचाया करते थे।

1969-70 का बजट

इस बजट के बाद कुछ उत्पादों की कीमत में तेजी सी बढ़ोतरी हुई, दरअसल 'स्टेटस सिंबल' के रूप में देखे जाने के कारण करों में वृद्धि की गई थी। ऐसी आयातित कारें जिनकी ड्यूटी 60 से बढ़ाकर 100 फीसद कर दी गई थी, इसे अन्य लक्जरी वस्तुओं के बराबर लाया गया, जिन्हें स्टेटस सिंबल के रूप में देखा गया।

1970-71 का बजट

यह बजट इसलिए खास रहा क्योंकि इसे एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पेश किया था, जो उस वक्त वित्त मंत्री भी थीं।

1971-72

1971-72 के बजट में नकद सौदों पर अंकुश लगाने के लिए एक नई व्‍यवस्‍था की गई जिसका सीधा असर पर्यटकों पर पड़ा था। नकद में टिकट खरीदने पर 20 फीसद टैक्‍स देना होगा। अगर विदेशी मुद्रा में टिकेट के लिए भुगतान करते हैं तो इस पर टैक्‍स नहीं लगेगा।

1972-73

यह बजट शब्दों और साहित्य से प्यार करने वालों के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ। इसमें क्रॉसवर्ड पज़ल्स को हल करके अर्जित पुरस्कारों पर 34.5 फीसद का टैक्स प्रस्तावित कर दिया गया।

1974-75

इस बजट में इनकम टैक्स स्ट्रक्चर में सुधार किया गया। इसमें इनकम टैक्स और सरचार्ज को 97.75 फीसद से 75 फीसद कर दिया गया।

1975-76

इस बजट में सरकारी कर्मचारियों को इंसेंटिव बोनस स्कीम का लाभ शुरू किया गया ताकि वे अपने भविष्य निधि खातों से अक्सर पैसे नहीं निकाल पाएं।


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