Economic Survey 2019-20: संसद में पेश हुआ देश का इकोनॉमिक सर्वे, FY21 में 6-6.5 फीसद GDP ग्रोथ का अनुमान
Economic Survey 2019-20देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणयम के नेतृत्व में तैयार इस इकोनॉमिक सर्वे में देश की अर्थव्यवस्था का लेखा-जोखा संसद के सामने रखा गया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा आम बजट शनिवार, एक फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा। आम बजट से एक दिन पहले इकोनॉमिक सर्वे 2019-20 आज शुक्रवार को बजट सत्र शुरू होने पर संसद में पेश कर दिया गया है। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणयम के नेतृत्व में तैयार इस इकोनॉमिक सर्वे में देश की अर्थव्यवस्था का लेखा-जोखा संसद के सामने रखा गया है। कृष्णमूर्ती ने बताया कि उनकी टीम ने छह महीनों में दूसरा इकोनॉमिक सर्वे तैयार किया है।
Economic Survey 2020:
-इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि सरकार को तेजी से सुधारों को लाने के लिए अपने बहुमत का उपयोग करना चाहिए, जिससे कि वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था को तेजी से पटरी पर लाया जा सके।
-इकोनॉमिक सर्वे ने कहा है कि पब्लिक सेक्टर के बैंकों में गवर्नेंस को इंप्रूव करने की आवश्यकता है। साथ ही विश्वास को मजबूत करने के लिए सूचनाओं के और अधिक प्रवाह की जरूरत है।
-महंगाई दर में अप्रैल 2019 की 3.2 फीसद की तुलना में दिसंबर 2019 में 2.6 फीसद की तेज गिरावट आई है।
Economic Survey: Inflation declines sharply from 3.2% in April 2019 to 2.6% in December 2019, reflecting weakening of demand pressure in the economy https://t.co/F7P4yW2Pde" rel="nofollow — ANI (@ANI) January 31, 2020
-प्रो-बिजनेस पॉलिसी को बढ़ावा दिया जाए, जिससे वेल्थ जनरेट करने के लिए प्रतिस्पर्धी बाजारों की शक्तियां को खुलने का अवसर मिले।
-इकोनॉमिक सर्वे ने नया बिजनेस शुरू करने, प्रॉपर्टी रजिस्टर करने, करों का भुगतान करने और अनुबंधों को लागू करने को आसान करने के लिए कदम उठाने की जरूरत बताई है।
-प्याज जैसी कमोडिटी की वस्तुओं की कीमतों को स्थिर बनाए रखने के लिए सरकार के हस्तक्षेप निष्प्रभावी साबित हो रहे हैं।
-सर्वे में कहा गया है कि देश में कारोबार को आसान बनाने के लिए और अधिक सुधारों की आवश्यकता है।
-सर्वे में कहा गया है कि कमजोर वैश्विक ग्रोथ ने भारत को प्रभावित किया है। वित्तीय क्षेत्र के इश्यूज के कारण निवेश में सुस्ती और कमजोर वैश्विक ग्रोथ के चलते ही मौजूदा आर्थिक वृद्धि एक सदी के न्यूनतम स्तर पर आयी है।
-इकोनॉमिक सर्वे ने बाजार और अर्थव्यवस्था के फायदे के लिए 10 नए विचार दिये हैं।
-इकोनॉमिक सर्वे इस साल लैवेंडर कलर में प्रिंट किया गया है।
-इकोनॉमिक सर्वे ने मौजूदा आर्थिक वृद्धि दर 5 फीसद बताई है। सर्वे में कहा गया है कि ग्रोथ को वापस लाने के लिए मौजूदा वित्त वर्ष के आर्थिक घाटे के लक्ष्य को रिलेक्स करने की जरूरत है।
Economic Survey projects economic growth at 6% to 6.5% in 2020-21; Survey asks Government to deliver expeditiously on reforms. pic.twitter.com/QHKn9PcZ4D — ANI (@ANI) January 31, 2020
-इकोनॉमिक सर्वे में बताया गया है कि एक अप्रैल से शुरु हो रहे वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमिक ग्रोथ के 6 से 6.5 फीसद के बीच रहने का अनुमान है।