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Budget 2020: बजट में होगी डिस्काम को सुधारने की एक और कोशिश

अगले कुछ महीनों में एनपीए में भारी कमी आने की संभावना है क्योंकि तीन चार लंबित मामलों पर जल्द ही फैसला आने वाला है।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 09:00 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 08:57 AM (IST)
Budget 2020: बजट में होगी डिस्काम को सुधारने की एक और कोशिश
Budget 2020: बजट में होगी डिस्काम को सुधारने की एक और कोशिश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले कार्यकाल में राजग सरकार ने बहुत ही सोच समझ कर राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों की माली हालत सुधारने के लिए उदय स्कीम का ऐलान किया। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) की हालत बहुत नहीं सुधरी है। ऐसे में आगामी बजट में इन कंपनियों के लिए एक नई स्कीम लाने की तैयारी है। इस बारे में बिजली मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच कई दौर की बातचीत हुई है। बिजली मंत्री आर के सिंह ने उम्मीद जताई है कि 1 फरवरी, 2020 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश होने वाले बजट में इस नई स्कीम का ऐलान होगा।

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बिजली मंत्री वैसे उदय स्कीम को एक असफल योजना नहीं मानते हैं। सोमवार को पावर फाइनेंस कार्पोरेशन (पीएफसी) की तरफ से 75 करोड़ डॉलर के अंतरराष्ट्रीय बांड निर्गम के सूचीबद्ध होने के अवसर पर बिजली मंत्री सिंह ने यह भी संकेत दिया कि सरकार बिजली क्षेत्र की विभिन्न स्कीमों को मिला कर एक शीर्ष स्कीम बनाने पर विचार कर रही है। यह राज्यों में बिजली निकायों के हानि को कम करने में मदद देगा। अभी कई तरह की स्कीमें चलाई जा रही है जिनके पालन करने को लेकर भी दिक्कतें आती हैं। एक स्कीम होने से राज्यों को भी आसानी होगी। अभी उदय के साथ ही दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और इंटग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम अलग अलग चलाई जा रही है।

नई स्कीम के तहत डिस्काम को ट्रांसमिशन एंड वितरण (टीएंडडी) से होने वाली हानि के मौजूदा स्तर 19 फीसद से घटा कर अगले दो वर्षों में 15 फीसद पर लाना होगा। वैसे उदय के तहत भी यही लक्ष्य रखा गया था। कुछ राज्यों में इसमें प्रगति हुई है लेकिन कई राज्यों की प्रगति बहुत ही सुस्त है।बिजली मंत्रालय ने नई स्कीम का जो प्रस्ताव तैयार किया है वह राज्यों की बिजली कंपनियों पर कई तरह से अंकुश भी लगाएगा। क्योंकि इसमें यह प्रस्ताव किया जा रहा है जो राज्य विभिन्न लक्ष्यों को हासिल करेंगे उन्हें ही सरकारी फंड दी जाएगी। जैसे जैसे डिस्काम की हानि में कमी आएगी वैसे वैसे उन्हें केंद्र से मिलने वाली राशि की अदाएगी होगी।

बिजली सब्सिडी के बारे में साफ दिशानिर्देश होगा कि इसके बारे में राज्यों को ही फैसला करना है और इसका वित्त पोषण भी उन्हें ही करना है। इस कार्यक्रम में पीएफसी के सीएमडी राजीव शर्मा ने कहा कि कंपनी के बांड् निर्गम में जिस तरह से विदेशी निवेशकों ने रुचि दिखाई है वह काफी उत्साहव‌र्द्धक है। कंपनी ने प्रस्ताव से चार गुणा ज्यादा निवेश के प्रस्ताव आये थे। पीएफसी ने अपने एनपीए को घटाने में भी खासी सफलता पाई है। अगले कुछ महीनों में एनपीए में भारी कमी आने की संभावना है क्योंकि तीन चार लंबित मामलों पर जल्द ही फैसला आने वाला है। 


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