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Budget 2022 for taxpayers: करदाताओं को मिली बड़ी राहत, अब दो साल तक अपडेट रिटर्न भरने का मौका

Budget 2022 for taxpayers वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया कि आईटीआर में खामियों को सुधारने के लिए 2 साल तक का वक्त मिलेगा। किसी त्रुटि को ठीक करने का अवसर प्रदान करने के लिए करदाता अब 2 वर्षों के भीतर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 01 Feb 2022 12:22 PM (IST)Updated: Tue, 01 Feb 2022 02:05 PM (IST)
Budget 2022 for taxpayers: करदाताओं को मिली बड़ी राहत, अब दो साल तक अपडेट रिटर्न भरने का मौका
आइटीआर में खामियों को सुधारने के लिए 2 साल तक का वक्त मिलेगा।

नई दिल्‍ली, एजेंसी। मंगलवार को पेश किए गए देश के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स के लिए कई अहम एलान किए हैं। अब टैक्सपेयर्स गलती पता चलने पर असेसमेंट ईयर के दो साल तक अपडेटेट रिटर्न भर पाएंगे। किसी त्रुटि को ठीक करने का अवसर प्रदान करने के लिए टैक्सपेयर्स अब 2 वर्षों के भीतर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। किसी त्रुटि को ठीक करने का अवसर प्रदान करने के लिए टैक्सपेयर्स अब 2 वर्षों के भीतर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। वहीं आम बजट में मिडि‍ल क्लास को फिर से बड़ा झटका लगा है। टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स के स्लैब पर किसी तरह की राहत नहीं मिली है। इनकम टैक्स रिटर्न का स्लैब जस का तस है। इसमें कोई सीधी रि‍यायत नहीं दी गई है। वहीं, स्टैंडर्ड कटौती की सीमा बढ़ाने का एलान नहीं किया गया है। वहीं, 80C में भी कोई छूट नहीं मिली है।

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2020 में पेश की गई थी नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था

हालांकि, निर्मला सीतारमण ने अब तक टैक्स स्लैब और दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन उन्होंने बजट 2020 में एक नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी। 2020 में पेश की गई नई कर व्यवस्था के तहत कर छूट और कटौती को छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिए कर की दरें कम कर दी गई हैं।

नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक बनी हुई है। इसका मतलब है कि करदाता के पास या तो पुरानी व्यवस्था से जुड़े रहने या नई व्यवस्था चुनने का विकल्प होता है। वर्तमान में 2.5 रुपये तक की आय दोनों व्यवस्थाओं के तहत कराधान से मुक्त है। 2.5 से 5 लाख रुपये के बीच की आय पर पुराने और साथ ही नई कर व्यवस्था के तहत 5 प्रतिशत की दर से कर लगता है।

नई टैक्‍स व्‍यवस्‍था में पांच लाख से ज्‍यादा आय वालों को ज्‍यादा फायदा पांच लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय पर पुरानी व्यवस्था के तहत 20 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है, जबकि नई व्यवस्था के तहत कर की दर 10 प्रतिशत है।

पुरानी व्यवस्था में 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच की आय पर 20 प्रतिशत की दर से कर लगता है, जबकि नई व्यवस्था में कर की दर 15 प्रतिशत है। पुरानी व्यवस्था के तहत 10 लाख रुपये से अधिक की व्यक्तिगत आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगता है। हालांकि, नई व्यवस्था के तहत, 10 लाख रुपये से ऊपर के तीन स्लैब हैं।

नई व्यवस्था के तहत 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये के बीच की व्यक्तिगत आय पर 20 प्रतिशत की दर से कर लगता है। 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगता है। प्रभावी कर की दर उपकर और अधिभार के कारण बहुत अधिक है।

पांच लाख रुपये तक की शुद्ध कर योग्य आय वाले व्यक्ति को पुराने और साथ ही नई कर प्रणाली दोनों में धारा 87A के तहत 12,500 रुपये तक की कर छूट का लाभ उठाने की अनुमति है। इसलिए प्रभावी रूप से दोनों कर व्यवस्थाओं के तहत पांच लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों की कर देयता शून्य है।


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