Education Budget 2022: स्किल गैप को कम करने पर जोर, डिजिटल DESH ई-पोर्टल की होगी स्थापना
Budget 2022-23 for Skill Development केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कौशल विकास को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए कहा कि युवाओं के ‘स्किलिंग’ ‘अपस्किलिंग’ और ‘रिस्किलिंग’ पर इस साल अधिक फोकस किया जाएगा। इसके लिए एक डिजिटल ई-पोर्टल लांच किया जाएगा।
नई दिल्ली, एजुकेशन डेस्क। Budget 2022-23 for Skill Development: वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र सरकार का बजट आज, 1 फरवरी 2022 को लोक सभा में प्रस्तुत करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कौशल विकास को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा कि ‘इंडस्ट्री-एकेडेमिया’ स्किल गैप को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। देश में स्किल्ड मैनपॉवर को बढ़ावा देने के लिए हमारे युवाओं के ‘स्किलिंग’, ‘अपस्किलिंग’ और ‘रिस्किलिंग’ पर इस साल अधिक फोकस किया जाएगा। इसके लिए एक डिजिटल ई-पोर्टल लांच किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त वित्तमंत्री ने कौशल विकास के लिए बजट प्रावधानों की घोषणा करते हुए कहा कि ड्रोन शक्ति को ड्रोन-ऐज-ए-सर्विस के तौर पर बढ़ावा देने के लिए इसके विकास में संलग्न स्टार्ट-अप को बढ़ावा दिया जाएगा।
वहीं, अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र को लेकर भी महत्वपूर्ण घोषणाएं की। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2022 में क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रावधान किया गया है। इसी क्रम में वित्त मंत्र ने वर्ष 2022-23 में क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वन क्लास वन चैनल कार्यक्रम का विस्तार 200 चैनलों तक किए जाने की घोषणा की है। वहीं, एनईपी के ऑनलाइन-ऑफलाइन हाईब्रिड मोड के शिक्षा के उद्देश्यों के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना की भी घोषणा वित्तमंत्री ने की।
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बता दें कि स्किल डेवेलपमेंट सेक्टर में काम कर रहे देश भर के विभिन्न कंपनियों और संस्थानों की मांग थी कि सरकार को स्किलिंग पर वर्तमान में लगे 18% जीएसटी पर फिर से विचार करना चाहिए। इन संस्थानों का मानना है कि अत्यधिक जीएसटी के कारण महामारी के दौर में महंगी स्किलिंग प्रमाणी उन छात्रों के लिए बहुत ही निराशाजनक है जो कौशल से संबंधित शिक्षा हासिल करना चाहते हैं। वहीं कई स्किल डेवलेपमेंट के संस्थानों की मांग थी कि प्रशिक्षण और कौशल विकास केंद्रों के लिए बजट में अलग से आवंटन होना चाहिए ताकि उद्योगों, विशेषतौर पर स्टार्ट-अप में जरूरत के अनुसार स्किल्ड मैनपॉवर उपलब्ध हो सके।
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