Budget 2020: विद्युतीकरण का टारगेट बढ़ाएगा रेलवे, डीजल पर होने वाला खर्च होगा कम
विद्युतीकरण होने से जहां विदेशों से आयात किए जाने वाले कच्चे तेल पर होने वाला खर्च कम होगा वहीं ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी।
दीपक बहल, नई दिल्ली। रेलवे को घाटे से उबारने और ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए देश भर में सात हजार किलोमीटर ओर रेलवे विद्युतीकरण बजट में घोषणा जा सकती है। विद्युतीकरण होने से जहां विदेशों से आयात किए जाने वाले कच्चे तेल पर होने वाला खर्च कम होगा, वहीं ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी। इससे जहां यात्रियों को फायदा होगा, वहीं रेल खर्च में भी कमी आएगी। रेलवे में मौजूदा समय की बात करें तो करीब 6 हजार डीजल इंजन हैं, जबकि विद्युतीकरण वाले रेल इंजन 5500 हैं। रेलवे बिजली उत्पादन अपने स्तर पर होने के कारण खर्च कम हो रहा है, जबकि एक डीजल इंजन एक किमी में 5 लीटर डीजल की खपत करता है। इसी को ध्यान में रखते अब रेलवे का फोकस विद्युतीकरण पर है। रेल मंत्रालय ने केंद्रीय रेलवे विद्युत संगठन इलाहाबाद (कोर) के दस चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर और विद्युतीकरण से जुड़े विभागों से बातचीत कर रूपरेखा तैयार कर ली है। रेल मंत्री पीयूष गोयल चाहते हैं कि सन 2024 तक सभी ट्रेनें विद्युतीकृत इंजन से दौड़े। देशभर में बिछी 67368 लाइन में से पिछले साल 35488 किमी किया जा चुका है, जबकि 31 मार्च 2020 तक 41488 के करीब करना है।
आजादी से पहले 388 और अब 41488 विद्युतीकरण
आजादी से पहले की बात करें सन 1925 से 1947 तक 388 किमी रेलवे विद्युतीकरण हुआ था, जबकि अब 35488 किलोमीटर है। 1948-2013 में यह आंकड़ा 21191, 2013-14 में 21801 किमी, 2014-15 में 22977 किमी, 2015-16 में 24479, 2016-17 में 26125 किमी, 2017-18 में 30212 किमी, 2018-19 में 35488, 2019-20 में 41488 किमी. विद्युतीकरण किया जा रहा है। 2020-21 में यह लक्ष्य 7 हजार किमी और बढ़ाया जा सकता है।
मार्च 2020 तक पूरा करना 4 हजार किमी का लक्ष्य
केंद्रीय रेलवे विद्युत संगठन इलाहाबाद (कोर ) की बात करें तो 2019-20 में अहमदाबाद चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर (सीपीडी) का लक्ष्य देश भर में सबसे अधिक अहमदाबाद 870 किमी रखा है। सन 2018-19 में कोर ने 3613 किमी सर्वक्षेष्ठ लक्ष्य तय किया था जबकि इस 2019-20 में करीब 4000 का 31 मार्च 2020 तक पूरा करना है, इस तरह विद्युतीकरण का रखा लक्ष्य सीपीडी किलोमीटर अहमदाबाद 870 दानापुर 800 लखनऊ 655 सिकंदराबाद 403 जयपुर 417 अंबाला 390 न्यू जलपाइगुड़ी 131। नोट : यह लक्ष्य 31 मार्च 2020 तक पूरा करना है।
एक किमी. पर खर्च 70 लाख रेलवे विद्युतीकरण की बात करें, तो इस पर प्रति किलोमीटर का खर्च भी कम नहीं है। आंकड़े बताते हैं कि एक किलोमीटर रेलवे विद्युतीकरण करने में 65 से 70 लाख रुपये का खर्च आता है। इस में पावर हाउस, बिल्डिंग सहित अन्य खर्च भी शामिल हैं। मेन लाइन पर ट्रैफिक ब्लाक में आती हैं दिक्कतें रेलवे विद्युतीकरण करने के लिए सिर्फ बजट मंजूर होना ही काफी नहीं, इसके लिए मेन लाइन में ट्रैफिक ब्लाक मिलना भी जरूरी है। मेन लाइन पर ट्रेनों की संख्या अधिक होने कारण मंडल स्तर से ट्रैफिक ब्लाक मिलने में दिक्कत होती है।