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Budget 2020 Expectations: आयात पर अधिक कस्ट्म ड्यूटी चाहते हैं कारोबारी

Budget 2020 Expectations उद्योगपति जीएसटी की 28 प्रतिशत दर को घटाने की डिमांड कर रहे हैं। फरवरी में पेश होने वाले आम बजट से कारोबारियों को राहत की उम्मीद है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 11:13 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 04:33 PM (IST)
Budget 2020 Expectations: आयात पर अधिक कस्ट्म ड्यूटी चाहते हैं कारोबारी
Budget 2020 Expectations: आयात पर अधिक कस्ट्म ड्यूटी चाहते हैं कारोबारी

चंडीगढ़, बलवान करिवाल। जीएसटी रिटर्न फाइल करने और टैक्स रेवेन्यू जुटाने के मामले में चंडीगढ़ देश का नंबर वन शहर रहा है। यह तब है जब इंडस्ट्री स्थानीय और केंद्रीय दिक्कतों की वजह से पलायन कर रही है या दम तोड़ रही है। चंडीगढ़ नट-बोल्ट, फास्टनर और सेनेटरी आइटम्स का मैन्यूफेक्चरिंग हब रहा है, लेकिन आयातित सस्ते सामानों को टक्कर देने में चंडीगढ़ की इंडस्ट्री दम तोड़ रही है।

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कई उद्योगपति अब मैन्यूफैक्चरिंग का काम बंद कर केवल आयातित सामान बेचने का काम करने लगे हैं। इससे रोजगार भी खत्म हो रहा है। उद्योगपति जीएसटी की 28 प्रतिशत दर को घटाने की डिमांड कर रहे हैं। फरवरी में पेश होने वाले आम बजट से कारोबारियों को राहत की उम्मीद है। चैंबर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्रीज ने अपनी उम्मीदों का मांगपत्र वित्त मंत्री को भेजा है।

घरेलू उद्योग को सहयोग की जरूरत

मंगलानी चैंबर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट नवीन मंगलानी ने कहा कि जीएसटी तो जुलाई, 2017 में लागू हुआ है। उद्योगपति तो ऐसे हैं जिनके जीएसटी लागू होने से पहले वाली वैट व्यवस्था के असेसमेंट मामले लंबित पड़े हैं। चैंबर केंद्र सरकार से आम बजट में डीम्ड असेस्मेंट कराने की मांग करता है। जब तक पुरानी व्यवस्था का ठीक से हिसाब नहीं होगा और उसे पीछे नहीं छोड़ा जाएगा, तब तक इंडस्ट्री की दिक्कतें खत्म नहीं होंगी। डोमेस्टिक इंडस्ट्री को सरकार के सहयोग की जरूरत है।

मेक इन इंडिया का सपना घरेलू उद्योगों के बिना संभव नहीं है। चीन, दक्षिण कोरिया, जापान जैसे देशों से आयातित सामानों पर बहुत कम कस्टम ड्यूटी लग रही है। इससे इसकी कीमत घरेलू उत्पादित सामानों से भी कम है। इस स्थिति में घरेलू उद्योग के समक्ष संकट है। सरकार इस सामान पर ड्यूटी बढ़ाए या प्रतिबंधित करे, तभी स्थानीय उद्योग बचेंगे।

जीएसटी रिटर्न को आसान बनाया जाए

भसीन कारोबारी अवी भसीन ने कहा कि जीएसटी की 28 प्रतिशत स्लैब इंडस्ट्री के साथ आम लोगों पर भी असर डाल रही है। जीएसटी रिटर्न को आसान बनाया जाए। चंडीगढ़ रेवेन्यू सबसे ज्यादा देता है तो इंडस्ट्री के विकास पर ध्यान भी देना चाहिए।

बजट बिजनेस फ्रेंडली होना चाहिए

चंद्र वर्माचंडीगढ़ इंडस्ट्रियल कन्वर्टेड प्लॉट एसोसिएशन के चेयरमैन चंद्र वर्मा ने कहा कि बजट बिजनेस फ्रेंडली होना चाहिए। सुविधाओं के अभाव में इंडस्ट्री दम तोड़ रही है। जीएसटी को सरल किया जाए, क्योंकि वे रोजगार देने के साथ टैक्स भी देती हैं।


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